वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा की न्यायाधीशों को समझाइश , बोले- नहीं करनी चाहिए विवादित टिप्पणी

RSS से प्रतिबंध हटाने के मामले में न्यायाधीशों की टिप्पणी को वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने उनकी निजी राय बताया है। साथ ही विवादित टिप्पणी करने से बचने की समझाइश दी है।

Advertisment
author-image
Neel Tiwari
New Update
Senior lawyer Vivek Tankha gave advice judges
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

JABALPUR. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रतिबंध हटाने के मामले में न्यायाधीशों के द्वारा की गई टिप्पणी को वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने उनकी निजी राय बताया है। हाइकोर्ट का हवाला देते हुए विवेक तन्खा ने न्यायाधीशों को यह समझाइश दी है कि वह विवादित टिप्पणी करने से बचें।

टिप्पणी न्यायाधीशों की निजी राय

आरएसएस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के नामी वकील और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि आरएसएस से प्रतिबंध सरकार ने अलग किया था। इस मामले में हाई कोर्ट के द्वारा फैसला सिर्फ दो लाइनों में भी किया जा सकता था, पर इस पर की गई टिप्पणी न्यायाधीशों की निजी राय है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार न्यायाधीशों को फैसले में अपनी निजी राय जाहिर नहीं करनी चाहिए।

बीजेपी से अलग होना साबित करे RSS

विवेक तन्खा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राजनीतिक गतिविधियों पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आरएसएस को यह साबित करना होगा कि वह बीजेपी से नहीं जुड़ी हुई है। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी का चुनाव में आरएसएस के द्वारा पूरा समर्थन किया जाता है। विवेक तन्खा ने आगे बताया कि उन्होंने भी पिछले दो चुनाव लड़े हैं और उनके पास इसके सबूत है कि आरएसएस के द्वारा भारतीय जनता पार्टी का पूरा प्रचार और सपोर्ट किया जाता है। तो अब यह आरएसएस की जिम्मेदारी है कि वह यह साबित करें कि वह बीजेपी से नहीं जुड़ी है, क्योंकि जनता इस बात पर भरोसा नहीं करती।

ये खबर भी पढ़ें... नए सिरे से तैयार होगा भोपाल के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट, 74 सदस्यों की नई कमेटी का गठन

इंदौर हाई कोर्ट ने सुनाया था फैसला

केंद्र सरकार ने सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगाने वाले आदेश को रद्द कर दिया था। प्रतिबंधात्मक संगठन की सूची से संघ को नौ जुलाई के आदेश से ही बाहर किया था। इस मामले में इंदौर हाईकोर्ट ने अपने फैसले में बेहद अहम टिप्पणिया की थी और साथ ही तत्कालीन केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया था। हाईकोर्ट ने यहां तक कहा था कि यह दुर्भाग्य की बात है कि संघ जैसे लोकहित, राष्ट्रहित में काम करने वाले संगठन को प्रतिबंधात्मक संगठन की सूची से हटाने में केंद्र सरकार को पांच दशक लग गए।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

जबलपुर न्यूज राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा RSS से प्रतिबंध हटाने का मामला विवेक तन्खा की न्यायाधीशों को समझाइश विवादित टिप्पणी करने से बचें जज