MP News : इंदौर के खंडवा रोड स्थित क्वींस कॉलेज में फीस बढ़ाने के नाम पर मनमानी सामने आई है। फीस बढ़ोतरी के खिलाफ मंगलवार को दर्जनों पैरेंट्स एकजुट हुए और क्वींस कॉलेज के बाहर जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की।
स्कूल पहुंचे पैरेंट्स ने स्कूल मैनेजमेंट से कहा कि बिना किसी वजह के हर साल फीस बढ़ाई जा रही है, जिससे मिडिल क्लास फैमिली परेशान हो चुकी है। पैरेंट्स ने कहा जिम्मेदारों द्वारा हमें बोला जा रहा है कि साल 2028 में स्कूल में कुछ सुविधाएं बढ़ाने जा रहे हैं इसलिए फीस में बढ़ोतरी की गई, जबकि ये गलत है बिना किसी बड़े रीजन के फीस नहीं बढ़ाई जा सकती है।
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क्वींस कॉलेज पर पैरेंट्स ने लगाया आरोप
पैरेंट्स ने बताया जब हम सारे पैरेंट्स इकट्ठा होकर पहुंचे और हमने फीस की बढ़ोतरी का कारण पूछा तो हमें बोला गया कि साल 2028 में जो सुविधाएं बच्चों को मिलेंगी, उसकी फीस अभी से भरनी पड़ेगी। भले ही वो सुविधा आज मिल रही हो या नहीं। इस पर पैरेंट्स भडक़ गए और कहा जब सुविधा साल 2028 में देने वाले हो तो फीस भी उसी टाइम लेना, अभी क्यों ली जा रही है...?
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जाएंगे कलेक्टर के पास
पैरेंट्स का कहना है कि अगर स्कूल मैनेजमेंट फीस कम नहीं करता है या समाधान नहीं निकालता है तो हम सभी पैरेंट्स जल्द ही इंदौर कलेक्टर के पास जाकर लिखित में शिकायत करेंगे और न्याय की गुहार लगाएंगे।
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पैरेंट्स की मांग
-पुरानी फीस स्ट्रक्चर लागू हो
-साल 2028 की सुविधाओं का पैसा अभी ना लिया जाए।
-फीस बढ़ोतरी का आधार स्पष्ट किया जाए।
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ये कहना है स्कूल के जिम्मेदार व्यक्ति का :-
शासन के निर्देशानुसार बढ़ाई है फीस
क्वींस कॉलेज कमेटी मेंबर ने बताया 500 रुपए हर माह एक बच्चे से ले रहे है और ये सभी को देना अनिवार्य नहीं है और इसके बदले में काउंसलिंग, करियर काउंसलिंग और सेमिनार के लिए अलग से टीम बुलवाई जाती थी। ये वैकल्पिक है और जो भी फीस बढ़ाई है वो शासन के निर्देशानुसार बढ़ाई है।
स्कूल के जिम्मेदारों ने दिया ये जवाब :-
क्वींस कॉलेज के ओनर रमेश मूलचंदानी से जब द सूत्र ने इस विषय पर बात की तो उन्होंने ये कहा :-
-मंगलवार को क्लींस कॉलेज के बाहर करीब 50-60 पैरेंट्स आए थे और हंगामा कर रहे थे। दरअसल, उन्हें एनुअल चार्जेस को लेकर कुछ कन्फ्यूजन था कि जो पैसे मंथली लिए जा रहे हैं वो कंपल्सरी है जबकि ऐसा नहीं है वो चार्जेस जिन्हें देना था वे दें, जिन्हें नहीं देना वे न दे।
-दरअसल, हम सीबीएसई के तहत प्रतिमाह 500 रुपए चार्ज पैरेंट्स से ले रहे थे जिसमें दिल्ली की स्पेशल टीम बच्चों और उनके पैरेंट्स को भी स्पेशल एजुकेशन देगी और काउंसलिंग भी होगी।
-इस तरह प्रतिमाह तीन दिन की क्लास लगती और परंतु कुछ पैरेंट्स को लगा कि सभी को ये अमाउंट देना है जबकि ऐसा नहीं था। बल्कि इसमें तो बीच में भी विड्रा कर सकते थे।
-साथ ही गवर्नमेंट की गाइडलाइन के चलते नियमानुसार 8 से 10 प्रतिशत फीस में जो प्रतिवर्ष बढ़ोतरी होती है वो की गई है। इसके लिए पैरेंट्स को कोई आपत्ति भी नहीं थी
(रमेश मूलचंदानी ने बताया क्लींस कॉलेज की प्रिंसिपल गीता सोमशेखरन ये सब बात करने के लिए अथॉराइज्ड हैं मैं नहीं।)