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MP के रायसेन जिले में शिक्षकों के तबादले को लेकर बड़ा प्रशासनिक विवाद सामने आया है। जिल के 200 शिक्षकों का तबादला डीईओ और मंत्रीजी के स्टाफ के बीच चली खींचतान के कारण नहीं सका। अब पोर्टल बंद हो गया है और शिक्षकों को तबादले के लिए अगले साल का इंतजार करना होगा। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) डीडी रजक ने दावा किया कि मंत्री का स्टाफ मोबाइल पर ही शिक्षकों के नाम टाइप कराकर पोर्टल में दर्ज करवाना चाहता था, जिसे उन्होंने मना कर दिया। वहीं मंत्री जी के स्टाफ का दावा है कि डीईओ को 8 फोन किए लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।
200 शिक्षकों की लिस्ट बनी, पोर्टल पर नाम नहीं चढ़ा
13 जून को प्रभारी मंत्री नारायण सिंह पंवार ने शिक्षकों के तबादले की सूची को अप्रूवल अनुमोदन दे दिया था। इसके बाद भी 14 जून की रात तक कोई भी नाम पोर्टल में दर्ज नहीं हुआ। डीईओ का दाबा है कि एक रफ सूची लेकर मंत्री के बंगले पर पहुंचे थे, लेकिन तबादला प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। अब शिक्षकों को अगले साल तक इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल शिक्षा विभाग की एंट्री की अंतिम समय सीमा 14 जून रात 12 बजे तय थी। इस तय समय के बाद पोर्टल लॉक हो गया और प्रक्रिया वहीं रुक गई।
प्रभारी मंत्री ने भी जताई नाराजगी
प्रभारी मंत्री नारायण सिंह पंवार ने घटना को गंभीर मानते हुए शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने इसमें जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है। मंत्री ने साफ कहा कि तबादलों में देरी से कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की उम्मीदें टूटी हैं।
प्रस्तावों को समय रहते अनुमति मिल गई थी, लेकिन विभाग ने प्रोसेस में चूक की। मंत्री ने इसे नीति 2025 के दिशा-निर्देशों के विरुद्ध माना है।
जनप्रतिनिधियों की आपत्ति, इसलिए पेंडिंग रखी गई लिस्ट
सूत्रों के अनुसार लिस्ट में करीब 70 नाम ऐसे थे, जिन पर जनप्रतिनिधियों की सिफारिशें थीं। इन नामों को हटने से रोकने के लिए तबादला सूची को आखिरी समय तक रोका गया। जैसे ही लास्ट डेट बीती, लिस्ट बेअसर हो गई और तबादला प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई।
ओएसडी का आरोप- 8 कॉल किए डीईओ ने नहीं उठाया फोन
प्रभारी मंत्री नारायण सिंह पंवार के ओएसडी अभिषेक चौरसिया का कहना है कि 14 जून की रात 12 बजे तक उन्होंने डीईओ को कॉल और मैसेज किए। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। डीईओ केवल एक रफ लिस्ट लेकर आए थे, जबकि उन्हें फाइनल सूची पोर्टल पर अपलोड करनी थी। 14 जून की रात 9:32 बजे से 11:59 बजे तक आठ बार फोन किया। उन्होंने एक भी कॉल रिसीव नहीं किया।
मंत्री कार्यालय जानना चाहता था कि एंट्री की प्रक्रिया कहां तक पहुंची। फोन कॉल्स अनसुनी रह गईं और 12 बजे के बाद पोर्टल बंद हो गया।
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डीईओ ने दी ये सफाई
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी डीडी रजक का कहना है कि सूची 13 जून को मिली। सूची देर से मिलने के कारण 14 जून की रात तक एंट्री पूरी नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि तकनीकी समय सीमा पूरी होने तक प्रोसेस शुरू नहीं हो पाया।
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डीईओ ने नहीं किया कलेक्टर को सूचित, नोटिस भी थमा
कलेक्टर और मंत्री के ओएसडी को तबादला लिस्ट की स्थिति की जानकारी नहीं दी गई। शिक्षा विभाग की इस बड़ी चूक पर रायसेन कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने डीईओ को नोटिस दिया है। कलेक्टर ने कहा कि अन्य विभागों ने समय पर प्रक्रिया पूरी कर दी थी।
अगर शिक्षा विभाग ने भी तय समय पर ऑनलाइन एंट्री की होती, तो तबादले पूरे हो सकते थे। अब डीईओ को इस चूक का जवाब देना होगा। नोटिस का जवाब डीईओ ने दे दिया है, लेकिन अब भी स्थिति साफ नहीं है कि अब इन शिक्षकों के ट्रांसफर का क्या होगा।
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