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रतलाम शहर के अमृत सागर क्षेत्र में 16 लाख लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी निर्माण की योजना को झटका लगा है। महापौर प्रहलाद पटेल द्वारा हाल ही में एक जमीन चिन्हित की गई थी। इस जमीन पर निर्माण के किए भूमिपूजन भी किया गया। इसके बाद सामने आया कि जिस जमीन पर यह टंकी बननी है, वह निजी स्वामित्व की है।
निजी जमीन और कोर्ट केस से बढ़ी मुश्किल
टंकी निर्माण स्थल को लेकर विवाद तब गहराया जब सामने आया कि यह जमीन किसी निजी व्यक्ति की है और इससे जुड़ा एक मामला अदालत में भी लंबित है। ऐसे में नगर निगम ने फिलहाल यहां काम शुरू करने पर रोक लगा दी है।
ठेकेदार ने नगर निगम को दी सूचना
निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे ठेकेदार ने नगर निगम को स्थिति से अवगत करा दिया है। अब नगर निगम का अमला राजस्व विभाग की मदद से नई जगह तलाशने में जुट गया है, ताकि टंकी निर्माण कार्य को शुरू किया जा सके।
अमृत योजना के तहत बन रहीं 9 टंकियां
रतलाम में अमृत-2 योजना के तहत 72 करोड़ रुपए की लागत से कुल 9 स्थानों पर विभिन्न क्षमताओं की पानी की टंकियों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें अमृत सागर के अलावा सिविक सेंटर, सागोद, जजुन नगर, मिडटाउन, सिल्वर इन, थावरिया, विरियाखेड़ी और पोलोग्राउंड शामिल हैं।
अमृत सागर में नहीं उपलब्ध सरकारी भूमि
नगर निगम को अमृत सागर क्षेत्र में निर्माण के लिए 100 वर्गफीट जमीन की आवश्यकता है। लेकिन श्मशान के पास की भूमि को उपयोग में नहीं लिया जा सकता और शेष जमीन निजी होने से समस्या उत्पन्न हो रही है।
जल विभाग ने दिया जगह बदलेगा
जल विभाग के कार्यपालन यंत्री राहुल जाखड़ ने बताया कि ठेकेदार द्वारा भूमि को लेकर पत्र प्राप्त हुआ है। मामला निजी जमीन से जुड़ा प्रतीत होता है, जिस पर वैकल्पिक स्थान की खोज जारी है। अन्य स्थानों पर टंकियों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और कई स्थानों पर कार्य 50 प्रतिशत से अधिक पूर्ण हो चुका है।
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