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MP NEWS: शाहपुरा भिटौनी रेलवे स्टेशन के पास स्थित बीपीसीएल पेट्रोलियम डिपो से एक भयावह खबर आई। यहां पेट्रोल और डीजल से भरे रेलवे टैंकरों में अचानक आग लग गई। रात लगभग 9 बजे अचानक रेलवे ट्रैक से आग और धुएं का विशाल गुबार उठने लगा। चंद मिनटों में आग ने इतना विकराल रूप ले लिया कि दूर से भी लपटें और धुआं साफ दिखाई देने लगा। इस भयावह दृश्य ने लोगों को सहमा दिया, और कुछ ही देर में पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
दहशत में आए लोग, परिवारों ने छोड़े घर
जैसे ही आग की खबर आस-पास के रहवासी क्षेत्रों तक पहुंची, वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। पेट्रोल और डीजल जैसे अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ से भरे टैंकरों में किसी भी क्षण विस्फोट हो सकता है, इस आशंका ने लोगों को गहरी दहशत में डाल दिया। बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। छोटे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को लेकर परिवार अपने घर छोड़कर पास के खुले मैदानों और सुरक्षित इलाकों में पहुंचने लगे। कई लोगों ने अपने मकानों को लॉक भी नहीं किया, बस जान बचाने की जल्दी थी। क्षेत्रीय निवासी बता रहे हैं कि यह दृश्य किसी युद्ध जैसी स्थिति का आभास करा रहा था।
प्रशासन की तत्परता ने टाला बड़ा हादसा
घटना की जानकारी मिलते ही जबलपुर नगर निगम की आयुक्त प्रीति यादव ने हालात की गंभीरता को भांपते हुए तत्परता से कार्रवाई की। उन्होंने तुरंत नगर निगम के अग्निशमन विभाग को निर्देशित किया और शहर से फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर रवाना किया। सिर्फ नगर निगम ही नहीं, आसपास के नगरीय निकायों और सरकारी संस्थानों से भी दमकल वाहन बुलवाए गए। टीमों ने मौके पर पहुंचकर रणनीतिक ढंग से आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू की। घंटों की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार आग पर नियंत्रण पाया जा सका। इस राहत भरी सफलता ने बड़ी तबाही को टाल दिया।
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कलेक्टर ने दी पुष्टि: जनहानि नहीं, स्थिति अब नियंत्रण में
जबलपुर कलेक्टर कार्यालय की ओर से देर रात एक आधिकारिक सूचना जारी की गई, जिसमें बताया गया कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। दोनों टैंकर बीपीसीएल के पेट्रोलियम डिपो से पेट्रोल भरकर निकले थे और रेलवे ट्रैक पर खड़े थे, जब आग लगी। समय रहते फायर ब्रिगेड के पहुंच जाने और अधिकारियों की मुस्तैदी से किसी बड़े विस्फोट या जान-माल के नुकसान की स्थिति नहीं बनी। कलेक्टर ने जनता से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
आग लगने के कारण ही होगी तकनीकी जांच
इस भीषण घटना के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। आग किस कारण से लगी, क्या यह टैंकर से पेट्रोल लीकेज था, या फिर कोई तकनीकी खामी थी इसकी सच्चाई तो जांच के बाद ही सामने आ पाएगी। जानकारी के अनुसार अब इन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए रेलवे और पेट्रोलियम विभाग की संयुक्त जांच टीमें घटनास्थल का निरीक्षण करेंगी। डिपो के सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी रजिस्टर और कर्मचारियों के बयान भी लिए जाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि टैंकरों में भरे अत्यधिक ज्वलनशील पेट्रोल की थोड़ी सी चिंगारी भी विकराल आग का रूप ले सकती है।
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चेतावनी बनकर सामने आया है हादसा
शाहपुरा भिटौनी का यह हादसा एक चेतावनी की तरह सामने आया है। एक छोटी सी चिंगारी ने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया। प्रशासन की तत्परता और फायर ब्रिगेड की मेहनत ने इस बार तबाही को टाल दिया, लेकिन क्या हम अगली बार इतने सौभाग्यशाली होंगे? यही सवाल अब क्षेत्र के हर नागरिक के मन में है। अब वक्त आ गया है कि पेट्रोलियम जैसे अत्यधिक जोखिम वाले संस्थानों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, ताकि कोई अनहोनी न हो और जनता की जान-माल हमेशा सुरक्षित रहे।
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