राजा रघुवंशी की हत्या थी कोल्ड ब्लडेड मर्डर, सोनम रघुवंशी ने की थी सटीक प्लानिंग

राजा रघुवंशी की हत्या उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी और प्रेमी राज की गहरी साजिश थी। दोनों ने शादी के पहले ही तय कर लिया था कि राजा को हनीमून पर ले जाकर मार दिया जाएगा।

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Sanjay Gupta
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मेघालय के शिलांग में हनीमून पर गए राजा रघुवंशी की हत्या उन्हीं की पत्नी सोनम रघुवंशी ने करवाई। हत्यारों ने सोनम के सामने ही यह हत्या की और इस दौरान सोनम उन्हें उकसाती रही और बोली इसे मार दो। मिसिंग केस में पीड़ित समझी जा रही सोनम रघुवंशी इस हनीमून मर्डर मिस्ट्री की मुख्य खलनायिका बनकर उभरी है। पुलिस को मिले सबूत और फिर पूछताछ में आई जानकारियों से यह साफ है कि राजा की हत्या- Cold Blooded Murder है, यानी ठंडे दिमाग से सोचा-समझकर पूरी प्लानिंग के साथ किया गया कत्ल। इस मर्डर प्लानिंग में राज और सोनम ने हर बारीक बातों का ध्यान रखा।  

