रीवा में 12 करोड़ रुपए से अधिक के चावल घोटाले का मामला सामने आने के बाद रीवा डीएम प्रतिभा पाल ने तीन अधिकारियों की एक टीम गठित की। जिसके बाद इस मामले की जांच की गई। जांच टीम की पेश की गई रिपोर्ट के बाद अधिकारी लक्ष्मण अहिरवार सहित एक मिलर्स के खिलाफ एफआईआर कराने का आदेश कलेक्टर ने जारी करते हुए तीन अन्य लोगों को निलंबित कर दिया गया है।
यह है पूरा मामला
रीवा में 12 करोड़ रुपए से अधिक का चावल घोटाला सामने आया है। यहां लगभग 96 हजार क्विंटल चावल की हेराफेरी की गई है। जिस चिट्ठी के आधार पर चावल जमा कराया गया था, बताया गया है कि वो गलत तरीके से बनाई गई थी, जिसमें एक मिलर्स की भूमिका भी निकल कर सामने आई।
डिप्टी सीएम के पूर्व सचिव का नाम भी
कलेक्टर रीवा प्रतिभा पाल ने रीवा जिला खाद्य अधिकारी सहित जिला आपूर्ति निगम के जिला अधिकारी के अलावा वेयर हाउस के जिला अधिकारी को शामिल करते हुए एक जांच टीम गठित की। जिसके बाद इस मामले की जांच की गई। इस घोटाले में डिप्टी सीएम के पूर्व सचिव का नाम भी सामने आ रहा था। जिसके चलते जांच टीम ने बारीकी से जांच की और जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी गई। जिसमें धान और चावल को लेकर बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया गया। जैसे ही यह रिपोर्ट सार्वजनिक हुई, पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
कई बड़े नाम हो सकते हैं शामिल
रीवा जिले में धान का यह खेल लंबे समय से चल रहा था। मीडिया सूत्रों के अनुसार इस खेल में काफी बड़े नाम शामिल हो सकते हैं। अभी जो घोटाला सामने आया है उसमें वर्तमान डिप्टी सीएम के एक पूर्व सचिव का भी नाम सामने आ रहा है। फिलहाल एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन की ओर से लगातार जांच जारी है। सबसे बड़ी बात जो चावल एफसीआई में जमा करना था वो अन्य गोदामों में पाया जा रहा है, उसे भी लगातार जब्त किया जा रहा है।
इन पर हुई कार्रवाई
जांच रिपोर्ट मिलने के बाद गलत तरीके से चिट्ठी जारी करने वाले लक्ष्मण अहिरवार के खिलाफ और जिस मिलर्स ने चिट्ठी जारी कराई थी, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके अलावा रीवा जिले के सिरमौर के वेयरहाउस के प्रभारी और दो अन्य लोगों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं।