मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्कूल यूनिफार्म की सिलाई के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, महिला स्व- सहायता समूहों ने 4.25 लाख विद्यार्थियों के लिए यूनिफार्म तैयार की और इसके लिए उन्हें 25 करोड़ से अधिक की राशि भी दी गई। परंतु जमीनी हकीकत यह है कि कई समूहों को यूनिफार्म सिलने का कोई काम नहीं मिला और महिलाएं बीड़ी बनाकर गुजारा कर रही हैं।
जांच में हुआ खुलासा
जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि स्व- सहायता समूहों के नाम पर यूनिफार्म तैयार की गई और पैसा भी उनके खातों में डाला गया। परंतु, असल में उन महिलाओं को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जय गोपाल स्व-सहायता समूह की सचिव लक्ष्मी अग्निहोत्री बीड़ी बनाने का काम करती हैं। उनका कहना है कि उनके समूह को सिलाई का कोई काम नहीं मिला। इसी तरह, मां संतोषी स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष जानकी साहू भी बीड़ी बनाकर अपना जीवन यापन कर रही हैं और उनका समूह भी कई सालों से बंद है। फिर भी सरकारी रिकॉर्ड में उनके नाम पर यूनिफार्म तैयार करने का भुगतान किया गया।
समूह 2016-17 से बंद
जय गोपाल समूह के नाम पर 740 ड्रेस के सिलने का दावा किया गया और 3.65 लाख रुपए समूह के खाते में जमा किए गए। लक्ष्मी अग्निहोत्री का कहना है कि उन्हें सिलाई का काम मिला ही नहीं, तो ये राशि कहां गई, इसकी जानकारी नहीं है। मां संतोषी समूह के नाम पर भी 548 यूनिफार्म तैयार करने के लिए 1.15 लाख रुपए का भुगतान हुआ, परंतु समूह की अध्यक्ष जानकी का कहना है कि उनका समूह 2016-17 से बंद है।
जांच का आदेश
आजीविका मिशन के अधिकारी प्रभाष मडोतिया का कहना है कि इस वर्ष यूनिफार्म वितरण के लिए बजट स्वीकृत नहीं हुआ है, केवल पिछले दो सत्रों की शेष राशि का भुगतान किया जा रहा है। अगर इस मामले में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो इसकी जांच कराई जाएगी।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक