BHOPAL. ग्वालियर राजघराने की राजमाता और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां, माधवी राजे सिंधिया ( Madhavi Raje Scindia ) का दिल्ली एम्स में 15 मई को निधन हो गया है। राजमाता 4500 करोड़ के 400 कमरे वाले महल में रहती थीं। उनका आलीशान महल 400 कमरे का है। आज भी इस महल की कीमत 45,000 करोड़ रुपए से ज्यादा है। वहीं, महल के अंदर मेहमानों को चांदी की ट्रेन से खाना परोसा जाता है। ग्वालियर का जय विलास पैलेस करीब 150 साल पुराना है। ( Rajmata Vijaya Raje Scindia Palace )
महल में 400 कमरे और चांदी की ट्रेन
राजमाता माधवी राजे सिंधिया एक रॉयल लाइफ जीती थीं। ग्वालियर में वह 400 कमरे के बने जय विलास पैलेस में रहती थीं। जय विलास पैलेस के आगे 5 स्टार होटल भी फेल है। आज भी लोग देश- विदेश से महल देखने आते है। जय विलास पैलेस को 1874 में ग्वालियर रियासत के महाराज जीवाजी राव सिंधिया ने इसे बनवाया था। कहा जाता है कि इस पैलेस को बनाने के लिए 12 साल से ज्यादा का समय लग गया था।
तीन मंजिला है जय विलास पैलेस
- पहली मंजिल- तस्कीन शैली
- दूसरी मंजिल -इतावली डोरिक शैली
- तीसरी मंजिल- कोरोथियन शैली
महल में चांदी की ट्रेन और 3300 किलो का झूमर
जानकारी के अनुसार महल के अंदर कई तरह के झूमर लगे है। झूमर का वजन साढ़े तीन हजार किलो है। यहां आने वाले मेहमानों को आज भी चांदी की ट्रेन से खाना परोसा जाता है। भारत की राष्ट्रपति जब सिंधिया राजघराने के महल में आई थीं, तब उन्हें भी इसी ट्रेन से खाना परोसा गया था।
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सौम्य स्वभाव था उनकी पहचान
कहा जाता है कि माधवी राजे सिंधिया सरल और सौम्य स्वभाव की थी। उनके घर में आने वाले सभी महमानों के साथ वो सरलता से मिलतीं और सबका आदर और स्वागत करती थी। यह उनके नेचर में था।