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MP News: मध्य प्रदेश की भोपाल, सीहोर और रायसेन में बॉलीवुड (Bollywood) के प्रसिद्ध अभिनेता सैफ अली खान से जुड़ी तीन करोड़ों की प्रॉपर्टी शत्रु संपत्ति (Enemy Property) के तहत आती हैं। गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक (Custodian of Enemy Property for India - CEPI) ने 8 मई 2025 को एक पत्र जारी कर बताया कि नवाब हमीदुल्ला खान की बेटियां आबिदा और आफताब बेगम पाकिस्तान की नागरिक थीं। इसलिए उनकी हिस्सेदारी वाली ये संपत्तियां शत्रु संपत्ति घोषित की गई हैं।
भारत में शत्रु संपत्ति के अधीन प्रॉपर्टी की कानूनी स्थिति
1949 के मर्जर एग्रीमेंट की मूल प्रति नवाब परिवार से मांगी जा रही है। यदि यह दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया तो ये संपत्तियां सरकार के राजसात (confiscation) कर दी जाएंगी। हाईकोर्ट में दी गई माला श्रीवास्तव की रिपोर्ट के अनुसार भोपाल और आसपास करीब 550 एकड़ भूमि नवाब परिवार के नाम दर्ज थी, लेकिन यह पर्सनल प्रॉपर्टी नहीं थी।
समाजसेवी अमिताभ अग्निहोत्री की शिकायत के बाद सीईपीआई टीम ने इन संपत्तियों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। अग्निहोत्री ने जोर देकर कहा है कि मर्जर एग्रीमेंट की प्रति प्रस्तुत न होने पर तत्काल राजसात किया जाना चाहिए।
भारत में शत्रु संपत्ति की व्यापकता
भारत सरकार की MHA (गृह मंत्रालय) रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुल 12,983 शत्रु संपत्तियां हैं जो पाकिस्तान या चीन की नागरिकों के नाम पर हैं। ये संपत्तियां CEPI के नियंत्रण में हैं। इनमें से अधिकतर संपत्तियां उत्तर प्रदेश (5688) और पश्चिम बंगाल (4354) में हैं।
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शत्रु संपत्ति क्या है?
शत्रु संपत्ति (Enemy Property) वे संपत्तियां होती हैं जो भारत से पाकिस्तान या चीन चले गए व्यक्तियों की होती हैं, जिनकी भारत में संपत्ति रह गई हो। भारत सरकार ने ऐसे संपत्तियों को शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है और इन्हें CEPI के संरक्षण में रखा गया है।
इस अधिनियम के अंतर्गत शत्रु संपत्ति को मूल मालिक या उनके कानूनी उत्तराधिकारी वापस नहीं ले सकते, भले ही उनकी नागरिकता बदल गई हो। 2017 के संशोधन के बाद, भारतीय नागरिक उत्तराधिकारियों को भी इन संपत्तियों पर कोई दावा करने का अधिकार नहीं है। CEPI को इन संपत्तियों को बेचने, लीज पर देने या अन्य उपयोग करने का अधिकार है।
- शत्रु संपत्ति अधिनियम
- शत्रु संपत्ति भारत से बाहर गए या पाकिस्तान/चीन के नागरिकों की संपत्ति होती है।
- मूल मालिक या उनके उत्तराधिकारी संपत्ति का दावा नहीं कर सकते।
- CEPI को संपत्ति के प्रबंधन, बिक्री, और उपयोग का अधिकार है।
- 2017 के संशोधन में कानूनी उत्तराधिकारी को भी मुआवजा नहीं मिलता।
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