मध्य प्रदेश के सतना से चित्रकूट तक प्रस्तावित 77.115 किलोमीटर लंबे फोरलेन राजमार्ग के लिए ड्रोन सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस सर्वेक्षण के लिए कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से अनुमति मांगी है।
ड्रोन तकनीक के माध्यम से हवाई वीडियोग्राफी कर क्षेत्रीय अध्ययन किया जाएगा, जिससे डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार की जाएगी।
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योजना की लागत और उद्देश्य
इस फोरलेन राजमार्ग की निर्माण लागत लगभग 1 हजार 5 सौ 38 करोड़ रुपए और भूमि अधिग्रहण की लागत 503 करोड़ रुपए अनुमानित है।
ड्रोन सर्वेक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि, राजमार्ग का अधिकतम हिस्सा सीधा हो और नगरीय क्षेत्रों को कम से कम प्रभावित किया जाए। वर्तमान में सतना से चित्रकूट तक दो लेन की सड़क है, जिसे फोरलेन में परिवर्तित किया जाएगा।
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प्रस्तावित मार्ग और गांव
बता दें कि, यह फोरलेन राजमार्ग सतना और चित्रकूट जिलों के कई गांवों से होकर गुजरेगा। जहां सतना जिले में अमौधा कला, बराकला कोठार, भाद, भरगवां, चौरेही, चोरा कोठार, चौरा वट, दलेला, गिधुरी कोठार, गुलुई, गुलुवा, हिरौंदी, जुदेही, कमलो, कंचनपुर, करही कोठार, करही हरमल्ला, कठौता, कठवरिया कला, खूझा, पेपरखार, कुड़िया कोठार, मझगवां, मझटोवला, मौहरिया, नयागांव, पचौर, परेवा कोठार, पड़वनिया जागीर, पथरा, चौबे जागीर, पिंडरा, पोंडी, रजौला, रामपुर चौरासी, रमपुरवा, रौनी, रनेही, सगरा, शिवसागर, सोनौरा गांव शामिल हैं।
चित्रकूट जिले में बाबूपुर, बालापुर माफी, बंदर कोल, भंभई, बिहारा, चौबे जागीर, चक लोहसर, चकाला राजरानी, चितारा गोकुलपुर, खोही, खुटहा, रानीपुर भट्ट, संग्रामपुर, सीतापुर माफी गांव शामिल हैं।
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सर्वे की समयसीमा
ड्रोन सर्वे की प्रक्रिया 15 दिनों में पूरी होने की संभावना है, बशर्ते जिला प्रशासन से अनुमति प्राप्त हो जाए। यह सर्वे उन गांवों में किया जाएगा जो प्रस्तावित राजमार्ग के मार्ग में आते हैं।
सतना से चित्रकूट तक प्रस्तावित फोरलेन राजमार्ग परियोजना क्षेत्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम है। ड्रोन तकनीक के उपयोग से परियोजना की योजना और कार्यान्वयन में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होगी।
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