BHOPAL. मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक और फैसला पलटने जा रहे हैं। अब राजधानी परियोजना प्रशासन यानी सीपीए को पुनर्जीवित करने की तैयारी है। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार, 30 अगस्त को दिल्ली में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य तथा ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर चर्चा की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, भोपाल में राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) सड़कों, पार्कों, भवनों के निर्माण, विकास और रख-रखाव के अलावा नजूल की जमीन की सुरक्षा और विकास कार्य करने वाली संस्था रही है। सीपीए को पुनर्जीवित करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय से आर्थिक और तकनीकी सहायता देने का अनुरोध किया है। सीएम ने कहा, सीपीए के फिर अस्तित्व में आने से भोपाल की विकास गतिविधियों में तेजी आएगी।
1960 में अस्तित्व में आया था सीपीए
आपको बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 अगस्त 2022 को वर्ष 1960 में अस्तित्व में आई एजेंसी सीपीए को खत्म करने निर्देश दिए थे। इसके बाद सीपीए का कामकाज समेट लिया गया था। खास तो यह है कि ढाई महीने पहले ही विधानसभा में भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद के एक सवाल के जवाब में कहा था कि राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) को फिर शुरू नहीं किया जाएगा। उन्होंने तर्क दिया था कि भोपाल में निर्माण और सौंदर्यीकरण के लिए स्मार्ट सिटी, बीडीए, हाउसिंग बोर्ड, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी जैसी एजेंसियां काम कर रहीं हैं।
सीपीए के हिस्से कई उपलब्धियां
भोपाल के विकास के लिए वर्ष 1960 में सीपीए अस्तित्व में आया था। तब आवास एवं पर्यावरण विभाग के तहत CPA का गठन किया गया था। भोपाल की सड़कों को बनाना और उनका मेंटेनेंस करना सीपीए का जिम्मा था। सीपीए की उपलब्धियों में नए भोपाल का व्यवस्थित विकास, नया मंत्रालय भवन (एनेक्सी) और चर्चित वीआईपी रोड शामिल है। ये प्रोजेक्ट सीपीए ने ही किए थे। वहीं, जनजातीय संग्रहालय, मानव संग्रहालय, टीटी नगर स्टेडियम, सतपुड़ा, विध्यांचल भवन, भारत भवन और शौर्य स्मारक जैसी ऐतिहासिक और भव्य इमारतें-भवन भी सीपीए ने बनाई हैं।
पहले मनाही, अब सीएम ने मांगा फंड
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो वर्ष पहले भोपाल में जर्जर हो रही सड़कों के बाद एक्शन लेते हुए सीपीए को खत्म करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से यहां कामकाज शून्य था। मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद सीपीए को फिर अस्तित्व में लाने पर बात हुई थी, लेकिन जब पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने विधानसभा में कहा था कि इसे शुरू नहीं करेंगे तो इस बात की संभावना पूरी तरह खत्म हो गई थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री खट्टर से मिलकर सीपीए के लिए फंड मांगा है।
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