क्यों है Cold Blooded Murder यह पूरी प्लानिंग से समझिए

  • राज और सोनम रिलेशनशिप में थे। अलग जाति और राज की गरीबी के चलते दोनों ने भागकर या घरवालों को बताकर शादी करने की प्लानिंग नहीं की। बल्कि तय हुआ कि शादी की जाए, इसके बाद पति (राजा) को मारकर विधवा बनकर राज से शादी की जाए। 
  • विधवा बनकर शादी करने से दो बड़े फायदे थे। पहला राज को सोनम के परिवार अपनाते तो सोनम की पिता देवी सिंह की फर्म, कंपनी में वह नौकर/कर्मचारी की जगह मालिक बन जाता। वहीं सोनम को राजा के परिवार से भी संपत्ति में हिस्से का मौका मिलता। 
  • शादी के लिए रोका फरवरी 2025 में हुआ और शादी 11 मई को हुई। इस दौरान राज और सोनम दोनों लगातार प्लानिंग करते रहे और खासकर प्लानिंग शादी के 11 दिन पहले शुरू हो गई। तय कर लिया था कि पति राजा को किसी भी हाल में मारना है। 
  • इसके बाद राज ने अपने दोस्तों विशाल चौहान, आकाश राजपूत, आनंद कुर्मी से संपर्क किया। इसी प्लानिंग के लिए राज, सोनम की शादी तक में नहीं गया।
  • 11 मई को राजा-सोनम की शादी हुई, 12 मई को सोनम राजा के घर पर पहुंची, लेकिन सुहागरात के दिन सोनम ने तथाकथित प्रेमी राज की खातिर राजा को पास भी नहीं आने दिया। 
  •  इसी दिन प्लानिंग का पहला हिस्सा अमल में आया और सोनम ने राजा को कहा कि कामाख्या देवी की मान ले रखी है।
  • राजा स्वभाव से सरल था और यह बात सोनम फरवरी से मई के बीच जान चुकी थी। राजा मान गया।
  • इसी दिन सोनम ने देर रात राज को मैसेज भी किया, इसे मार दो, अब सहन नहीं होता है। राज ने कहा- करता हूं।
  • सोनम ससुराल में केवल दो दिन 12 व 13 मई को ही रही और 14 मई को वह मायके चली गई।
  • इसके बाद 14 से 19 मई के बीच में राज और सोनम ने राजा के मर्डर की पूरी प्लानिंग कर ली।
  • राज ने सोनम को नई सिम, मोबाइल दिया, इससे सोनम केवल राज और हत्यारों के संपर्क में रही।
  • प्लान तय हो गया कि गुवाहटी में ही राजा को मार दिया जाएगा और यहां सफल नहीं हुए तो फिर शिलांग ले जाएंगे और वहां पर राजा को मारा जाएगा।
  • इस प्लानिंग में पहले यह भी तय हुआ कि राजा की हत्या के बाद सोनम को नदी में बह जाना बताएंगे। या फिर किसी महिला की हत्या कर उसकी बॉडी को जलाकर सोनम की आईडी रख देंगे।
  • ये दोनों ही प्लान उन्हें मजबूत नहीं लगे, इसलिए यह तय किया गया कि सोनम गायब रहेगी और उचित समय देखकर सिलीगुड़ी में सामने आएगी।
  • सोनम कहेगी कि किडनैप किया गया और हमें लूटा गया और पति राजा की हत्या कर दी। इस प्लान पर मुहर लग गई। सोनम ने अमल में लाना शुरू किया।
  • इसे अमल में लाने के लिए 19 मई को ही हत्यारे गुवाहटी पहुंच गए और जगह की रेकी की। साथ ही हत्या के लिए हथियार दाओ को खरीदा।
  • हत्यारों के साथ राज नहीं गया वह इंदौर से ही हत्यारों और सोनम के बीच कड़ी का काम कर रहा था।
  • सोनम ने राजा से बात की और कहा कि जो मान रखी हुई थी इसके लिए गुवाहटी चलना है। राजा तैयार हो गया। सोनम ने ही टिकट कराई, वहां से शिलांग जाएंगे यह किसी को नहीं बताया ना राजा को और ना ही परिजन को।
  • 20 मई को राजा घर से एयरपोर्ट गया और सोनम अपने घर (मायके) से एयरपोर्ट गई। लेकिन देखिए बारीक प्लानिंग, सोनम ने राजा को भारी सोने की चेन, अंगूठी और अन्य ज्वेलरी भी पहनने के लिए कहा।
  • राजा मान गया। लेकिन सोनम की प्लानिंग थी कि राजा की हत्या लुटेरों द्वारा की गई यह बताना है, और उसे किडनैप किया गया, इसके लिए यह भारी ज्वेलरी पहनाई गई, क्योंकि हत्या के बाद यह ज्वेलरी हत्यारे ले जाते और जब भी बॉडी मिलती तो लूट ही मानी जाती। 
  • 21 मई को दोनों गुवाहटी पहुंच जाते हैं। लेकिन यहां पर ऐसा कोई मौका नहीं मिला कि हत्यारे राजा को मार सके। सोनम हत्यारों पर गुस्सा भी होती है। इसके बाद सोनम, राजा को बोलती है कि अब हम शिलांग चलेंगे, राजा चौंक गया लेकिन सोनम ने कहा कि अभी और भी सरप्राइज हैं।
  • सोनम को नहीं पता था कि किस तारीख को वह राजा की हत्या का अपना प्लान अमल में ला पाएगी।
  • इसलिए हनीमून से लौटने के टिकट तक नहीं कराए गए। परिजन को तो राजा से बात करने के बाद पता चला कि वह शिलांग चले गए हैं।
  • राजा और सोनम 22 मई को शिलांग पहुंचे, हत्यारे भी पहुंच चुके थे। यहां बालाजी होटल में दोनों रूके और टूरिस्ट स्पाट देखे।
  • अब 22 मई में शिलांग आने के बाद 23 मई की दोपहर दो बजे तक हत्या के लिए एक के बाद एक तीन प्लान पर काम हुआ।
  • इसमें से दो प्लान फेल हो गए, तीसरे में सफल हुए। इसमें मुख्य रूप से सेल्फी लेते हुए राजा को खाई में फेंक देने का था।
  • पहले मेघालय के नौंग्रियाट जहां होम स्टे में रूके थे वहीं मारने का प्लान था, लेकिन यहां मौका नहीं मिला।
  • इसके बाद मौलखिया में धक्का देकर खाई में गिराकर मारने का प्लान था, लेकिन मौका नहीं मिला।
  •  दोनों 22 मई को नोंग्रियाट गांव के शिपारा होम स्टे गए। यहां भी राजा को मारने का प्लान सफल नहीं हुआ। इसके बाद दोनों 23 मई की दोपहर 2 बजे नोंग्रियाट से ऊपर आते हैं।
  •  इस चढ़ाई के दौरान तीनों हत्यारे भी राजा के साथ हो जाते हैं। 23 मई दोपहर में पार्किंग से उन्होंने अपनी स्कूटी ली और वाइसाडेम आ गए। हत्यारे भी अपनी स्कूटी से पीछे हो लिए।
  •  सोनम के प्लान के मुताबिक यहां से करीब 10 किलोमीटर ऊपर की ओर वाइसाडेम में एक सेल्फी पाइंट बना हुआ है। यहां पार्किंग में उन्होंने गाड़ी पार्क की।
  •  इसके बाद सोनम राजा को अपने साथ वाइसाडोम टूरिस्ट स्पाट मेन रोड से करीब 200 मीटर अंदर की ओर बने सेल्फी पाइंट पर पहुंचे।
  • राजा और सोनम वादियां देख रहे थे, तभी राजा को यूरीन आया और वहीं सेल्फी पाइंट के पास वह यूरीन करने लगा, तभी विशाल ने मौका देखकर राजा को दाओ से वार किया, सोनम ने भी चीखकर कहा कि मार दो इसे। फिर बाकी हत्यारों ने भी सोनम के सामने ही राजा पर एक-एक कर वार किए। राजा गिर गया। 
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इसी जगह पर राजा का मर्डर हुआ

