मध्यप्रदेश में कर्मचारियों-अधिकारियों की पदोन्नति के नए नियम जारी, प्रमोशन कमेटी में शामिल होंगे ये अधिकारी

मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के पदोन्नति के लिए नए नियमों का गजट नोटिफिकेशन जारी किया। यह निर्णय मोहन कैबिनेट की बैठक में लिया गया था। नए नियमों में योग्यता, वरिष्ठता और उपयुक्तता पर ध्यान दिया गया है।

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Manish Kumar
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BHOPAL. मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के पदोन्नति के नए नियमों को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। मध्य प्रदेश लोकसेवा पदोन्नति नियम 2025 को मंजूरी देने का फैसला मंगलवार को मोहन कैबिनेट ने लिया था। अब इस पदोन्नति प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी। 

यह निर्णय हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था। 19 जून 2025, गुरुवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। मध्य प्रदेश सरकार ने पदोन्नति की प्रक्रिया को लेकर जो नए नियम जारी किए हैं, उनमें योग्यता, वरिष्ठता और कार्य दक्षता पर विशेष ध्यान दिया गया है।

पदोन्नति हेतु आधार और नियम...

पदोन्नति का आधार

उच्च वेतनमान के पदों पर पदोन्नति "योग्यता और वरिष्ठता" के आधार पर होगी। अन्य सभी पदों पर पदोन्नति "वरिष्ठता और उपयुक्तता" के आधार पर की जाएगी। शेष सभी नियम पदोन्नति के लिए समान रूप से लागू होंगे।

आरक्षित पदों की गणना

विभाग के संवर्ग में आरक्षित वर्ग के प्रतिनिधित्व और प्रशासनिक दक्षता को ध्यान में रखते हुए आरक्षित पदों की गणना की जाएगी। अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित पदों की संख्या कुल पदों का 20% होगी।

अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित पदों की संख्या कुल पदों का 16% होगी। X और Y का मान 0 से 1 तक होगा, जो प्रशासनिक दक्षता पर आधारित होगा। इनका निर्धारण राज्य शासन द्वारा विभागीय समिति के माध्यम से होगा।

आमतौर पर, X=1 और Y=1 निर्धारित किया जाएगा और यदि कुछ अलग निर्धारण करना हो, तो मुख्य सचिव की समिति से अनुमोदन लिया जाएगा।

पांच वर्षों के लिए निर्धारण

X और Y का निर्धारण पांच वर्षों के लिए होगा (2024 से 2028 तक)। हर पांच साल बाद इसे पुनः निर्धारित किया जाएगा।

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नीचे देखें जारी किया गया नोटिफिकेशन

बनाई जाएंगी विभागीय पदोन्नति समिति (DPC)

राज्य शासन द्वारा पदोन्नति के लिए प्रत्येक संवर्ग के पदों का निर्धारण किया जाएगा। इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी, जो निर्णय लेगी। समिति के अध्यक्ष विभाग के सचिव और विभागाध्यक्ष सचिव होंगे। इसके साथ ही, जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) का उपसचिव या उससे उच्च रैंक का एक अधिकारी भी समिति में शामिल होगा।

यदि इन तीनों में से कोई सदस्य एससी वर्ग का नहीं है, तो एक सेकेंड क्लास एससी अधिकारी को भी समिति में शामिल किया जाएगा। इसी तरह, अगर एसटी वर्ग का कोई सदस्य नहीं है, तो एक सेकेंड क्लास एसटी अधिकारी को भी समिति में शामिल किया जाएगा।

विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक

प्रत्येक चयन वर्ष के लिए एक बार बैठक होगी। 31 दिसंबर 2025 तक की रिक्तियों के लिए विशेष बैठक आयोजित की जाएगी। बाद में, प्रत्येक चयन वर्ष के लिए बैठक सितंबर से नवंबर तक आयोजित होगी। यदि किसी वर्ष की बैठक नहीं होती, तो अगली बैठक में पिछली बैठक का विचार किया जाएगा। अनुपलब्ध पदों को रिक्त माना जाएगा। 

सर्विस पीरियड का ऐसे होगा कैलकुलेशन

कर्मचारी की सेवा की अवधि (service period) उस चयन वर्ष तक की जाएगी, जिस वर्ष की पदोन्नति के लिए समिति की बैठक हो रही हो। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई कर्मचारी दिसंबर 2021 में फीडर संवर्ग या सेवा में शामिल हुआ है, तो 31 दिसंबर 2025 को उसकी पांच वर्ष की प्रमोशन योग्य सेवा पूरी हो जाएगी।

सीआर निर्धारण का यह होगा फार्मूला

नियमों के अनुसार, कर्मचारी की सीआर (Confidential Report) का निर्धारण उस चयन वर्ष की पदोन्नति के लिए समिति की बैठक के आधार पर किया जाएगा, और यह पिछले 5 वित्तीय वर्षों की होनी चाहिए। अगर इन 5 वर्षों में से अधिकतम दो सीआर उपलब्ध नहीं हैं, तो विभागीय पदोन्नति समिति 2 पुराने सालों सहित कुल सात वर्षों की सीआर को पदोन्नति के लिए आधार बना सकती है।

प्रमोशन के लिए ये होंगे अपात्र

जीएडी ने नियमों में कहा है कि यदि कर्मचारी निलंबित है, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही जारी है, या किसी आपराधिक आरोप में कोर्ट में चालान पेश किया गया है, तो ऐसे मामलों में खाली पदों को अस्थायी रूप से भरा जाएगा।

जब कर्मचारी दोषमुक्त होगा, तब सीलबंद अनुशंसा को खोला जाएगा और पात्र होने पर पदोन्नति की तारीख से उसे पदोन्नति दी जाएगी। इसके अलावा, कर्मचारी को संवर्ग के खाली पद में समायोजित किया जाएगा।

अगर कोई खाली पद नहीं है, तो सबसे बाद में पदोन्नति पाने वाले व्यक्ति को डिमोट कर उस पद के लिए पदोन्नति दी जा सकती है।

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