इस साल फिर नहीं हो सकेंगे IPS अफसरों के तबादले, ये है बड़ी वजह

भोपाल में वर्ष 2010 और 2011 बैच के कई आईपीएस अफसरों के लिए पदोन्नति एक बड़ी चुनौती बन गई है। एक जनवरी 2024 को डीआईजी से आईजी बनने वाले अफसरों की संख्या कम होने और केंद्र सरकार से अतिरिक्त पदों की मंजूरी न मिलने के कारण अफसरों की पदोन्नति रुकी रह सकती है।

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CHAKRESH
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भोपाल में वर्ष 2010 और 2011 बैच के कई आईपीएस अफसरों के लिए पदोन्नति एक बड़ी चुनौती बन गई है। एक जनवरी 2024 को डीआईजी से आईजी बनने वाले अफसरों की संख्या कम होने और केंद्र सरकार से अतिरिक्त पदों की मंजूरी न मिलने के कारण अफसरों की पदोन्नति रुकी रह सकती है।
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मध्यप्रदेश में साल 2010 और 2011 बैच के कई आईपीएस (IPS) अफसरों को इस साल भी पदोन्नति (Promotion) का संकट झेलना पड़ सकता है। दरअसल, एक जनवरी 2024 को डीआईजी से आईजी बनने वाले अफसरों की संख्या सीमित है, जबकि DIG पोस्ट पर प्रमोशन के दावेदार दोगुने हैं। दूसरी ओर केंद्र सरकार डीआईजी के अतिरिक्त पदों को मंजूरी देने के लिए तैयार नहीं है। इससे करीब एक दर्जन अफसरों की पदोन्नति (Promotion) रुक सकती है। इनमें से कुछ अफसर 16 साल की सेवा के बाद भी डीआईजी नहीं बन पाएंगे। इससे लगातार दूसरे साल भी उनकी पदोन्नति रुकी रह सकती है।

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पुलिस मुख्यालय ने सात अफसरों का भेजा था प्रस्ताव

पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) ने प्रस्ताव भेजा था कि वर्ष 2010 बैच के 11 और 2011 बैच के 7 अफसरों को एक जनवरी को डीआईजी पद पर पदोन्नति दी जाए। परंतु प्रदेश में उपलब्ध डीआईजी (DIG) पदों की संख्या इतनी नहीं है, जितने अफसर इस पद के लिए पात्र हो चुके हैं। आमतौर पर 14 साल की सेवा के बाद इन अफसरों को डीआईजी के पद पर पदोन्नति मिलनी चाहिए। वर्ष 2010 बैच के अफसर जनवरी 2024 में पदोन्नति के लिए पात्र हो चुके थे, लेकिन डीआईजी के पद खाली नहीं होने के कारण उनमें से 11 अफसरों की पदोन्नति नहीं हो सकी थी।

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आखिर पेंच कहां फंसा है?

दरअसल इस साल जनवरी में वर्ष 2007 बैच के कुछ अफसर डीआईजी से आईजी के पद पर पदोन्नत होंगे। इस बैच में केवल 5 अफसर हैं जो आईजी बनेंगे, जिससे डीआईजी के केवल पांच पद ही रिक्त होंगे। एक बार फिर से वही समस्या सामने खड़ी हो गई है, जहां पदों की संख्या सीमित है और पात्र अफसर अधिक हैं। अगर सिर्फ खाली पदों पर ही पदोन्नति मिली तो इस बार भी केवल 5 अफसर ही डीआईजी बन सकेंगे। यदि केंद्र ने अतिरिक्त पदों की अनुमति नहीं दी, तो इस बैच के 6 अफसरों और 2011 बैच के 7 अफसरों को इस साल डीआईजी बनने का मौका नहीं मिलेगा।

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हालांकि, डीआईजी पद के लिए समय पर पदोन्नति न मिलने से अफसरों के करियर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारतीय पुलिस सेवा में 18 साल की सेवा के बाद आईजी पद के लिए पदोन्नति मिल जाती है। इसका अर्थ है कि भले ही ये अफसर 15 या 16 साल की सेवा में डीआईजी बने, परंतु आईजी वे अपनी 18 साल की सेवा पूरी करने पर बन सकते हैं। इसलिए माना जा रहा है कि इनमें से अधिकतर अफसरों को इसके कारण किसी तरह का नुकसान नहीं होगा।

वर्ष 2010 बैच के ये अफसर अभी नहीं बने डीआईजी

  • एसएसपी रेडियो विजय खत्री 
  • एसपी अशोक नगर विनीत कुमार जैन 
  • एसपी धार मनोज कुमार राय 
  • एआईजी पुलिस मुख्यालय राकेश कुमार सिंह 
  • कमांडेंट 25 वीं वाहिनी राजेश सिंह चंदेल
  • कमांडेंट 32 वीं वाहिनी शशींद्र चौहान 
  • कमांडेंट सैकेंड बटालियन राकेश कुमार सगर 
  • कमांडेंट 34 वीं वाहिनी भगत सिंह बिरदे
  • एआईजी विजिलेंस आरएस बेलवंशी
  • एआईजी महिला सुरक्षा शाखा किरणलता केरकट्टा
  • एसपी खंडवा मनोज कुमार राय 

 इनकी सेवा के हो रहे 14 साल

  • डिप्टी कमिश्नर भोपाल रियाज इकबाल
  • एआईजी जबलपुर आदित्य प्रताप सिंह
  • एसपी रेल भोपाल राहुल कुमार लोढा
  • एसपी रेल जबलपुर सिमाला प्रसाद 
  • एसपी भिंड असित यादव
  • कमांडेंट 9 वीं वाहिनी सुशील रंजन सिंह
  • डिप्टी कमिश्नर भोपाल संजय कुमार सिंह 

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