केंद्र सरकार के एक रिटायर्ड कर्मचारी की याचिका इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, रिटायर्ड कर्मचारी ने कोर्ट में याचिका लगाई है कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( आरएसएस ) से जुड़ना है, लेकिन सरकार के कई नियम इसमें आड़े आ रहे हैं, जिसके बाद रिटायर्ड कर्मचारी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
क्या है पूरा मामला ?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( Rashtriya Swayamsevak Sangh ) में काम करने को लेकर लगाई गई इस याचिका में कोर्ट ने केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से जवाब मांगा था। हालांकि, इंदौर के रिटायर्ड अधिकारी पुरुषोत्तम गुप्ता ने उन्होंने पिछले साल इंदौर हाई कोर्ट में आचरण नियम को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। याचिका में पुरुषोत्तम गुप्ता ने कहा कि वे केंद्र सरकार में अधिकारी के पद पर पदस्थ थे और सेवानिवृत होने के बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) को अपना बचा हुआ जीवन समर्पित करना चाहते हैं।
मामले में क्या हुआ फैसला
इस मामले को लेकर मप्र हाई कोर्ट ( MP High Court ) में दयार याचिका पर केंद्र सरकार की ओर से चार बार जवाब पेश नही किया गया था , जिसके बाद हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। हालांकि बुधवार यानी 22 मई को हुई सुनवाई में अपसरों के अलावा एडिशनल सॉलिसटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद थे। तुषार ने केंद्र की ओर वर्चुअली पैरवी में कहा की केंद्रीय ग्रह मंत्री से चर्चा हो गई है। इसी के साथ उन्होंने बताया की अगली सुनवाई जुलाई में होगी।
रिटायर्ड कर्मचारी के सामने ये दिक्कत
याचिका में कहा गया है कि वे आरएसएस से जुड़कर सेवा कार्य करना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए कुछ नियम बने हुए हैं, जिसके चलते वह फिलहाल आरएसएस से जुड़कर काम नहीं कर सकते। कोर्ट ने इस मामले में गृह मंत्रालय पर नाराजगी भी जाहिर की ।
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