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रीवा के संजय गांधी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची एक नाबालिग के साथ कथित गैंगरेप का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मामले में टालमटोल करते हुए गंभीर आरोपों को हल्के में दर्ज किया और समझौते का दबाव बनाया। वहीं अस्पताल के अधीक्षक भी बयान से पलट गए हैं। घटना एमपी के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में सरकारी अस्पताल में हुई। आरोपियों पर कार्रवाई होने की जगह उल्टा पुलिस पर पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाने के आरोप लग रहे हैं। जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था और सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े होते हैं।
क्या है मामला
रीवा के सरकार अस्पताल में एक नाबालिग लड़की अपनी मां के साथ आई थी। लड़की की मां अस्पताल में भर्ती थी। लड़की अस्पताल में ही रुकी हुई थी। पीड़िता का आरोप है कि अस्पताल के वॉर्ड बॉय ने नशीली दवा खिलाकर अपने साथियों के साथ मिलकर उसका रेप किया। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाए कि पुलिस ने मामले को हल्के में लिया, एफआईआर दर्ज करने में देरी की। परिवार पर समझौते का दबाव डाला।
पीड़िता के साथ चार लोगों ने किया गैंगरेप
परिजनों के अनुसार, 8 और 9 मई की रात तीन वॉर्ड बॉय और एक अन्य ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बावजूद पुलिस ने केस छेड़छाड़ की धाराओं में दर्ज किया और एफआईआर दर्ज करने में देरी की। परिवार का आरोप है कि बयान दर्ज करने के लिए उन्हें थाने बुलाने की बजाय रात को गोविंदगढ़ रेस्ट हाउस बुलाया गया। वहां लगातार समझौते का दबाव बनाया गया और पीड़िता के कथनों को पुलिस ने मनमाने ढंग से लिखा।
पीड़िता बोली AI से न्यूड फोटो बनाकर भेजे
पीड़िता ने बताया कि आरोपी वॉर्ड बॉय महेंद्र ने उसका मोबाइल नंबर चुराया और वॉट्सऐप पर बार-बार मैसेज किए। फिर एक दिन उसकी डीपी से एडिट की गई न्यूड फोटो भेजकर धमकाने लगा। मिलने के लिए दबाव बनाता रहा लेकिन उसने मना कर दिया।
गोली खिलाकर शरीर सुन्न किया, फिर किया गैंगरेप
पीड़िता ने बताया कि गले में दर्द होने पर आरोपी ने गोली दी। गोली खाने के बाद शरीर सुन्न हो गया और आरोपी उसे घसीटकर एक रूम में ले गया। वहां तीन और लोग पहुंचे और गैंगरेप किया। बेहोशी की हालत में उसे वहीं छोड़ दिया गया।
पुलिस ने जबरन लिखे गलत बयान
परिजनों ने बताया कि पुलिस ने पीड़िता को परिवार से अलग कर दिया और थानों के बजाय रेस्ट हाउस में लगातार बयान दर्ज करने का दबाव बनाया। भाई का कहना है कि बहन कुछ और बताती रही, पुलिस कुछ और लिखती रही।
अधीक्षक ने बयान से किया यू-टर्न
अस्पताल अधीक्षक राहुल मिश्रा ने पहले कैमरे पर कहा था की 2 लोगों पर दुष्कर्म के आरोप हैं। सूचना मिलने पर पीड़िता को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। अब वे बयान से पलट गए और इसे केवल छेड़छाड़ का मामला बता रहे हैं।
पीड़िता के पिता बोले- अपराधी जैसा बर्ताव हो रहा
पीड़िता के पिता का कहना है कि घटना के बाद भी अस्पताल कर्मचारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। मेडिकल रिपोर्ट से छेड़छाड़ की आशंका जताई और कोर्ट से दखल की मांग की।
पुलिस का बचाव- गोविंदगढ़ नजदीक था इसलिए बुलाया
एसपी विवेक सिंह ने बताया कि अज्ञात आरोपियों के खिलाफ छेड़छाड़ का केस दर्ज किया गया है। तीन संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। बयान दर्ज करने के लिए परिवार को गोविंदगढ़ रेस्ट हाउस इसलिए बुलाया क्योंकि वह नजदीक था।
कांग्रेस ने लगाए सियासी आरोप
कांग्रेस नेताओं कमलनाथ और जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि अस्पताल अधीक्षक डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल के रिश्तेदार हैं और इसलिए आरोपियों को बचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घटना स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले के सरकारी अस्पताल में हो रही है तो प्रदेश में कहां बच्चियां सेफ रहेंगी।
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