तीन दशक से थाने में 'कैद' थीं देवी! कोर्ट के फैसले के बाद मिली रिहाई, पुजारी ने सालों तक नहीं पहनी चप्पल, जानें मामला

करीब तीन दशक पहले एक देवी की मूर्ति कुछ बदमाशों ने चुरा ली थी। पुलिस ने कुछ ही दिनों में मूर्ति ढूंढ ली थी, लेकिन वह कई सालों तक थाने के गोदाम में पड़ी रही। अब इस मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। करीब तीन दशक से पुलिस की हिरासत में रही एक देवी की मूर्ति को कोर्ट के आदेश के बाद रिहा कर दिया गया है। इसके बाद बड़ी धूमधाम से भक्तों ने मूर्ति को उसी स्थान पर फिर से स्थापित किया, जहां से चोरी हुई थी। बता दें कि यह घटना शहडोल के ब्यौहारी थाना क्षेत्र के जमुनी गांव की है।

15 दिन के अंदर देवी की मूर्ति बरामद लेकिन... 

दरअसल, साल 1997 में ब्यौहारी थाना क्षेत्र के ग्राम जमुनी में स्थित लोढ़ा माता मंदिर से माता रानी की मूर्ति अचानक गायब हो गई थी। इस मामले में मंदिर के पुजारी प्यारे लाल ने ग्रामीणों के साथ मिलकर उसी समय ब्यौहारी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

ब्यौहारी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और 15 दिन के अंदर देवी की मूर्ति बरामद कर ली। मूर्ति चुराने वाले चोरों को भी गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन इस मामले में पहले से ही चोरी का मामला दर्ज था, इसलिए कानूनी प्रक्रिया के तहत ही इसे वापस दी जानी थी। हालांकि सुरक्षा कारणों से मूर्ति को थाने के माल गोदाम में रख दिया गया, जहां यह पिछले 27 सालों से रखी हुई थी।

27 साल पुराना है मामला

सोशल एक्टिविस्ट अजय सिंह ने बताया कि चोरी का यह मामला 27 साल पुराना है। जब गांव वालों ने हमें इस बारे में बताया तो हम ब्यौहारी थाना पहुंचे। वहां थाना प्रभारी से बात की और उनके स्टोर रूम में मूर्ति की तलाशी करवाई। मूर्ति मिलने के बाद जब हमने उसे मांगा तो उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में है इसलिए मूर्ति को छुड़ाने के लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत होगी, उसके बाद ही मूर्ति वापस मिलेगी।

अजय सिंह ने आगे बताया कि हमने इस संबंध में जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा था, लेकिन ज्ञापन सौंपने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। फिर हमने वकील के माध्यम से कोर्ट में अपनी शिकायत पेश की। इसके बाद कोर्ट ने 27 साल से कैद मूर्ति को हम ग्रामीणों को देने का आदेश दिया। इसके बाद ग्रामीणों को लोढ़ा देवी की मूर्ति वापस मिल सकी।

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मंदिर के पुजारी ने क्या बताया?

वहीं मंदिर के पुजारी रामप्यारे ने बताया कि लोढ़ा माता मंदिर से मूर्ति चोरी होने के बाद वह काफी दुखी थे। मैंने फैसला लिया था कि जब तक माता रानी की मूर्ति मंदिर में दोबारा स्थापित नहीं हो जाती, तब तक चप्पल नहीं पहनूंगा। इसके बाद से ही पुजारी पिछले 27 सालों से नंगे पैर चल रहे थे। अब मंदिर की मूर्ति मिल जाने और दोबारा स्थापित हो जाने पर वह चप्पल पहन सकेंगे। मंदिर के पुजारी प्यारेलाल ने आगे बताया कि पुलिस ने लोढ़ा माता की मूर्ति हमें सौंप दी है। मूर्ति मिलने के बाद ग्रामीणों ने उसे धूमधाम से उसी स्थान पर दोबारा स्थापित किया, जहां से वह चोरी हुई थी।

ब्यौहारी थाना प्रभारी अरुण पांडे ने बताया कि कोर्ट से आदेश मिलने के बाद हमने मूर्ति ग्रामीणों को वापस सौंप दी है। यह मामला 27 साल पुराना था। चोरी का मामला था, इसलिए कोर्ट के आदेश के बिना मूर्ति वापस नहीं की जा सकती थी।

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