 

  • हत्या की जगह से राजा को ऊंची रेलिंग से खाई में फेंकना मुश्किल था। इसके बाद हत्यारे राजा को उठाकर कोने में सेल्फी पाइंट तक ले जाते हैं, यहां एक चबूतरा जैसा बना हुआ है। यहां से फेंकने में मुश्किल नहीं होती। यहां सोनम ने भी राजा की बॉडी को पकड़ा और चारों ने मिलकर उसे गहरी खाई में फेंक दिया। यह पूरी घटना 23 मई की दोपहर दो से 2.18 बजे के बीच हो जाती है।
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इस रेलिंग से खाई में राजा का शव फेंका

 

  • आकाश के कपड़ों पर खून लगा तो उसने फेंक दिया , सोनम ने अपनी जैकेट दे दी। विशाल अपने दूसरे साथी आनंद के साथ निकला और सोनम व आकाश दूसरी गाड़ी से निकले, आगे आकर आकाश ने सोनम की दी जैकेट भी फेंक दी, इसमें भी ब्लड लगा था।
  •  सोहरा से 15 किलोमीटर दूर सोहरारिम गांव में आकाश ने स्कूटी में चाबी लगाकर उसे सड़क किनारे खड़ी कर दी। यहां से सोनम टैक्सी से शिलॉन्ग के पुलिस बाजार पहुंची। हत्यारे एक साथ हो गए और उधर सोनम अलग रूट से गुवाहटी पहुंची फिर सिलगुड़ी, पटना, लखनऊ होते ही 26 जून को इंदौर आ गई।
  • प्लानिंग की बारीकी देखिए, विशाल अपने साथ राज का दिया हुआ बुर्का भी लाया था, ताकि हत्या के बाद सोनम इसे पहनकर भाग सके और यही लगे कि सोनम भी मिसिंग है।
  • यदि हत्या का यह चौथा प्लान फेल होता तो तय किया था पाँचवा प्लान। इसके तहत सोहरा में सफल नहीं होने पर आऱोपियों ने और पत्नी सोनम ने शिलांग से 80 किमी दूर डावकी क्षेत्र में मारने का प्लान बनया था। यह एरिया बांग्लादेश सीमा के पास है और यहां पर उमनगाट नदी बहती है। घूमने के बहाने राजा को वहां लाया जाता और हत्या कर शव को नदी में बहा देते। 

अब इस कोल्ड ब्लेडड मर्डर का अगला चरण यह था

इस कोल्ड ब्लेड़ड मर्डर में अगला चरण था कि सोनम की पीड़ित दिखाना है। इसके लिए तय किया था कि सोनम को लंबे समय तक छिपे रहना है। हत्यारों और सोनम को उम्मीद थी कि राजा की बॉडी कभी मिलेगी ही नहीं और मिलेगी भी तो तब तक बहुत सड़ चुकी होगी ऐसे में लगभग सभी सबूत मिट चुके होंगे और फिर वह सिलीगुड़ी में सामने आती और बताती की पति को लूट के लिए लुटेरों ने मारा और उसे किडनैप कर लिया गया।

 लंबे समय तक छिपे रहने के लिए ही सोनम इंदौर लौटी थी, क्योंकि यहां पर हत्यारे विशाल चौहान ने देवास नाके पर फ्लैट भी तीन महीने के लिए किराए पर ले लिया था। जहां सोनम लंबे समय तक रूकी रही। इसके बाद प्लानिंग का अंतिम चरण था कि सोनम को सिलीगुड़ी जाना है और पुलिस के सामने पीड़ित के रूप में सामने आता है। इसके बाद मामला खत्म होने के बाद सोनम राजा की विधवा बनकर राज से शादी कर लेती और इस तरह कोल्ड ब्लडेड मर्डर की हैप्पी एंडिंग हो जाती। 

