भोपाल के शाहजहांनाबाद इलाके के जिस फ्लैट से 5 साल की बच्ची का शव मिला, वह बच्ची के फ्लैट से महज 8 फीट की दूरी पर है। इसके बाद भी पुलिस शव का पता नहीं लगा पाई। जबकि, शव मिलने से पहले पुलिस दो बार फ्लैट की तलाशी ले चुकी थी। पुलिस को शव के बारे में कोई सुराग इसलिए नहीं मिला, क्योंकि आरोपी शव को छिपाने वाली जगह को फिनाइल से पोछा लगाते रहे, ताकि बदबू बाहर न फैले।
पता यह भी चला कि जिस दिन बच्ची लापता हुई थी, उसकी मौत एक घंटे के अंदर ही हो गई थी। मासूम की हत्या कर शव को बिस्तर के नीचे छिपा दिया गया था। हत्या से पहले आरोपी ने बच्ची के साथ रेप भी किया। इसकी पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हो चुका है। बता दें कि पुलिस ने आरोपी अतुल के साथ उसकी मां बसंती और बहन चंचल को भी गिरफ्तार किया है। दोनों पर शव को छिपाने में मदद करने का आरोप है। रेप और हत्या की इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा कैसे हुआ? आइए जानते हैं...
कैसे गायब हुई थी बच्ची?
5 साल की मासूम बच्ची 24 सितंबर को लापता हो गई थी। दोपहर 12 बजे वह अपनी दादी के साथ अपने बड़े पापा के फ्लैट पर थी। दरअसल, जिस मल्टी में बच्ची रहती थी, उसके बड़े पिता का फ्लैट दूसरी मंजिल पर है। दादी ने उसे दोपहर में स्कूल की किताबें लाने के लिए भेजा था। जब काफी देर हो गई और पोती वापस नहीं लौटी, तो दादी नीचे वाले फ्लैट में पहुंची। फ्लैट पर ताला लगा था। दादी ने उसे आस-पास खोजा, अपने जानने वालों से पूछा, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पाई।
बच्ची के लापता होने की सूचना धीरे-धीरे मल्टी में रहने वाले लोगों तक पहुंची तो उन्होंने भी टीम बनाकर उसकी तलाश शुरू कर दी। हालांकि, इसके बाद भी बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला, तो पिता लोगों के साथ शाहजहांनाबाद थाने पहुंचे और बच्ची के अपहरण का मामला दर्ज कराया।
एक-एक फ्लैट की पुलिस ने ली थी तलाशी
बच्ची के अचानक गायब होने की खबर मिलते ही पुलिस भी सक्रिय हो गई और खोजबीन शुरू कर दी, लेकिन बच्ची का कहीं पता नहीं चला। बच्ची को खोजने के लिए 5 थाने और 100 पुलिसकर्मी सर्च ऑपरेशन में जुटे थे। पुलिस की ओर से काफी छानबीन की गई। पुलिस की टीम ने एक-एक फ्लैट की तलाशी ली। इसके अलावा आसपास के नाले और तालाबों की भी तलाशी ली। मल्टी के आसपास लगे सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले लेकिन किसी भी फुटेज में बच्ची बाहर आती नजर नहीं आई।
मासूम की लाश तक कैसे पहुंची पुलिस?
बता दें कि जिस फ्लैट में बच्ची रहती थी, उसके ठीक बगल में ग्रेजुएट की पढ़ाई कर रहे दिनेश श्रीवास्तव का भी फ्लैट है। छात्र ने बताया कि 26 सितंबर को सुबह 10-11 बजे के बीच जब वह सोकर उठा तो बाहर बरामदे से कुछ सड़ने की बदबू आ रही थी। उसने आगे बताया कि मुझे लगा कि शायद मेरे घर में कोई चूहा मर गया है, इसीलिए इतनी बुरी बदबू आ रही है और मैंने पूरा घर छान मारा लेकिन चूहा कहीं नहीं मिला।
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मरा चूहा दिखाकर गुमराह करने की कोशिश
दिनेश श्रीवास्तव ने आगे बताया कि इसके बाद सामने वाले फ्लैट में रहने वाली आंटी से पूछा। इसके बाद आरोपी अतुल भलेसे के घर पहुंचा। उस समय अतुल की बहन चंचल भालसे मौजूद थी। जब उनसे बदबू के बारे में पूछा तो वह नाराज हो गई लेकिन फिर नॉर्मल होकर बोली कि चूहा मर गया है। मैंने फर्श पर फिनाइल से पोछा लगा दिया है, कुछ देर में बदबू चली जाएगी।
इसके बाद पुलिस एक बार फिर जांच के लिए आरोपी के घर पहुंची। पुलिस जैसे ही फ्लैट में दाखिल हुई, चंचल ने पुलिस को मरा हुआ चूहा दिखाकर गुमराह करना शुरू कर दिया। जब आरोपी द्वारा चूहा फेंकने के बाद भी फ्लैट से बदबू नहीं गई, तो पुलिस का शक गहरा गया। इसके बाद आरोपी के फ्लैट की तलाशी ली गई। पुलिस ने जब तलाशी ली, तो पाया कि बदबू बाथरूम के ऊपर रखी प्लास्टिक की टंकी से आ रही थी।
शव मिलने पर एम्स भेजा
पुलिस ने तुरंत टंकी को नीचे उतारा तो उनके होश उड़ गए। टंकी में मासूम बच्ची का शव पड़ा था। उसके ऊपर कपड़े और जूते रखे हुए थे। पुलिस ने मासूम बच्ची का शव को पोस्टमार्टम के लिए ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने बहन चंचल, मां बसंती और फिर मुख्य आरोपी अतुल भालसे को गिरफ्तार किया।
पुलिस तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर श्यामला हिल्स थाने लेकर गई। जहां पूछताछ में अतुल ने खुलासा किया कि मंगलवार को जब नगर निगम की टीम फॉगिंग करके लौटी तो पूरी गली खाली थी। तभी बच्ची नीचे जाती दिखी। उसने बच्ची को बुलाया और दरवाजा बंद कर कमरे के अंदर ले गया। वहां उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव को बेड के नीचे छिपा दिया।
सख्त कार्रवाई करने की मांग
जानकारी के मुताबिक इस पूरी वारदात को अंजाम देने में महज 35 मिनट का समय लगा। शाम को जब उसकी बहन चंचल और मां बसंती काम से लौटीं तो उन्हें अतुल की करतूत का पता चला। 25 सितंबर को बसंती और चंचल के कहने पर अतुल ने शव को पानी की टंकी में छिपा दिया था। आरोपी मासूम बच्ची का शव को ठिकाने लगाने के फिराक में थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल रहा था। दरअसल, पुलिस उसके लापता होने के बाद से ही मल्टी कॉम्प्लेक्स में डेरा जमाए बैठी थी। अब लोग इन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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