फीस और दूसरी मदों में अभिभावकों से अवैध वसूली ( Illegal recovery ) करने वाले निजी स्कूल संचालकों पर जबलपुर में हुई कार्रवाई नजीर बन गई है। जिला प्रशासन और पुलिस महकमे की संयुक्त कार्रवाई के बाद 11 स्कूलों पर शिकंजा कसा गया था। पुलिस ने इस मामले में 51 आरोपियों पर कार्रवाई की थी। शुक्रवार को इनमें से 21 आरोपियों को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया। इधर, गिरफ्तारी के बाद जेल जाने से बचने के लिए क्राइस्ट चर्च स्कूल ( Christ Church School ) और सेंट एलॉयसिस स्कूल ( St. Aloysius School ) सहित अन्य स्कूलों के संचालकों ने हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की थी। हाईकोर्ट ने भी इस अपराध को गंभीर मानते हुए आरोपियों को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है। वहीं, जबलपुर में हुई कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर स्कूलों को नियम अनुसार सभी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करने के आदेश दिए हैं।
न्यायालय में पेश कर भेजा गया जेल
शुक्रवार को आरोपियों ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में भी जमानत के लिए आवेदन दिए, जिन्हें खारिज कर दिया गया। 30 मई तक पुलिस रिमांड में कुल 16 आरोपी थे, जिनमें से कुछ आरोपियों की रिमांड गुरुवार को खत्म हो गई थी।और आज शुक्रवार को पूछताछ के लिए पुलिस की रिमांड खत्म होने के बाद बाकी आरोपियों को भी न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया।
घोटाले की कई परतें खुलना बाकी
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि अब तक हुई जांच में करीब 240 करोड़ रुपए की अवैध फीस वसूले जाने का मामला सामने आया है। करोड़ों रुपए की अवैध कमाई फर्जी आईएसबीएन नंबर की किताबों के जरिए की गई है।
फीस नहीं लौटाई तो कुर्क होगी संपत्ति
जबलपुर कलेक्टर सक्सेना ने स्कूल संचालकों को चेतावनी दी है कि वह अपने आप सुधर जाएं। अवैध वसूल की गई फीस को अभिभावकों को लौटा दें। यदि इस तरह की गतिविधियों के साथ स्कूल संचालित होंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन स्कूलों ने अवैध रूप से फीस वसूली है, उन्हें कलेक्टर ने एक महीने का समय अभिभावकों को फीस वापस करने के लिए दिया है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो स्कूलों पर कुर्की की कार्रवाई कर अभिभावकों को फीस लौटाई जाएगी।