मप्र में सर्वाधिक समय तक सीएम का पद संभालने वाले और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आजकर झारखंड का चुनावी काम संभाल रहे हैं। उनके झारखंड में मंगलवार को किए गए एक राजनीतिक वादे पर युवाओं ने उन्हें जुमलेबाज मामा की संज्ञा दे डाली।
क्या है शिवराज सिंह का वादा
झारखंड में एक रैली में शिवराज सिंह चौहान उर्फ मामा उर्फ बहनों के भैया ने कहा कि- झारखंड़ में 2 लाख 87 हजार से ज्यादा नौकरियों के पद रिक्त पड़े हैं। बीजेपी सरकार वह करेगी जो हेमंत ने नहीं किया, पहली कैबिनेट में ही रिक्त पद भरने का फैसला कर दिया जाएगा। कैलेंडर बनाकर सरकारी नौकरिया देने का काम करेंगे।
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मप्र में चुनाव के पहले क्या किए वादे और क्या हश्र
मप्र में चुनाव के पहले सीएम रहते हुए चौहान ने हर वर्ग को खुश करने के लिए पंचायत बुलाई और एक के बाद एक वादे किए। वो एक गाना है ना…. वादे पे तेरा मारा गया युवा (बंदा) ये सीधा-सादा, कुछ हाल मप्र में यही हुआ है।
- युवाओं से कहा कि वह एक साल में एक लाख सरकारी नौकरियां देंगे, लेकिन यह जुमला साबित हुआ।
- अतिथि शिक्षकों को नियमित करने जैसे वादे किए, उधर अभी बीजेपी सरकार में मंत्री उदय प्रताप सिंह उन्हें मेहमान होकर घर पर कब्जा करने की संज्ञा दे रहे हैं।
- कमलनाथ सरकार के समय लागू हुए चौथे साल में सौ फीसदी वेतन देने के कष्टदायी फार्मूले को बंद कर सौ फीसदी वेतन देने का वादा किया।
- 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर हाईकोर्ट के स्टे के बाद 87 फीसदी का फार्मूला भी उन्हीं की सरकार की देन थी। इसे आज तक युवा भुगत रहे हैं और हजारों पद व लाखों उम्मीदवार उलझ गए हैं।
- उनके कार्यकाल की पटवारी भर्ती परीक्षा अभी भी विवादों में हैं। आज तक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया।
- ईएसबी द्वारा उनके कार्यकाल में चुनावी साल में कराई कई भर्ती परीक्षा के अभी तक अंतिम रिजल्ट नहीं आए। इसमें वन रक्षक, जेल प्रहरी अहम है।
- शिक्षक की भर्ती 8720 पदों पर होनी थी, आज तक वह कानूनी बाधा में अटकी है और ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिले हैं।
क्या बोल रहे द सूत्र से युवा
द सूत्र से युवाओं ने मामा के वादों को झूठा कहा है। मप्र के युवाओं ने झारखंड के युवाओं से कहा है कि वह शिवराज की बातों में नहीं आए। केवल लाड़ली बहना के कारण वह चुनाव जीते हैं, सारा पैसा उसी योजना में लगा दिया और उनके नौकरियों के वादे आज तक मप्र में पूरे नहीं हुए हैं।
युवाओं ने कहा कि 87 फीसदी का नियम लाकर युवाओं के हक को मार दिया गया है। पटवारी भर्ती में घोटाला हुआ, इसे दबा दिया गया। अतिथि शिक्षकों को आज तक नियमित नहीं किया गया। ईएसबी परीक्षा से चयनितों को चार साल तक सौ फीसदी वेतन नहीं मिलता है। सारे वादे चुनावी और कोरे निकले हैं।
कांग्रेस ने भी कसा तंज
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने भी तंज कसते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के युवाओं को पकड़- पकड़ कर रोजगार देने के बाद, व्यापमं का नाम बदलकर शिक्षा के प्रति उदारता दिखाने के बाद और प्रदेश की सड़कों को वाशिंगटन जैसी बना देने की एतिहासिक सफलता के बाद अब उनकी दृष्टि झारखंड पर पड़ गई है। झारखंड के मतदाताओं से आग्रह है कि मतदान करते समय जमीनी और सच्चे विकास(INDIA) का साथ दें.. घोषणावीरों से सावधान..सावधान.. सावधान।
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