लेकिन ऐसे हो गया यह प्लान फेल

क्राइम करने वाला एक ना एक सबूत छोड़ ही जाता है। इस मामले में मेघालय पुलिस, सर्च टीम की मेहनत ने पानी फेर दिया। क्योंकि राजा की बॉडी उनकी उम्मीद से पहले ही 2 जून को ही बहुत जल्द मिल गई। वहीं गाइड को पुलिस ने बता दिया कि राजा के साथ तीन हिंदीभाषी युवक थे। वहीं 42 सीसीटीवी में एक सीसीटीवी फुटेज में यह हत्यारे दिख गए और सोनम भी दिख गई।

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इस खाई में राजा का शव मिला

 वहीं होटल में छोटा हुआ सूटकेस मिला जिसमें मंगलसूत्र रखा था, इससे शक सोनम पर गया कि कोई नई शादीशुदा महिला मंगलसूत्र कैसे छोड़ सकती है। फिर डिजिटल साक्ष्य से सामने आया कि सोनम का पेटीएम राज के नाम पर था। इसके बाद सोनम और राज के मोबाइल की कॉल डिटेल देखी तो यह शादी के पहले और बाद में भी घंटों बात करते हुए पाए गए। उधर हत्यारों ने जो गाड़ी किराए से ली वहां एक का आधार कार्ड मिल गया। इसके बाद मेघालय पुलिस को तय हो गया सोनम इसमें शामिल है।

पुलिस ने 8 जून को दो पुलिस टीम यूपी और एमपी के लिए बनाई और एमपी पुलिस को राज और विशाल चौहान की जानकारी दी। उधर यूपी में गई पुलिस ने सबसे पहले ललितपुर से एक आरोपी आकाश राजपूत की गिरफ्तारी ली। इसी दौरान राज को भनक लग गई और किसी के हाथों सोनम को संदेश पहुंचाया गया कि जहां भी हो पुलिस के सामने आ जाओ और तय की गई किडनैप कहानी बताओ।

उधर एमपी पुलिस ने नंदबाग से 8 जून की रात को राज और विशाल को पकड़ लिया। सोनम इसी दौरान 8-9 जून की दरमियानी रात को गाजीपुर के पास नंदगंज थाना एरिया में काशी ढाबे पर आ गई और खुद को किडनैप बताते हुए परिजनों को फोन करने के लिए ढाबे वाले से फोन लिया और भाई गोविंद से कहा भईया मैं बिट्टी, यहां हूं।

इसके पहले एक महिला ने बनारस में बस स्टैंड पर रात 11 बजे सोनम को देखा था, वह आराम से मैंगो ज्यूस पी रही थी और मुहं पर दुपट्टा बांधे गोरखपुर जाने वाली बस में बैठी और नंदगंज उतर गई थी। इसके बाद पुलिस ने बीना से चौथे हत्यारे आनंद कुर्म को भी गिरफ्तार कर लिया और फिर सभी को ट्रांजिट रिमांड पर शिलांग ले जाया गया। 

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राज मास्टमाइंड और सोनम पार्टनर

शिलांग कोर्ट ने सभी आरोपियों की 8 दिन की रिमांड पुलिस को दी और इसके बाद पूछताछ हुई। इसमें सामने आया कि राज इस हत्या का मास्टरमाइंड है और सोनम हर काम में पूरी तरह हिस्सेदार और पार्टनर रही है। यह हत्या लव ट्रांयगल है और इसमें पैसों का लेन-देन नहीं हुआ है, हत्यारों ने यह हत्या दोस्त राज को फेवर करने के लिए की थी।

राज और सोनम दोनों ही जल्द से जल्द राजा से मुक्ति चाहते, इसलिए हत्या के कई प्लान बनाए गए थे। हत्या के बाद सोनम सिलीगुड़ी में आती और खुद को पीड़ित बताकर बचने की कोशिश थी, लेकिन मेघालय पुलिस द्वारा केस क्रेक करने के चलते वह गाजीपुर में ही सामने आ गई।

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