मंत्री प्रतिमा बागरी ने खोली पोल: सतना में घटिया सड़क, PWD का औचक निरीक्षण सिर्फ कागजी खानापूर्ति?

मध्य प्रदेश में लोक निर्माण विभाग (PWD) के औचक निरीक्षण की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में भाजपा की राज्यमंत्री के किए गए निरीक्षण में सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हुए, जब निर्माण कार्य में घोटाले और गुणवत्ता की कमी पाई गई।

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Ramanand Tiwari
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BHOPAL. मध्यप्रदेश में लोक निर्माण विभाग लगातार औचक निरीक्षण और सख्ती के दावे करता रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी कहती नजर आ रही है। हालिया मामले के बाद विभाग की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।

मंत्री ने खोली विभाग की पोल

PWD के औचक निरीक्षण की सच्चाई तब सामने आई, जब भाजपा की राज्यमंत्री मौके पर पहुंची। निरीक्षण में सड़क की हालत से यह साफ हो गया कि कागजों में हो रही कार्रवाई और जमीन पर हो रहे काम में अंतर है।

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सूत्रों का दावा: पहले से मिल जाती है सूचना

सूत्रों के अनुसार, औचक निरीक्षणों की जानकारी ठेकेदारों और इंजीनियरों को पहले ही मिल जाती है। इसके बाद अधिकारी आने पर पूरा अमला उनका स्वागत करता है। ऐसे में गुणवत्ता की असली जांच कैसे होगी, यह सवाल है।

सड़कों की गुणवत्ता पर कैसे लगेगा कंट्रोल?

जब निरीक्षण ही औपचारिक बन जाए, तो सड़कों की गुणवत्ता पर नियंत्रण संभव नहीं दिखता। जानकारों का कहना है कि इसी कारण प्रदेश में कई सड़कें जल्द खराब हो जाती हैं। इससे जनता का पैसा बर्बाद होता है।

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मंत्री का रिपोर्ट कार्ड और स्वीकारोक्ति

हाल ही में PWD मंत्री राकेश सिंह ने अपने विभाग का दो साल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया था। इस दौरान उन्होंने खुद स्वीकार किया कि प्रदेश में इंजीनियरों के प्रशिक्षण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। कई सड़कें खस्ताहाल हैं। ऐसे में सवाल यह है कि गुणवत्ता की मॉनिटरिंग आखिर किस आधार पर हो रही है।

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गुणवत्ता परिषद भी बेअसर?

प्रदेश में गुणवत्ता कार्य परिषद के अस्तित्व पर भी सवाल उठ रहे हैं। जब निगरानी करने वाली संस्थाएं प्रभावी नहीं हैं, तो जनता का पैसा सही काम में लग रहा है या नहीं, इस पर संदेह होना स्वाभाविक है।

सतना में सामने आई असल तस्वीर

सतना जिले में PWD की लापरवाही का ताजा मामला सामने आया है। यहां राज्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान घटिया सड़क निर्माण की पोल खुल गई। इसके बाद विभाग की कार्यप्रणाली पर सीधे सवाल खड़े हो गए।

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कोठी तहसील में खानापूर्ति का खुलासा

कोठी तहसील के पोड़ी-मनकहरी मार्ग, जिसकी लंबाई करीब 3 किलोमीटर है, का नवीनीकरण किया गया था। लेकिन जांच में सामने आया कि सड़क निर्माण सिर्फ औपचारिकता तक सीमित रहा और गुणवत्ता से समझौता किया गया। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी जब निरीक्षण के लिए पहुंचीं, तो सड़क पर पैर रखते ही डामर उखड़ने लगा। यह नजारा देखकर मंत्री भड़क उठीं और मौके पर ही अधिकारियों से जवाब मांगा।

मंत्री का तीखा सवाल-जवाब

वीडियो में राज्यमंत्री यह कहते हुए नजर आ रही हैं कि ये भी कोई सड़क है? जरा सी धक्के में पूरी रोड निकल रही है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इस निर्माण की निगरानी कौन कर रहा है और आगे की सड़क की हालत कैसी है।

कार्यपालन यंत्री की सफाई पर सवाल

निरीक्षण के दौरान जब PWD के कार्यपालन यंत्री बी.आर. सिंह से जवाब तलब किया गया, तो उन्होंने मामले को हल्का करने की कोशिश की। उनका कहना था कि सड़क के कुछ हिस्से ही रिजेक्ट किए गए हैं।

जमीनी हकीकत कुछ और...

हकीकत यह रही कि पूरी सड़क की गुणवत्ता संदिग्ध पाई गई। डामर की मोटाई और सामग्री मानकों के अनुरूप नहीं थी, जिससे साफ है कि निर्माण में नियमों की अनदेखी हुई।

वीडियो वायरल, जनता में नाराजगी

राज्यमंत्री के निरीक्षण का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग PWD की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

अब जवाबदेही तय होगी या फिर खानापूर्ति?

इस मामले ने यह सवाल खड़ा किया है कि विभागीय कार्रवाई केवल नोटिस तक सीमित रहेगी या नहीं। क्या जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर ठोस कदम उठाए जाएंगे? जनता की नजर अब सरकार के अगले फैसले पर टिकी है।

मध्यप्रदेश प्रतिमा बागरी राकेश सिंह PWD लोक निर्माण विभाग
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