मध्य प्रदेश में नए पदोन्नति नियमों को लेकर सपाक्स पार्टी ने अपनी स्पष्ट राय दी है। सरकार को पदोन्नति, सीधी भर्ती और कानून निर्माण में सभी वर्गो के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। यह बात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईएएस अफसर डॉ. हीरालाल त्रिवेदी ने कही है। उन्होंने यह भी कहा कि जिसको जितना हक है, उसे बिना भेदभाव के लाभ मिलना चाहिए।
सपाक्स पार्टी ने नए पदोन्नति नियमों का स्वागत किया। इसके साथ ही यह भी कहा कि सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग को आरक्षित पदों पर वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति मिलनी चाहिए। कनिष्ठों को वरिष्ठ बनाकर न बैठाया जाए।
ये खबर भी पढ़िए...मध्यप्रदेश में कर्मचारियों-अधिकारियों की पदोन्नति के नए नियम जारी, प्रमोशन कमेटी में शामिल होंगे ये अधिकारी
पदोन्नति नियमों में आरक्षण का समर्थन
सपाक्स पार्टी ने यह स्पष्ट किया कि नए नियमों में आरक्षित वर्ग को 20% और 16% आरक्षण देने का कोई विरोध नहीं है। लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि सामान्य और अन्य वर्गों के लिए शेष अनारक्षित पदों पर पदोन्नति दी जाए। डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी वर्ग के व्यक्ति को बिना उसकी योग्यता और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति न मिले।
ये खबर भी पढ़िए...अब नहीं लगेगा पदोन्नति में ब्रेक, एमपी में 2 साल में एक बार होगी डीपीसी बैठक
एट्रोसिटी एक्ट दुरुपयोग पर जताई चिंता
सपाक्स पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. वीणा घाणेकर ने एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह कानून सबके लिए समान होना चाहिए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश शुक्ला ने भी कहा कि सरकार को लाभ और योजनाएं गरीबों को गरीबी के आधार पर देना चाहिए, न कि जाति के आधार पर। महासचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि जिन वर्गों को 2002 से 2016 तक पदोन्नति का लाभ नहीं मिला, उन्हें भी यह लाभ मिलना चाहिए।
जानें क्या कहता है नए पदोन्नति नियमों
नए नियमों के तहत पदोन्नति का आधार अब योग्यता और वरिष्ठता होगा, खासकर उच्च वेतनमान वाले पदों पर। अन्य सभी पदों पर वरिष्ठता और उपयुक्तता के आधार पर पदोन्नति दी जाएगी। यह नियम सभी कर्मचारियों पर समान रूप से लागू होंगे। आरक्षित वर्ग के लिए पदों की गणना विभागीय दक्षता को ध्यान में रखते हुए की जाएगी।
ये खबर भी पढ़िए...पदोन्नति पर कर्मचारी संगठनों में फिर तकरार, सपाक्स ने सिरे से नकारा
आरक्षित पदों की गणना:
- अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित पदों की संख्या कुल पदों का 20% होगी।
- अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित पदों की संख्या कुल पदों का 16% होगी।
X और Y का मान:
- X और Y का मान 0 से 1 तक होगा, जो प्रशासनिक दक्षता पर आधारित होगा। इन्हें राज्य शासन के जरिए विभागीय समिति के माध्यम से निर्धारित किया जाएगा।
पांच वर्षो के लिए निर्धारण:
- X और Y का निर्धारण पांच वर्षों के लिए होगा (2024 से 2028 तक), और हर पांच साल बाद इसे पुनः निर्धारित किया जाएगा।
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃
🤝💬👩👦👨👩👧👧
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें
पदोन्नति में आरक्षण | सपाक्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी | Promotion Rules | Reservation