31 साल से PWD विभाग में अटके अफसर, ट्रांसफर पॉलिसी के बावजूद मे इंजीनियर, सब इंजीनियर
मध्यप्रदेश सरकार की तबादला नीति में तीन साल से एक जगह जमे अधिकारी-कर्मचारी को हटाना तय है, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग में यह नियम 'कागज' से आगे नहीं बढ़ सका।
मध्य प्रदेश में इस समय ट्रांसफर का सीजन चल रहा है। अधिकतर विभागों में तीन साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ अफसरों के तबादले किए जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD) इस बीच अपवाद बना हुआ है। PWD में नियमों की अनदेखी खुलेआम हो रही है और एक 3 या 4 साल नहीं बल्कि 10 साल से ज्यादा समय से यहां अफसर जमे हुए हैं।
सब इंजीनियर 31 साल से एक ही जगह जमे
357 सब इंजीनियर 10 से 31 साल तक एक ही जगह PWD के 357 सब इंजीनियर (उपयंत्री) ऐसे हैं जो एक ही जगह 10 से लेकर 31 साल से पदस्थ हैं। इनमें से 9 उपयंत्री ऐसे हैं जो पूरे 31 साल से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं। इसके बावजूद इनका तबादला अब तक नहीं किया गया।
मंत्री भी लाचार, सिफारिशें बनीं कवच
विभागीय मंत्री भी इन सब इंजीनियरों का तबादला कराने में असफल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अधिकतर सब इंजीनियर ने किसी न किसी रसूखदार या जनप्रतिनिधि से सिफारिश लगवा रखी है। यही वजह है कि सालों से अफसर एक ही जगह पर नौकरी कर रहे हैं। कुछ साल पहले प्रयास जरूर हुआ था, लेकिन चार से छह महीने के अंदर ही सभी वापस अपनी पुरानी पोस्टिंग पर लौट आए।
क्लास-वन अफसरों पर दिखा असर
PWD में क्लास-वन अधिकारियों जैसे सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर (SE), एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (EE) और एसडीओ के तबादले जरूर किए गए हैं। पांच साल से अधिक पदस्थ 10 EE में से 9 के ट्रांसफर हो गए, जबकि 3 से 5 साल वाले EE में से सिर्फ एक ही बचे हैं। SE और SDO भी हटाए गए, लेकिन उपयंत्री अभी तक यथावत हैं।
MP सरकार की नीति कहती है कि 3 साल के बाद ट्रांसफर अनिवार्य है। मगर पीडब्ल्यूडी में यह नीति महज फाइलों तक सिमटकर रह गई है। जब क्लास-वन अधिकारी बदले जा सकते हैं, तो सब इंजीनियरों पर यह नियम क्यों नहीं लागू किया जा रहा, यह एक बड़ा सवाल है।