पवन सिलावट, रायसेन के सिंघोरी अभयारण्य से भटका एक बाघ पिछले 5 दिनों से डिमाड़ा गांव के आसपास देखा जा रहा है। बाघ ने एक सुअर, एक गाय और एक बकरी का भी शिकार किया। डिमाड़ा और अकोला के बीच गोहिया नाला के घने जंगल में उसने अपना डेरा बनाया और एक गुफा जैसी जगह पर आराम करता हुआ देखा गया।
बाघ वीडियो हो रहा वायरल
पिछले पांच दिनों से जंगल से भटके Tiger की वजह से डिमाड़ा के लोग दहशत में हे हैं। किसानों ने अपने खेतों पर जाना बंद कर दिया है और मजदूर धान की फसल काटने जाने से डर रहे हैं। एक राहगीर ने सुबह 6 बजे गोहिया नाले की पुलिया पर उसी Tiger को देखा। ग्रामीण पिछले पांच दिनों से बाघ की मौजूदगी की शिकायत वन विभाग से कर रहे हैं। शिकायत के बाद निगरानी के लिए एक वनरक्षक को निहत्थे भेजा गया है। वह सड़क के किनारे अकेले बैठकर निगरानी कर रहा है।
रायसेन में टाइगर मूवमेंट, झाड़ियों में बैठे दिखा बाघ, कई मवेशियों को बनाया अपना शिकार
— TheSootr (@TheSootr) November 2, 2024
➡पुलिस, वन विभाग रख रहे बाघ की गतिविधि पर नजर, मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने सोशल मीडिया पर शेयर की जानकारी #Raisen #MadhyaPradeshNews #Tiger #MPNews #TheSootr @minforestmp @JansamparkMP pic.twitter.com/jVbR3dE9tL
जल्द ही निजात मिलेगी
वहीं क्षेत्र के मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने सोशल मीडिया पर सतर्क रहने की अपील की और वन विभाग को Tiger को रेस्क्यू करने के निर्देश दिए। वन बिहार भोपाल की टीम आज डिमाड़ा आएगी। Tiger के आतंक से जल्द ही निजात मिलने की उम्मीद है।
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बाघ की निगरानी के लिए एक वनकर्मी भेजा
Tiger पिछले पांच दिनों से डिमाड़ा, समनापुर काछी, उटिया, अकोला गांव के आसपास घूम रहा है, कभी सड़क पर तो कभी खेतों में नजर आता है। भयभीत ग्रामीणों का कहना है कि हम अपने खेतों पर नहीं जा पा रहे हैं। शेर आए दिन मवेशियों का शिकार कर रहा है। वन विभाग के आला अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। Tiger की निगरानी के लिए एक वनकर्मी को भेजा गया था, वह भी निहत्था बैठा रहा। वहीं वनकर्मी का कहना है कि वन विभाग की टीम भोपाल से आ रही है, जबकि किसान धान की फसल काटने के लिए खेत में जाने से डर रहे हैं। वन विभाग से कई बार शिकायत करने के बावजूद Tiger को आए करीब 5 दिन हो गए हैं। ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है कि उसने एक गाय, दो बकरी और एक भैंस का शिकार किया है। गांव के लोग रात में भी डर के साये में जी रहे हैं।
चार माह पहले किया था रेस्क्यू
चार महीने पहले पन्ना और कान्हा टाइगर रिजर्व की टीमों ने रायसेन में Tiger पकड़ा था। इस टीम में पांच हाथी भी शामिल थे। लगभग 40 सदस्यीय टीम ने पांच हाथियों पर सवार होकर Tiger को पकड़ा था। बाघ के खौफ से लोगों का ग्रामीण क्षेत्रों में निकलना दूभर हो गया था। वन विभाग की टीम ने बाघ को हाथियों से रेस्क्यू किया था और इस पर करीब 30 लाख रुपए का खर्च आया था।
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