मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें कुछ पतियों ने अपनी पत्नियों को कंट्रोल करने के लिए मरी हुई बाघिन के पंजे काटने और दांत निकालने की सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया। यह घटना सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व एरिया की है, जहां एक बाघिन का शव 26 अप्रैल 2025 को मिला था। वन विभाग की जांच में यह बात सामने आई कि बाघिन की मौत स्वाभाविक थी, लेकिन उसके पंजे काटे गए थे, नुकीले दांत निकाले गए थे और खाल भी उतारी गई थी।
आरोपी पतियों का खुलासा
जांच के दौरान अधिकारियों को पता चला कि इस अपराध में पांच लोग शामिल थे राज कुमार, झाम सिंह, छबि लाल, रत्नेश पार्टे और मनीष उइके। इन आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि उन्होंने अपनी पत्नियों को कंट्रोल में रखने के लिए यह काम किया।
तांत्रिक के कहने पर किया ये काम
इस गंभीर मामले की छानबीन के दौरान पांच लोगों की संलिप्तता उजागर हुई। पूछताछ में इन सभी ने बताया कि उन्होंने एक तांत्रिक के कहने पर बाघिन के पंजे और दांत निकाले। तांत्रिक ने उन्हें समझाया था कि इन वस्तुओं के जरिए पत्नियों को वश में किया जा सकता है।
खाल लेने पहुंचे तो पकड़े गए
पूछताछ में यह भी सामने आया कि तांत्रिक ने उनसे बाघिन की खाल लाने की भी मांग की थी। जब आरोपी दोबारा जंगल में खाल उतारने पहुंचे, तो वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।
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तंत्र-मंत्र का यह अंधविश्वास बना अपराध का कारण
मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व जैसी संरक्षित जगहों पर इस तरह की घटनाएं वन्यजीव सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक हैं। यह मामला दर्शाता है कि कैसे अंधविश्वास आज भी समाज में न सिर्फ खुद के लिए घातक है बल्कि पर्यावरण और वन्य जीवों के लिए भी खतरनाक है।
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