तेरी चढ़ती जवानी गाने ने बढ़ा दिया एमपी पुलिस का पारा, एक वायरल रील से हिला प्रशासन!

रीवा जिले में कस्टडी में बदमाशों ने हथकड़ी के बावजूद सोशल मीडिया पर रील बनाई। इस घटना में पुलिस की लापरवाही और सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे उठे हैं।

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Amresh Kushwaha
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रीवा जिले के चोरहटा थाना क्षेत्र से एक और विवादित घटना सामने आई। पुलिस कस्टडी में ले जाए गए दो वारंटियों ने हथकड़ी पहनने के बावजूद, पुलिस वाहन में मोबाइल से सोशल मीडिया पर एक रील बनाकर उसे वायरल कर दिया। यह रील तेरी चढ़ती जवानी मेरा पारा गोरी गाने पर आधारित थी। इस घटना में पुलिसकर्मी पूरी तरह से लापरवाह नजर आए, क्योंकि उन्होंने न तो आरोपियों की गतिविधियों पर ध्यान दिया और न ही सुरक्षा नियमों का पालन किया।

यह घटना सुरक्षा उल्लंघन का उदाहरण है, क्योंकि पुलिस कस्टडी में बदमाशों के पास मोबाइल फोन कैसे पहुंचा, यह सवाल खड़ा होता है। इससे पहले भी जिले में 22 मई 2025 को एक हत्या के आरोपी ने अस्पताल में मेडिकल चेकअप के दौरान एक रील बनाई थी। दोनों घटनाओं में पुलिस की चूक और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन स्पष्ट रूप से देखा गया है।

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पुलिस कर्मियों की लापरवाही

13 जुलाई की घटना के दौरान पुलिस वाहन में तैनात पुलिसकर्मी हेड कॉन्स्टेबल पुष्पराज बागरी, कांस्टेबल अनूप त्रिपाठी, शिवमूर्ति मिश्रा, ऋतुराज साकेत, और आस्था सिंह शामिल ने आरोपियों के मोबाइल से रील बनाए जाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यह घटना वाहन संख्या MP03A7104 में सुबह 8:03 बजे हुई थी। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने न तो कोई कार्रवाई की, न ही आरोपियों से मोबाइल फोन छीनने का प्रयास किया।

यह साफ संकेत देता है कि पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्यों को गंभीरता से नहीं लिया। यदि पुलिस कस्टडी में आरोपियों को मोबाइल फोन का उपयोग करने की छूट मिलती है, तो यह केवल एक सुरक्षा उल्लंघन नहीं बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है।

पुलिस के सामने बदमाशों ने बनाई रील, मामला एक नजर में समझें...

  • रीवा जिले के चोरहटा थाना क्षेत्र में पुलिस कस्टडी में रखे गए दो स्थायी वारंटियों ने पुलिस वाहन में मोबाइल से सोशल मीडिया पर रील बनाकर वायरल किया।

  • पुलिसकर्मियों ने आरोपियों की गतिविधियों पर कोई ध्यान नहीं दिया और न ही मोबाइल फोन को जब्त करने का प्रयास किया, जिससे पुलिस की लापरवाही सामने आई।

  • यह घटना सुरक्षा उल्लंघन का उदाहरण है, क्योंकि कस्टडी में आरोपियों के पास मोबाइल फोन कैसे पहुंचा, यह सवाल खड़ा होता है।

  • इससे पहले 22 मई को भी एक हत्या के आरोपी ने अस्पताल में मेडिकल चेकअप के दौरान रील बनाई थी, जो पुलिस की सुरक्षा चूक को दर्शाता है।

  • एडिशनल एसपी आरती सिंह ने मामले की जांच की पुष्टि की और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही।

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मोबाइल फोन का पहुंचना

घटना की सबसे बड़ी चिंता यह है कि पुलिस कस्टडी में आरोपियों के पास मोबाइल फोन कैसे पहुंचा। यह न केवल सुरक्षा उल्लंघन है, बल्कि आरोपी अपने साथी अपराधियों से संपर्क कर सकते थे या फरार होने की योजना भी बना सकते थे। इससे पहले 22 मई को एक हत्या के आरोपी ने अस्पताल में मेडिकल चेकअप के दौरान सेल्फी कैमरे से रील बनाई थी। दोनों मामलों में मोबाइल फोन का दुरुपयोग किया गया, जो दर्शाता है कि पुलिस कस्टडी में सुरक्षा प्रक्रियाओं की कड़ी निगरानी की आवश्यकता है।

दोषी पुलिसकर्मियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

घटना के बाद एडिशनल एसपी आरती सिंह ने मामले की जांच की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस विभाग ने यह स्पष्ट किया कि यह घटना एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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