शिवराज-तन्खा मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये सुझाव, कैसे सुलझेगा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा से मानहानि विवाद को आपसी बातचीत से निपटाने की सलाह दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 मई को होगी।

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Rohit Sahu
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MP News: सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बुधवार को शिवराज सिंह चौहान और विवेक तन्खा के वकीलों—महेश जेठमलानी और कपिल सिब्बल को स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अदालत को यह मामला सुनने के लिए विवश न करें। कोर्ट की मंशा है कि यह विवाद सुलह के माध्यम से सुलझाया जाए। पीठ ने यह भी जोड़ा कि वे इस केस को बंद करना चाहते हैं, इसलिए दोनों पक्ष आपसी बैठक कर समाधान निकालें।

तन्खा की शर्त—अगर चौहान खेद व्यक्त करें तो सुलह संभव

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर मंत्री खेद प्रकट करते हैं, तो तन्खा समझौते को तैयार हैं। इस पर जेठमलानी ने जवाब दिया कि जब कोई गलती नहीं हुई तो खेद क्यों? हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि व्यक्तिगत तौर पर कपिल सिब्बल के साथ बैठकर चर्चा करने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई 21 मई तक टाल दी।

2021 पंचायत चुनाव में के बाद शुरू हुआ मामला

विवेक तन्खा ने आरोप लगाया था कि साल 2021 के मध्य प्रदेश पंचायत चुनावों के दौरान शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने उनके खिलाफ जानबूझकर एक संगठित और झूठा प्रचार अभियान चलाया। इस अभियान में उन्हें ओबीसी आरक्षण विरोधी बताकर उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाया गया। इसके जवाब में तन्खा ने तीनों नेताओं पर 10 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया।

हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, अब सुप्रीम कोर्ट में केस

25 अक्टूबर को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने मानहानि मामले को रद्द करने की मांग की थी। इसके बाद चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की। कोर्ट ने इसकी सुनवाई में आपस में सुलह और बातचीत से मामला सुलझाने की सलाह दी है। सुप्रीम कोर्ट में 21 मई को अगली सुनवाई तय की गई। 

अब दोनों पक्षों की सहमति पर टिकी निगाहें

सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को समय देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 21 मई तय की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोनों पक्ष आपसी सहमति से विवाद को समाप्त करते हैं या फिर कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ेगा। शिवराज सिंह चौहान की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि विवेक तन्खा (Vivek Tankha) के आरोप असंवैधानिक हैं क्योंकि जिन बयानों पर विवाद है, वे विधानमंडल की कार्यवाही से जुड़े हैं। संविधान के अनुच्छेद 194(2) के तहत ऐसे बयानों पर अदालत में कार्यवाही नहीं की जा सकती।

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जबलपुर कोर्ट में दर्ज हुआ था मामला, समन जारी

धारा 500 के तहत केस, कोर्ट ने भेजा था समन, 20 जनवरी 2024 को जबलपुर के विशेष न्यायालय ने तीनों भाजपा नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत मामला दर्ज कर समन जारी किया था। यह समन विवेक तन्खा द्वारा दर्ज कराए गए 10 करोड़ के मानहानि केस में भेजा गया था।

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