सागर दलित हत्याकांड: कोर्ट का बड़ा फैसला, सबूत के अभाव में सभी 13 आरोपी बरी

सागर जिले के बडोदिया नोनागिर गांव में दलित परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। जिला विशेष सत्र न्यायाधीश प्रदीप सोनी की अदालत ने सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश के सागर जिले के बडोदिया नोनागिर गांव में दलित परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। जिला विशेष सत्र न्यायाधीश प्रदीप सोनी की अदालत ने सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया। यह मामला प्रदेश में काफी सुर्खियों में रहा था और राजनीतिक हलकों में भी चर्चाओं का विषय बन गया था।

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घटना का घटनाक्रम और हत्या का कारण

यह मामला 24 अगस्त 2023 का है, जब दलित युवक नितिन उर्फ लालू अहिरवार की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद एक और हत्या के मामले ने तूल पकड़ा, जब मई 2024 में मृतक लालू के रिश्तेदार राजेन्द्र अहिरवार की भी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद, राजेन्द्र के शव को एंबुलेंस से ले जाते समय मृतक की बहन अंजना संदिग्ध परिस्थितियों में गिरकर मर गई।

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आरोपी पक्ष की छेड़छाड़ और हत्या का सिलसिला

मामले की शुरुआत 2 साल पहले हुई थी, जब आरोपी पक्ष के एक युवक ने पीड़ित दलित परिवार की युवती से छेड़छाड़ की थी। इस पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद आरोपी पक्ष ने राजीनामा करने का दबाव डाला। जब राजीनामा नहीं हुआ, तो आरोपियों ने पीड़ित युवक के भाई की हत्या कर दी। मामले में मुख्य आरोपी विक्रम सिंह ठाकुर थे, साथ ही आजाद ठाकुर, इस्लाम खान, गोलू उर्फ फरीम खान, सुशील कुमार सोनी, अनीश खान, अरबाज खान और कोमल सिंह ठाकुर भी शामिल थे।

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चाचा की हत्या और बहन की संदिग्ध मौत

बीते साल 2024 में, आरोपियों ने पीड़िता के चाचा की पिटाई की, जिसके बाद उसकी मौत अस्पताल में हो गई। मृतक का शव जब एंबुलेंस से ले जाया जा रहा था, तो पीड़िता की बहन अंजना संदिग्ध परिस्थितियों में गिरकर मृत्यु को प्राप्त हो गई। इस घटना ने पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया।

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कोर्ट का निर्णय और सभी आरोपियों की बरी होने की स्थिति

अब इस मामले में कोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया। जिला विशेष सत्र न्यायाधीश प्रदीप सोनी की अदालत ने यह फैसला सुनाया। यह निर्णय आने के बाद घटना से जुड़े कई पहलुओं पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, कोर्ट ने साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर आरोपियों को दोषी नहीं माना।

राजनीतिक हलकों में गहमागहमी और सरकार की आलोचना

दलित परिवार की हत्याओं के बाद प्रदेश की राजनीति भी गरमाई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नौनागिर गांव का दौरा किया। कांग्रेस ने इस घटना पर सरकार को जमकर घेरा और खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया।

कांग्रेस और विपक्ष का सरकार पर आरोप

कांग्रेस ने इस मामले में प्रदेश सरकार को आरोपों का सामना कराया। कांग्रेस ने कहा कि सरकार आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में नाकाम रही है और आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह पर भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की।

न्याय की तलाश और राजनीतिक प्रतिक्रिया

हालांकि, अब जब आरोपियों को बरी कर दिया गया है, पीड़ित परिवार और समाज में निराशा का माहौल है। राजनीतिक हलकों में इस फैसले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। अब देखना यह है कि सरकार और न्यायिक प्रक्रिया इस फैसले के बाद क्या कदम उठाती है।

FAQ

कोर्ट ने कब और किस मामले में फैसला सुनाया?
13 आरोपियों को बरी करते हुए कोर्ट ने 2025 में सागर जिले के बडोदिया नोनागिर गांव के दलित परिवार हत्याकांड में फैसला सुनाया।
यह हत्याएं क्यों हुईं?
आरोपियों ने छेड़छाड़ की घटना के बाद बदला लेने के लिए दलित परिवार के सदस्यों की हत्या की थी।
मुख्य आरोपी कौन थे?
मुख्य आरोपी विक्रम सिंह ठाकुर थे, इसके अलावा अन्य आरोपियों में आजाद ठाकुर, इस्लाम खान और गोलू उर्फ फरीम खान शामिल थे।
क्या राजनीतिक हस्तियों ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी थी?
हां, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी थी।
क्या अदालत का फैसला अंतिम है?
अभी तक अदालत का यह निर्णय अंतिम है, लेकिन इस मामले पर राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है।

 

 

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