रीवा में 10 साल के बच्चे की मौत हो गई है। बच्चे की मौत इलाज के दौरान हुई थी। रीवा के एक झोलाछाप डॉक्टर ने 6 घंटे में बच्चे को एक के बाद एक ग्लूकोज की 7 बोतल चढ़ा दीं। हालत में सुधार होने की जगह बच्चे की नाक से खून और मुंह से झाग आ गया।
मजबूरी में ले गए झोलाछाप के पास
सोहागी थाने के चौरा गांव के मकबूल अहमद का कहना है कि बेटे मोहम्मद साजिद अहमद को रविवार शाम से उल्टी - दस्त की शिकायत थी। उसे गांव के ही एक डॉक्टर (झोलाछाप) को दिखाया, लेकिन आराम नहीं हुआ। सोमवार को रायपुर सुनौरी उप स्वास्थ्य केंद्र ले गए। मौके पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। मजबूरी में एक अन्य डॉक्टर (झोलाछाप) के यहां ले जाना पड़ा।
नहीं बच पाया बेटा
मकबूल का कहना है कि इस डॉक्टर ने बच्चे को अपने यहां भर्ती किया। रात 9 बजे से 3 बजे तक बोतल चढ़ाता रहा और इंजेक्शन लगाता रहा। बच्चा बेहोश हो गया और उसकी नाक से खून और मुंह से झाग निकलने लगा। हम घबरा गए और उसे प्रयागराज ले जाने के लिए रवाना हुए, लेकिन बचा नहीं पाए।
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झोलाझाप डॉक्टर फरार
सोहागी थाना प्रभारी जानकी प्रसाद ठाकुर का कहना है कि परिजन की शिकायत पर जांच की जा रही है। जांच में जो भी सामने आएगा, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल दोनों झोलाछाप डॉक्टर फरार हैं।
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