अरुण तिवारी, BHOPAL. मध्यप्रदेश की नई मोहन सरकार पर अब दिल्ली के साथ-साथ नागपुर की भी पूरी नजर रहेगी। मंत्रियों के स्टॉफ में अब संघ (RSS) से जुड़े कार्यकर्ता काम करेंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने मंत्रियों से साफ कह दिया है कि अपने पीए रखने से पहले उनकी पूरी कुंडली खंगाल लें। यही कारण है कि मंत्रियों ने जिन पीए को अपने स्टॉफ रखने की अनुशंसा की थी उस फाइल को जीएडी ने होल्ड कर दिया है। लोगों की नजरों में सरकार का चेहरा चमकाने के लिए अब मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों के स्टाफ में संघ के कार्यकर्ताओं को लगाया जा रहा है। इसके लिए संघ से जुड़ी एक संस्था से बातचीत कर ली गई है।
सूर्या फाउंडेशन से आएंगे मंत्रियों के पीए
हाल ही में मोहन कैबिनेट (Mohan Cabinet) की अनौपचारिक बैठक में ये बात सामने आई कि मंत्री उन्ही चेहरों को अपना पीए बनाना चाहते हैं जो सालों से मंत्रियों के स्टाफ में काम कर रहे हैं। सरकार बदलने पर मंत्री बदलते रहे लेकिन पीए वही रहे। लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पर स्टॉप लगा दिया है। सारे मंत्रियों की पीए की सिफारश वाली फाइलें जीएडी ने रोक दी हैं। दरअसल, सरकार पुराने विवादित चेहरों को मंत्रियों से दूर रखना चाहती है। इसके पीछे एक वजह और है। सरकार में अब आरएसएस की सीधी नजर रहेगी। मुख्यमंत्री से लेकर सभी मंत्रियों के पीए के रुप में काम करेंगे संघ से जुड़े कार्यकर्ता। इसके लिए दिल्ली की संस्था सूर्या फाउंडेशन को हायर किया गया है। इस संस्था में संघ से जुड़े लोग काम करते हैं और संघ के विचार पर ही इसका पूरा काम होता है।
क्या है सूर्या फाउंडेशन
सूर्या फाउंडेशन (Surya Foundation) एक गैर सरकारी संस्था है जिसका ध्येय वाक्य है देश के विकास के लिए संकल्पित। यह संस्था स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ-साथ रुरल डेवलपमेंट और यूथ डेवलपमेंट पर काम करती है। यह संस्था सैनिक स्कूल के साथ ही ट्रायबल स्कूल भी संचालित करती है। इस संस्था में एक पूरा थिंक टैंक काम करता है जिसमें संघ से जुड़े वैचारिक लोग अपने सुझाव देते हैं। इस संस्था का पूरा फोकस ग्रामीण विकास, पर्यावरण, शिक्षा,स्वास्थ्य और युवा विकास पर है। इस संस्था के लोग अपनी-अपनी विशेषज्ञता के आधार पर उन विभागों के मंत्रियों के साथ काम करेंगे।
फिर मंत्रियों के पीए बनना चाहते हैं सालों से जमें सरकारी नुमाइंदे
आइए आपको बताते हैं कि इस पूरे मामले में एमपी में क्यों विवाद छिड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साफ कह दिया है कि मंत्री पीए बनाने से पहले उन लोगों की पूरी कुंडली तलाश कर लें। इसका मतलब साफ है कि दागी चेहरे मंत्रियों के स्टॉफ में न आएं जिससे सरकार का चेहरा साफ-सुथरा नजर आए। सीएम के इस फरमान ने उन लोगों की मंशा पर पानी फेर दिया है जो फिर से मंत्रियों के स्टॉफ में शामिल होना चाहते थे। ये वही लोग हैं जो सालों से मंत्रियों के पास उनके पीए बनकर जमे हुए हैं। सरकारें बदलीं लेकिन ये एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे मंत्री के स्टॉफ में शामिल हो गए। मंत्री बदल जाते हैं लेकिन ये चुनिंदा चेहरे हर बार नजर आते हैं। इस बार फिर इन्होंने जुगत लगाई लेकिन अभी तक काम नहीं आई है। जीएडी ने इनकी नियुक्ति की फाइल होल्ड कर दी है।
सीएम और डिप्टी सीएम के स्टॉफ के हुए ऑर्डर
सीएम मोहन यादव के स्टॉफ में भी ऐसे लोगों की नियुक्तियां हुई हैं जो पहले दूसरे मंत्रियों के यहां रहे हैं। इनके ऑर्डर हो चुके हैं। वहीं डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला ने भी अपने पीए वही रखे हैं जो समय-समय पर अन्य मंत्रियों के पीए रह चुके हैं। इनके भी ऑर्डर हुए हैं। बाकी मंत्रियों की डिमांड पर रोक लगा दी गई है। हालांकि कुछ कर्मचारी बिना ऑर्डर के ही मंत्रियों के यहां काम करने लगे हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल के स्टाफ में कुछ व्यक्तियों पर विवाद भी उठा। सीएम को उस व्यक्ति को अपने स्टाफ से हटाना पड़ा।
आने वाले समय में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) हैं। यानी प्रदेश में मिशन मोदी शुरु हो चुका है। यही कारण है कि केंद्रीय नेतृत्व से लेकर संघ तक फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। सरकार बनाने में तो प्रयोग हो गया है और नए लोगों को कमान दी गई है लेकिन उस पर नियंत्रण का पूरा तंत्र भी खड़ा किया जा रहा है।