प्रियंक कानूनगो को थाने में निरीक्षण के लिए एएसआई ने रोका, बोला- बिना पूछे नहीं आ सकते

NHRC के सदस्य प्रियंक कानूनगो को जबलपुर जिले के शहपुरा थाने में निरीक्षण के दौरान अभद्रता का सामना करना पड़ा। एएसआई ने निरीक्षण से इंकार किया और कहा कि बिना पूर्व सूचना के थाने में नहीं आ सकते। 

author-image
Sandeep Kumar
New Update
priyanka-kanung
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Jabalpur: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य प्रियंक कानूनगो हाल ही में मध्यप्रदेश के दौरे पर थे। जबलपुर जिले के शहपुरा थाने का निरीक्षण करने के दौरान उन्हें अप्रत्याशित रूप से अभद्रता का सामना करना पड़ा। प्रियंक कानूनगो थाने में बंदियों की गणना और रिकॉर्ड चेक करने पहुंचे थे, लेकिन थाने में कोई सीनियर अधिकारी मौजूद नहीं था, केवल दो कांस्टेबल थे। जब प्रियंक ने रिकॉर्ड चेक करने के लिए सब इंस्पेक्टर को बुलाया, तो उन्होंने निरीक्षण में सहयोग करने से इंकार कर दिया।

एएसआई ने निरीक्षण से इंकार किया

आरोप है कि सब इंस्पेक्टर ने प्रियंक कानूनगो से यह तक कह दिया कि "आप बिना पूर्व सूचना के थाने नहीं आ सकते"। इस असहयोग और अभद्रता की घटना पर प्रियंक ने अपने X (पूर्व Twitter) हैंडल पर मप्र पुलिस डिपार्टमेंट और डीजीपी से सवाल किया कि उन्हें अब निरीक्षण के लिए किससे अनुमति लेनी होगी। प्रियंक का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।

ये भी पढ़ें...प्रियंका गांधी रणथंभौर पहुंची, टाइगर सफारी का है कार्यक्रम, सुरक्षा व्यवस्था भी की गई मजबूत

NHRC की कार्रवाई

प्रियंक कानूनगो का दौरा सिर्फ निरीक्षण तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने शहपुरा थाने में कुछ समय पहले हुई एक गंभीर घटना का भी संज्ञान लिया। बताया जाता है कि कुछ महीने पहले एक व्यक्ति को शराब रखने के शक में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन छापेमारी में कुछ नहीं मिलने पर पुलिस ने उसे बुरी तरह मारा था। उसकी पीठ, कमर और आंख में चोट आई थी, और एमएलसी के बाद यह मामला सामने आया था। प्रियंक ने इस घटना को भी आयोग के संज्ञान में लिया और पुलिस अधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग की।

ये भी पढ़ें...अतीक वारी ने बनाई फर्जी मछली पालन समिति, प्रियंक कानूनगो ने ऐसे किया पर्दाफाश

पुलिस विभाग का संज्ञान और कार्रवाई

प्रियंक कानूनगो के सोशल मीडिया पर डीजीपी से सवाल करने और पुलिस विभाग के खिलाफ आरोप लगाने के बाद जबलपुर पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। जबलपुर एएसपी एसके शर्मा ने इस मामले की जांच के लिए एक प्रतिवेदन तैयार किया और एसपी को सौंपा। उन्होंने बताया कि इस मामले में प्रियंक कानूनगो से फोन पर बात हुई थी और उन्होंने कहा कि थाने में उनसे ठीक बर्ताव किया गया। हालांकि, विभागीय कार्रवाई की जाएगी और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ये भी पढ़ें...रायसेन में एक बार फिर धर्म परिवर्तन का मामला, बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पकड़ा 

ये भी पढ़ें...उमंग सिंघार का बड़ा आरोप, कहा- स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियों का पाक कनेक्शन

आयोग और पुलिस महकमे में टकराव की स्थिति

प्रियंक कानूनगो का इस मामले में उठाया गया सवाल न केवल मप्र पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अधिकारियों के बीच सहमति और कामकाजी संबंधों की स्थिति कैसी है। इससे पहले भी मानवाधिकार आयोग ने कई मामलों में हस्तक्षेप किया है, लेकिन इस तरह का मामला सीधे सोशल मीडिया पर उठाने से पुलिस विभाग में एक नई चुनौती उत्पन्न हो गई है। अब देखना यह होगा कि पुलिस विभाग इस मामले में कितनी जल्दी कार्रवाई करता है और क्या प्रियंक कानूनगो को सही जवाब मिल पाता है।

प्रियंक कानूनगो पुलिस विभाग NHRC मध्यप्रदेश जबलपुर एएसआई
Advertisment