BHOPAL. मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी जीत की राह तलाश रही है। बसपा ने रविवार को मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के तौर पर रमेश गर्ग को मैदान में उतारा है। रमेश गर्ग एक घंटे पहले ही बसपा में शामिल हुए थे और वो इससे पहले भाजपा-कांग्रेस दोनों में रह चुके हैं। ऐसे में साफ है कि वो भाजपा-कांग्रेस की नब्ज जानते हैं और चुनाव में इसका फायदा उठा सकते हैं। रमेश गर्ग की पहचान अंचल के सबसे प्रतिष्ठित उद्योगपतियों में की जाती है। वह मुरैना के केएस ऑयल मिल के संचालक हैं और लंबे समय से मुरैना की राजनीति से जुड़े हुए हैं।
बसपा ने रमेश गर्ग को मैदान में उतारा
मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 की 'जंग' त्रिकोणीय हो गई है। भाजपा कांग्रेस के बाद अब बसपा ने भी मुरैना में प्रत्याशी के तौर पर रमेश गर्ग को चुनावी मैदान में उतार दिया है। बता दें कि मुरैना में कांग्रेस ने युवा नेता सत्यपाल सिकरवार को तो बीजेपी ने दिमनी के पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर को अपना प्रत्याशी बनाया है।
कौन हैं रमेश गर्ग
बसपा प्रत्याशी रमेश गर्ग एक बिजनेसमैन हैं जिन्होंने कि रविवार शाम करीब 4 बजे बसपा कार्यालय में बसपा की सदस्यता ली थी। रमेश गर्ग केएस ग्रुप के चेयरमैन हैं और वो शुरुआत से ही भाजपा समर्थक रहे हैं। रमेश गर्ग ने साल 2018 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार किया था और 2019 में कांग्रेस से लोकसभा का टिकट मांगा था लेकिन जब पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो नाराज होकर उन्होंने तब भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर का समर्थन किया था। साल 2020 में रमेश चंद्र का भाजपा से मोहभंग हो गया और 2024 में कांग्रेस से फिर टिकट मांगा लेकिन टिकट नहीं मिलने पर अब उन्होंने बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन की है और बसपा ने उन्हें मुरैना लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा-कांग्रेस दोनों को चुनौती देने की ठानी है
बता दें कि, रमेश चंद्र गर्ग इससे पहले कांग्रेस पार्टी से लोकसभा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट नहीं दिया तथा उनकी जगह सत्यपाल उर्फ नीटू सिकरवार को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस बात से खफा होकर रमेश गर्ग ने बहुजन समाज पार्टी से टिकट लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों को चुनौती देने की ठानी है। रमेश गर्ग के इस कदम के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों के समीकरण बिगड़ गए हैं। रमेश गर्ग के निर्णय के बाद निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव में व्यापारी वर्ग का वोट उनकी झोली में जाएगा, जिससे सबसे अधिक नुकसान भारतीय जनता पार्टी को होना तय माना जा रहा है।
व्यापारियों का नेतृत्व
रमेश चंद्र गर्ग लंबे समय से मुरैना की राजनीति में मुरैना जिले के व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करते चले आ रहे हैं। उन्होंने व्यापारियों के लिए लंबी लड़ाइयां लड़ी तथा वे हमेशा से व्यापारियों के हित में राजनेताओं से और मुरैना पुलिस और प्रशासन से टक्कर लेते आ रहे हैं। उनके इस कदम के बाद अब मुरैना की राजनीति गर्मा गई है।