मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में विदेशी कंपनियों का निवेश लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत में अपना पैसा लगाने के मामले में अमेरिका से लेकर UAE तक सब मैदान में कूद पड़े हैं। हालांकि इसका फायदा सिर्फ देश के बड़े राज्यों को ही मिल रहा है। इन राज्यों में संपन्नता बढ़ रही है, जबकि बीमारू राज्य और बीमार होते जा रहे हैं। ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि आरबीआई की रिपोर्ट के आंकड़े खुद बयां कर रहे हैं।
क्या कहती है RBI की रिपोर्ट
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ( Reserve Bank of India ) की सालाना रिपोर्ट बताती है कि गरीब राज्यों में ओडिशा के हालात में सबसे तेजी से सुधर आ रहे हैं। यानी वहां की अर्थव्यवस्था पर तेजी से सुधर रही है। बीते 12 साल में ओडिशा में प्रति व्यक्ति जीडीपी 104% बढ़कर 98 हजार रुपए हो गई है।
जो राज्य पहले से ही अमीर हैं, उन्हीं राज्यों में निवेश अधिक देखने को मिल रहा है। देश में सबसे कम प्रति व्यक्ति जीडीपी बिहार की है, जहां 12 साल में प्रति व्यक्ति जीडीपी सिर्फ 47% ही बढ़ी है।
आपको बता दें कि देश के 18 बड़े राज्यों में कर्नाटक सबसे अमीर है। हरियाणा दूसरे व तेलंगाना तीसरे नंबर पर है। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India ) की रिपोर्ट बताती है कि देश में औसतन प्रति व्यक्ति जीडीपी 2023-24 में 1.06 लाख रही है।
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12 साल में मप्र की में 'संपन्नता' 73% ही बढ़ी
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India ) की सालाना रिपोर्ट बताती है कि पिछले 12 साल में मध्य प्रदेश की में 'संपन्नता' 73% ही बढ़ी है, जबकि गुजरात में 108% की वृद्धि देखने को मिली है।
मध्य प्रदेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 66 हजार रुपए है। आपको बता दें कि दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दावा करते हैं कि बीते सालों में उत्तर प्रदेश ने विकास और निवेश के नए युग में प्रवेश किया है, लेकिन यहां भी आर्थिक हालात ज्यादा बेहतर नहीं हैं।
2011-12 से 2023-24 में उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति जीडीपी 56% बढ़कर सिर्फ 50 हजार रुपए तक ही पहुंची है। पंजाब की प्रति व्यक्ति जीडीपी 1.30 लाख रुपए जरूर है, लेकिन यह भी 12 साल में सिर्फ 52% ही बढ़ी है।
13 छोटे-बड़े राज्यों में प्रति व्यक्ति जीडीपी एक लाख रुपए से भी कम
रिपोर्ट के अनुसार, देश के 13 छोटे-बड़े राज्यों में प्रति व्यक्ति जीडीपी एक लाख रुपए से भी कम है। इसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों का नाम शामिल हैं। यह औसत से भी कम है। वहीं, इन्हीं 12 साल में ओडिशा, कर्नाटक, तेलंगाना और गुजरात की प्रति व्यक्ति जीडीपी दोगुनी हुई है।
मप्र की अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग का योगदान घटा
RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश उन राज्यों में शामिल हो गया है, जहां मैन्युफैक्चरिंग का राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान बढ़ने की बजाय और घट गया है। 2023-24 में इस सेक्टर का वैल्यू एडिशन 52.64 हजार करोड़ रहा, जो 2018-19 में 61.33 हजार करोड़ का था।
वहीं, बीजेपी शासित महाराष्ट्र में भी कुछ इसी तरह के हाल हैं। राज्य में 2018-19 में यह 3.26 लाख करोड़ रुपए था, जो 2021-22 में घटकर 2.87 लाख करोड़ का रहा गया। देश-दुनिया
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