मध्य प्रदेश में इन दिनों जबरदस्त बवाल मचा हुआ है। 31 दिसंबर की देर रात MPPSC ने साल 2025 के लिए नोटिफिकेशन जारी किया। जिसमें महज 158 ही पदों के लिए अधिसूचना जारी की गई। इसके बाद छात्रों ने एक बार फिर से आयोग को प्रदर्शन करने के लिए चुनौती दे रहे थे। इसी सिलसिले में पहली जनवरी को ही NEYU के दो सदस्य राधे जाट और रणजीत किसानवंशी को गिरफ्तार कर लिया गया। अब इसी को लेकर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एमपी सरकार को घेरा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर भाजपा पर छात्रों के भविष्य खत्म करने का आरोप लगाया है।
राहुल का भाजपा पर हमला
अमेठी से सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, भाजपा भारत के युवाओं का बिल्कुल एकलव्य जैसा अंगूठा काट रही है, उनका भविष्य मिटा रही है। सरकारी भर्ती में विफलता बड़ा अन्याय है। पहले तो भर्ती नहीं निकलती। भर्ती निकल जाए तो एग्जाम समय पर नहीं होते। एग्जाम हो तो पेपर लीक करवा दिए जाते हैं। और जब युवा न्याय मांगते हैं तब उनकी आवाज को बेरहमी से कुचला जाता है।
भाजपा भारत के युवाओं का बिल्कुल एकलव्य जैसा अंगूठा काट रही है, उनका भविष्य मिटा रही है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 3, 2025
सरकारी भर्ती में विफलता बड़ा अन्याय है। पहले तो भर्ती नहीं निकलती। भर्ती निकल जाए तो एग्जाम समय पर नहीं होते। एग्जाम हो तो पेपर लीक करवा दिए जाते हैं। और जब युवा न्याय मांगते हैं तब उनकी… https://t.co/k7zD2TrDB4
राहुल ने बिहार का भी किया जिक्र
राहुल ने आगे लिखा, हाल ही में UP और बिहार की घटनाओं के बाद अब मध्यप्रदेश में MPPSC में हुई गड़बड़ी का विरोध कर रहे दो छात्रों को जेल में डाल दिया गया है। वो भी तब जब मुख्यमंत्री ने खुद छात्रों से मुलाकात कर उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था। BJP की सरकार ने छात्रों के भरोसे को तोड़ा है और लोकतांत्रिक प्रणाली का गला घोंटा है।
कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि छात्रों के अधिकार की लड़ाई में हम उनके साथ हैं। भाजपा को देश के युवाओं के हक की आवाज किसी कीमत पर दबाने नहीं देंगे।
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उमंग सिंघार ने लिखा था पत्र
बता दें कि राहुल गांधी से पहले मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मोहन यादव को एक लेटर लिखा था। इसमें उन्होंने सीएम यादव से मांग की थी कि मुख्यमंत्री मोहन यादव जी मध्यप्रदेश में कई विभागों में पद खाली है। प्रदेश के छात्रों को कुछ पदों की रेवड़ी न दे। मध्य प्रदेश सरकार कुल कितने पद भर सकती है MPPSC के माध्यम से स्पष्ट करें। प्रदेश के होनहार युवाओ के भविष्य के साथ न खेले।
मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी मध्यप्रदेश में कई विभागो में पद खाली है। प्रदेश के छात्रों को कुछ पदों की रेवड़ी न दे! मध्य प्रदेश सरकार कुल कितने पद भर सकती है #MPPSC के माध्यम से स्पष्ट करें। प्रदेश के होनहार युवाओ के भविष्य के साथ न खेले। @NEYU4INDIA @INCIndia @IYCMadhya… pic.twitter.com/FXkVqzyZDm
— Umang Singhar (@UmangSinghar) January 2, 2025
वहीं एक अन्य पोस्ट में सिंघार ने आगे लिखा कि MPPSC छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है, युवाओं से खिलवाड़ मतलब आग से खिलवाड़!
कमलनाथ ने भी बोला हमला
बता दें कि इस पूरे मामले पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने अपने अधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लिखा कि छात्रों को इस तरह से गिरफ्तार कर जेल भेजना सरासर अन्याय है। अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना हर नागरिक अधिकार है। मैं छात्रों की तुरंत रिहाई की मांग करता हूं।
छात्रों को इस तरह से गिरफ़्तार कर जेल भेजना सरासर अन्याय है। अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना हर नागरिक अधिकार है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 2, 2025
मैं छात्रों की तुरंत रिहाई की माँग करता हूँ। https://t.co/Zuq4MEFmyM
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गिरफ्तारी पर क्या बोला NEYU?
वहीं इस पूरे मामले पर NEYU यानी National Educated Youth Union ने कहा कि कल 1 जनवरी को मध्यप्रदेश पुलिस NEYU के राधे और रणजीत को घर से ले गई थी और आज उनको अनेक धाराओं में जेल भेज दिया गया हैI उनका यही जुर्म है कि MPPSC PROTEST का नेतृत्व करते हुए छात्रों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। यूनियन ने आगे लिखा कि मुख्यमंत्री जी ने खुद बुलाकर आंदोलन खत्म करने का बोलकर मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था। हालांकि, कुछ दिन बाद मांगें पूरी न करके सभी छात्रों के साथ धोखा दिया हमारे साथियों को जेल भेज दिया।
कल 1 जनवरी को मध्यप्रदेश पुलिस NEYU के @Radhejat1983 एवं @Ranjeetfarmer को घर से ले गई थी और आज उनको अनेक धाराओं में जेल भेज दिया गया हैI
— National Educated Youth Union (@NEYU4INDIA) January 2, 2025
जुर्म: #MPPSC_PROTEST का नेतृत्व करते हुए छात्रों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई..
मुख्यमंत्री जी ने खुद बुलाकर आंदोलन खत्म करने का बोलकर… pic.twitter.com/mOWHOdaurJ
'युवाओं के साथ अत्याचार'
छात्रों की इतनी सामान्य मांगें हैं कि किसी भी सरकार के संज्ञान में आएं तो तुरंत पूरी की जाती है। पर ये मांगें क्यों पूरी करेंगे इनको तो यह दिखाना है कि हम जो भीख में दें वह चुपचाप ले लो। जनता को मांग रखने का कोई अधिकार नहीं हैI युवाओं के साथ यह अन्याय,तानाशाही, अत्याचार मध्यप्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रहा हैI
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