शिवम वर्मा इंदौर निगमायुक्त, ग्वालियर के अनुभव के कारण प्रियंक से आगे निकले, हर्षिका सिंह को नहीं दी कलेक्टरी

हर्षिका सिंह के जाने की सुगबुगाहट तो पहले से ही थी, लेकिन इसमें उस समय मुहर लग गई जब उन्होंने अपने X अकाउंट पर एक विवादित पोस्ट डाली। हालांकि बाद में द सूत्र की न्यूज के बाद हटा दी और इस पर अगले दिन सफाई दी कि वह लाइन अच्छी लगी तो लिख दी थी। 

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Pratibha ranaa
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शिवम वर्मा और हर्षिका सिंह

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संजय गुप्ता, INDORE. आईएएस 2013 बैच के अधिकारी और वर्तमान में अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग पर पदस्थ शिवम वर्मा इंदौर के नए निगमायुक्त ( Shivam Verma Indore Municipal Commissioner ) बनाए गए हैं। वह हर्षिका सिंह की जगह आए हैं। शिवम वर्मा के साथ ही इस पद के लिए धार कलेक्टर और इसी बैच के प्रियंक मिश्रा भी सीएम की पसंद में थे, लेकिन अंत में वर्मा का ग्वालियर नगर निगम आयुक्त पद का अनुभव होना और वर्तमान में नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त होने का अनुभव प्रियंक पर भारी पड़ा।

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इंदौर नगर निगम की चुनौतियां देखते हुए अनुभवी जरूरी था

दरअसल इंदौर की जिस तरह से सफाई में अभी स्थिति हो या आर्थिक हालत हो या फिर अंदरूनी ब्यूरोक्रेसी Vs जनप्रतिनिधि वाला मामला हो, इन सभी को देखते हुए इंदौर को लेकर सीएम किसी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं थे। इसे देखते हुए निगमायुक्त को बदलने के लिए उन्होंने लंबा समय लिया, हर्षिका सिंह को हटाए जाने की खबरें दो महीने से ही थी, लेकिन अब चुनाव की आचार संहिता के पहले आई अंतिम आईएएस लिस्ट में ही उन्हें हटाया गया। 

हर्षिका सिंह की X पोस्ट के बाद जाना तय था

हर्षिका सिंह के जाने की सुगबुगाहट तो पहले से ही थी, लेकिन इसमें उस समय मुहर लग गई जब उन्होंने अपने X अकाउंट पर एक विवादित पोस्ट डाली, बाद में द सूत्र की न्यूज के बाद हटा दी और इस पर अगले दिन सफाई दी कि वह लाइन अच्छी लगी तो लिख दी थी, लेकिन इंदौर मीडिया ने एकेडमिक और प्रोफेशनल बातों को मिक्स कर दिया। 

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सिंह के समय लगातार चले विवाद

सिंह इंदौर निगमायुक्त पद पर एक साल भी पूरा नहीं कर सकी। उन्हें प्रतिभा पाल के अप्रैल 2023 में ट्रांसफर के बाद इस पद पर लाया गया था, तब वह मंडला कलेक्टर थी, लेकिन पूरा कार्यकाल महापौर पुष्यमित्र भार्गव व एमआईसी मेंबर के साथ विवादों में रहा। बाद में विधायकों ने भी अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर शिकायतें शुरू कर दी थी। उनके समय निगम नींबू कांड, हर दिन अधिकारी और जनप्रतिनिधि विवाद, फिर बावड़ी हादसे के आरोपियों में से एक को फिर फील्ड पोस्टिंग देना जैसे कई विवाद जुड़े रहे। वहीं इंदौर स्वच्छता के नंबर वन के ताज के बाद संयुक्त विजेता पर आ गया। यह गिरावट ही थी। 

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ऐसी निगमायुक्त जिन्हें हटने के बाद कलेक्टरी नहीं मिली

इन सभी का नतीजा यह हुआ कि सिंह को किसी जिले की कलेक्टरी नहीं दी गई। उन्हें संचालक कौशल विकास भोपाल बनाया गया है। इसके पहले मनीष सिंह जब निगमायुक्त से हटे तो उज्जैन कलेक्टर बने, आशीष सिंह हटे तो वह भी उज्जैन कलेक्टर बनाए गए, प्रतिभा पाल हटी तो रीवा कलेक्टर बनाई गई थी, लेकिन हर्षिका सिंह को कलेक्टरी नहीं दी गई है।

शिवम वर्मा ने अहम समय संभाली थी श्योपुर कलेक्टरी

शिवम वर्मा को तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2021 की ग्वालियर-चंबल में आई बाढ़ के दौरान हुए विवादों के बीच श्योपुर कलेक्टर बनाया था। उनके पहले तत्कालीन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर भीड़ ने कीचड़ तक फैंक दिया था। दो साल कलेक्टर रहने के बाद जुलाई 2023 में उन्हें अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल में पदस्थ किया गया था और अब इंदौर निगमायुक्त बनाया गया है। वह बीटेक किए हुए हैं और मूल रूप से यूपी के हैं।

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