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Photograph: (the sootr)
स्वामी प्रेमानंद पुरी, जो निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं, ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया। उज्जैन में 25 जुलाई को आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान उन्होंने कहा कि घर में अगर साईं बाबा की मूर्ति है तो उसे कुएं में फेंक दो और यदि कोई फोटो है तो उसे आग लगा दो।
महामंडलेश्वर ने यह बातें पंचकोशी मार्ग की एक होटल में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दौरान 25 जुलाई को कही। उनके अनुसार, 84 करोड़ देवी-देवताओं को छोड़कर एक मुस्लिम व्यक्ति की पूजा करना हिंदू धर्म के लिए नुकसानदायक है। स्वामी प्रेमानंद ने यह भी कहा कि कुछ मंदिरों में साईं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं, जिन्हें हटा दिया जाना चाहिए।
साईं बाबा की पूजा का किया विरोध
स्वामी प्रेमानंद पुरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि साईं बाबा को हिंदू भगवान के रूप में पूजा नहीं जाना चाहिए। वे मानते हैं कि साईं बाबा एक मुस्लिम संत थे, न कि हिंदू देवता। इस प्रकार का बयान पहले भी शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा दिया गया था, जब उन्होंने साईं बाबा की पूजा के खिलाफ अभियान चलाया था। स्वरूपानंद सरस्वती का कहना था कि साईं बाबा के भक्त हिंदू धर्म को नुकसान पहुंचा रहे हैं, क्योंकि साईं बाबा का असली नाम "चांद मियां" था और वे एक मुस्लिम थे।
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साईं पूजा का इतिहास और विवाद
साईं बाबा की पूजा पर विवाद पहले भी उठ चुके हैं। अक्टूबर 2015 में, स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं पूजा का विरोध करते हुए हिंदुओं से कहा था कि वे साईं बाबा की पूजा न करें। उनके अनुसार, साईं बाबा हिंदू नहीं, बल्कि मुस्लिम थे। स्वरूपानंद ने यह भी आरोप लगाया कि साईं बाबा ट्रस्ट हिंदू धर्म को बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि वह साईं बाबा को हनुमान जी और अन्य हिंदू देवताओं से ऊपर दिखा रहा है।
इस खबर को IN SHORT में ऐसे समझिएस्वामी प्रेमानंद पुरी का विवादास्पद बयान: उन्होंने कहा कि अगर किसी के घर में साईं बाबा की मूर्ति है तो उसे कुएं में फेंक दिया जाए और फोटो को आग लगा दी जाए। साईं बाबा की पूजा का विरोध: प्रेमानंद पुरी ने साईं बाबा की पूजा को हिंदू धर्म के लिए खतरे के रूप में देखा और कहा कि साईं बाबा एक मुस्लिम संत थे, न कि हिंदू भगवान। महाकाल मंदिर पर बयान: उन्होंने महाकाल मंदिर को लेकर सरकार के अधिग्रहण पर चिंता जताई और प्रधानमंत्री से मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की अपील की। हिंदू कार्ड प्रणाली की सिफारिश: स्वामी प्रेमानंद ने मंदिरों में प्रवेश के लिए हिंदू कार्ड प्रणाली लागू करने की बात की, ताकि केवल हिंदू लोग ही मंदिरों में प्रवेश कर सकें। साईं मूर्तियों के विरोध का इतिहास: 2015 में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी साईं पूजा का विरोध किया था और इसे हिंदू धर्म के लिए नुकसानकारी बताया था। |
महाकाल मंदिर को अखाड़ों के हवाले करने की मांग
स्वामी प्रेमानंद ने महाकाल मंदिर को लेकर भी अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि देशभर के मंदिरों पर सरकारी अधिग्रहण हो चुका है और इसे समाप्त किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि पहले महाकाल मंदिर महानिर्वाणी अखाड़े के नियंत्रण में था, लेकिन अब सरकार ने इसे अपने अधीन कर लिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए और इन्हें फिर से अखाड़ों के हवाले किया जाए।
हिंदू कार्ड की आवश्यकता
स्वामी प्रेमानंद ने यह भी सुझाव दिया कि मंदिरों में प्रवेश के लिए एक हिंदू कार्ड प्रणाली लागू की जानी चाहिए। उनका कहना था कि तेलंगाना जैसे कुछ स्थानों पर मंदिरों के दान से कसाई खाने चल रहे हैं, और ये दान की राशि का दुरुपयोग हो रहा है। स्वामी का कहना है कि हिंदू कार्ड का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल हिंदू लोग ही मंदिरों में प्रवेश करें।
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पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी कर चुके हैं विरोध
यह कोई पहला मामला नहीं हैं जब किसी हिंदू संत या महामंडलेश्वर ने सांई पूजा का सार्वजनिक तौर पर विरोध किया हो। इसके पहले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने भी सांई पूजा का विरोध करते हुए कहा था कि वो हिंदू देवता नहीं है। वह संत या फकीर हो सकते है, लेकिन उन्हें भगवान का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने यहां तक कहा था कि कोई गिद्ध शेर बनने का नाटक नहीं कर सकता है।
स्वामी प्रेमानंद के पुराने विवादित बयान...
यह कोई पहला अवसर नहीं है जब महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी महाराज ने विवादित बयानबाजी की हो, इसके पूर्व भी वो कई बार अपने बयानों को लेकर देश में चर्चा का विषय बन चुके है-
हिंदू माताओं को चार बच्चों की नसीहत
स्वामी प्रेमानंद ने 20 सितंबर 2024 को अपनी एक कथा के दौरान हिंदू माताओं को देश व समाज की रक्षा के लिए 4 बच्चे पैदा करने की सलाह दी थी। तब उन्होंने कहा था कि मैं हिंदूओं को चेतावनी देता हूं कि अगर ऐसे ही रहे तो इस भारत में कई पाकिस्तान बन जाएंगे, अपनी पीढ़ियों को सुरक्षित रखने के लिए देश की हर माता को कम से कम 4-4 संतानें पैदा करना चाहिए।
फिगर मेंटेन करने में लगीं है माताएं
यह बयान उन्होंने 25 जुलाई 2024 को उज्जैन में आयोजित एक कथा के दौरान दिया था। उन्होंने उस समय कहा था कि उत्तरप्रदेश के 17 जिले हिंदू धर्म के नहीं रहे, आधा बंगाल आज जूझ रहा है। असम में 5 लाख लोगों के पास कोई पासपोर्ट वीजा नहीं है। वहां 8-8 बच्चे हो रहे है, और हमारी माताएं फिगर मेंटेन करने में लगी हैं। अगर दो बच्चों का टारगेट है और 3 कर रहे हो तो हमें दे दो, हम बड़ा कर देंगे।
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