सागर BJP में बगावत; पार्षदों ने अपनी ही मेयर के खिलाफ खोला मोर्चा, मंत्री से मिले नेता

मध्यप्रदेश के सागर बीजेपी में बगावत सामने आई है। बीजेपी के दो दर्जन से ज्यादा पार्षदों ने भोपाल पहुंचकर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात कर मेयर की शिकायत की है...

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Sanjay Sharma
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सागर बीजेपी में बड़ी बगावत सामने आई है। नगर निगम के पार्षदों ने अपनी ही मेयर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मामला राजधानी तक आ पहुंचा है। पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम में चार से पांच लोग महापौर की हैसियत से ही काम कर रहे हैं। पार्षदों ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मिलकर मामले की शिकायत की है। सागर में बीजेपी में एक साल से दबे स्वर में चली आ रही आपसी कलह अब खुलकर सामने आ गई है। 

कैलाश विजयवर्गीय से की मेयर की शिकायत

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बीजेपी के दो दर्जन से ज्यादा पार्षदों ने भोपाल पहुंचकर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात कर मेयर की शिकायत की है। सभी पार्षद सागर विधायक शैलेंद्र जैन के साथ मंत्री विजयवर्गीय से मिले। खास यह था कि सागर से ही मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी इस दौरान मौजूद रहे। बताया जाता है कि मंत्री विजयवर्गीय ने एक-एक पार्षद से वन-टू-वन किया है। अब ताजा खबर यह है कि पार्षदों के वापस सागर पहुंचने के बाद बुधवार को नगर निगम में भी बैठक हुई है। बताया जाता है कि इसमें पार्षदों ने नाराजगी जाहिर की है। पार्षदों में किस बात को लेकर नाराजगी है इसको लेकर कई बार संपर्क करने के बाद भी महापौर संगीता तिवारी ने अपना पक्ष नहीं रखा है।

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पार्टी की छवि हो रही खराब 

पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम में चार-पांच महापौर काम कर रहे हैं। मेयर संगीता तिवारी की जगह उनके पति सुशील तिवारी, भतीजा रिशांक, बेटा और अन्य परिजनों का जमावड़ा रहता है। मेयर की गैरमौजूदगी में उनके परिजन कक्ष में बैठे रहते हैं। पार्षदों के साथ बीजेपी से जुड़े लोगों को भी काम के लिए चक्कर कटवाए जा रहे हैं। इससे पार्टी की छवि के साथ विकास के काम प्रभावित हो रहे हैं। 

मेयर के वित्तीय अधिकार खत्म करने की मांग

भोपाल पहुंचीं महिला पार्षदों ने मंत्री विजयवर्गीय को बताया कि महिला मेयर होने के बाद उन्हें कार्यालय पहुंचने पर समस्या का सामना करना पड़ता है। कहीं कोई धूम्रपान करता है तो कई अनावश्यक लोग बैठे रहते हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्षदों ने मेयर संगीता तिवारी के वित्तीय अधिकार समाप्त करने की मांग की है। उनका आरोप है कि नगर निगम में वित्तीय अनियमितताएं की जा रही हैं।

ये सनसनीखेज आरोप...

  1. अनुसूचित जाति वर्ग के पार्षदों ने उनके साथ मेयर के परिजनों द्वारा गलत व्यवहार किए जाने के आरोप लगाए हैं।

  2. जिला बीजेपी संगठन के पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं के निगम कार्यालय में काम न होने की बात कही है। 

कहानी में ट्विस्ट तो ये है...

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जब पार्षद मंत्री विजयवर्गीय से मुलाकात कर रहे थे, तब वहां विधायक शैलेंद्र जैन के साथ मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि सागर जिले का मामला होने के कारण मंत्री राजपूत से भी नगरीय प्रशासन मंत्री ने चर्चा की। हालांकि इसे दूसरे सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। 

संगठन के लोग भी मिले 

आपको बता दें कि सागर नगर निगम में 48 पार्षद हैं। इनमें बीजेपी के 40, कांग्रेस के 7 और एक निर्दलीय पार्षद है। बीजेपी के 40 में से 25 से 30 पार्षद भोपाल पहुंचे थे, जिसमें आधी एमआइसी के मेंबर भी शामिल हैं। बीजेपी संगठन के कुछ पदाधिकारियों ने भी मंत्री विजयवर्गीय से मुलाकात कर अपनी बात रखी है। 

क्या ऑडियो से खुलेगा कोई राज?

सूत्रों के अनुसार, कार्यकर्ताओं और पार्षदों ने मंत्री विजयवर्गीय को एक ऑडियो सौंपा है। आरोप है कि यह ऑडियो नगर निगम के साइट इंजीनियर और बीजेपी कार्यकर्ता की बातचीत का है। ऑडियो में इंजीनियर कह रहा है कि काम का भुगतान कराना है तो विधायक के बोलने से कुछ नहीं होगा। महापौर के फलां-फलां व्यक्ति से फोन करा दो। इस ऑडियो को पार्षदों ने शिकायत में प्रमुखता से शामिल किया है।

मंत्री ने पार्षदों से शिकायत सुनी है

इस मामले को लेकर सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि पार्षदों ने अपने वार्डों से संबंधित समस्याओं को लेकर नगरीय विकास मंत्री से मुलाकात की है। महापौर को लेकर क्या शिकायत है यह सबको पता है। मंत्री ने पार्षदों से वन-टू-वन बात कर उनकी शिकायत सुनी है। 

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