आगामी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' को लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को इंदौर शहरकाजी डॉ. इशरत अली के नेतृत्व में मुस्लिम समाज का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर कार्यालय पहुंचा और फिल्म के ट्रेलर में दिखाई गई आपत्तिजनक सामग्री के विरोध में कलेक्टर आशीष सिंह को ज्ञापन सौंपा।
यह दिया ज्ञापन
इस ज्ञापन को अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन जामा मस्जिद, शहर इंदौर की ओर से प्रस्तुत किया गया। समाज के प्रतिनिधियों ने फिल्म के ट्रेलर में इस्लाम, पैगम्बर और धार्मिक नेताओं के प्रति कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर गहरी आपत्ति जताई। इसे करोड़ों मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। ज्ञापन सौंपने के लिए मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि अपनी बात रखने कलेक्टोरेट पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मांगें संविधान और धार्मिक मर्यादाओं की रक्षा के लिए हैं।
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ट्रेलर पर आपत्ति, धार्मिक भावनाओं के अपमान का आरोप
ज्ञापन में कहा गया कि फिल्म के ट्रेलर में पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं, जो न केवल आस्था पर हमला है, बल्कि समाज में नफरत और वैमनस्य फैलाने का प्रयास भी है। प्रतिनिधिमंडल ने इसे भारत की धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक सहिष्णुता की भावना के विरुद्ध बताते हुए फिल्म के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।
दोषियों पर कार्रवाई की मांग
मुफ्ती-ए-आजम मालवा मौलाना नूरुल हक नूरी ने कहा कि फिल्म में जानबूझकर आपत्तिजनक शब्दों और संवादों का उपयोग किया गया है, जिससे देश के शांतिपूर्ण माहौल पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। उन्होंने फिल्म निर्माताओं और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग भी की।
कलेक्टर ने उचित कार्रवाई का दिया आश्वासन
इस दौरान कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा, “शहरकाजी और अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन संस्था की ओर से जो ज्ञापन दिया गया है, उसमें कुछ आपत्तिजनक चीजों की बात कही गई है। इस ज्ञापन को संबंधित उच्च स्तर पर भेजा जाएगा, और जरूरी कार्रवाई की जाएगी।”
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