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मध्य प्रदेश में एक बार फिर पुलिस पर हमले का मामला सामने आया है। घटना रतलाम के रिंगनोद थाना क्षेत्र में सोमवार को हुई। यहां प्रधान आरक्षक गुलाब सिंह पंवार (Head Constable Gulab Singh Pawar) की हत्या कर तीन युवक शव को डैम में ठिकाने लगाने ले जा रहे थे। ग्रामीणों को शक हुआ, तो उन्होंने शोर मचाकर पीछा किया और सभी आरोपियों को पकड़ लिया। लेकिन स्थानीय ग्रामीणों की सतर्कता से आरोपी पकड़े गए।
शव ठिकाने ले जा रहे थे आरोपी
जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह कुछ युवक एक शव को कार में लेकर रूपनिया डैम पहुंचे थे। इसी दौरान गांव के चौकीदार ने उन्हें संदिग्ध हालत में देख लिया, जिसके बाद आरोपी कार से भागने लगे। वे पास के गांव रणायरा गुर्जर होते हुए भाग रहे थे, तभी रास्ते में कार खराब हो गई। आरोपी कार छोड़कर भागने लगे, लेकिन ग्रामीणों ने घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया। ग्रामीण जब कार के पास पहुंचे, तो उसमें एक व्यक्ति का शव मिला। इसकी जानकारी मिलते ही मौके पर हड़कंप मच गया।
देवास में पदस्थ थे आरक्षक गुलाब सिंह
मृतक की पहचान 32वीं बटालियन उज्जैन के प्रधान आरक्षक गुलाब सिंह पंवार (55) के रूप में हुई है, जो वर्तमान में देवास में पदस्थ थे। वह मूल रूप से उज्जैन जिले की माकड़ोन तहसील के ग्राम डाबड़िया राजपूत निवासी थे।
पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लिया
घटना के बाद ग्रामीणों ने तीनों आरोपियों को एक स्थान पर बिठा दिया और भीड़ इकट्ठा हो गई। हंगामे के बीच एक आरोपी खुद को निर्दोष बताते हुए कहने लगा कि हमने नहीं मारा, चाकू गलती से लग गया। घटना की सूचना मिलते ही जावरा ग्रामीण क्षेत्र के एसडीओपी संदीप मालवीय और एसआई शिवेंद्र कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और आरोपियों को हिरासत में लिया।
एसआई ने बोनट पर बैठकर समझाइश देकर शांत किया
ग्रामीणों के आक्रोश को शांत करने के लिए एक एसआई पुलिस जीप की बोनट पर बैठ गए और ग्रामीणों से अपील की। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के सहयोग से ही आरोपी पकड़ में आए हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए और पुलिस तीनों आरोपियों को लेकर रिंगनोद थाने रवाना हुई।
पूछताछ में महिला को लेकर विवाद की बात आई सामने
पुलिस ने बताया कि हेड कॉन्स्टेबल गुलाब सिंह 5 अप्रैल को छुट्टी लेकर गांव आया था। रविवार को वह सुबह खेत पर जाने का बोलकर निकला, लेकिन रात में घर नहीं पुहंचा। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि तीनों आरोपियों के साथ हेड कॉन्स्टेबल ने रात में पार्टी की थी। इसी दौरान विवाद हुआ जिसके बाद तीनों आरोपियों ने हेड कॉन्स्टेबल लाठी पत्थर से बेदम पीटा जिससे उनकी मौत हो गई।
एक आरोपी की पत्नी पर थी गलत नजर
जावरा एसडीओपी संतोष मालवीय ने बताया की मृतक हेड कांस्टेबल एक आरोपी की पत्नी पर बुरी नजर रखता था। इसी बात को लेकर विवाद हुआ। इसी बीच महिला के पति ने अपने दो और साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। और शव ठिकाने ले जाते समय तीनों आरोपी ग्रामीणों के हत्थे चढ़े। घटना में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
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हाल में पुलिस पर हुए हमले की घटनाएं
- छतरपुर पुलिस थाने पर हमला: अगस्त 2024 में छतरपुर पुलिस थाने पर भीड़ ने धावा बोलकर पथराव कर दिया। भीड़ को पथराव के लिए उकसाया गया था।
- राजगढ़ में राजस्थान पुलिस पर हमला: दिसंबर 2024 में राजगढ़ के एक गांव में राजस्थान पुलिस पर हमला हुआ, जो ज्वेलरी चोर को पकड़ने आई थी।
- मऊगंज में एएसआई की हत्या: 15 मार्च को मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गड़रा में ग्रामीणों ने विवाद के चलते एएसआई रामचरण गौतम और एक युवक की हत्या कर दी।
- दमोह में पुलिस पर गोलीबारी: तीन दिन पहले दमोह के देहात थाना में हथियार जब्त करने गई पुलिस पर आरोपियों ने गोलियां चला दीं, जिसमें एक जवान घायल हो गया।
- शहडोल में पुलिस पर पथराव: बुधवार रात को शहडोल जिले के बुढ़ार में गोली कांड के आरोपियों की तलाश में कई महिला आरक्षक समेत तीन पुलिसकर्मियों पर पथराव हो गया।
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