राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के मानहानि मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसी के साथ केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह को ट्रायल कोर्ट में पेश होना ही पड़ेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने शिवराज सहित तीनों नेताओं को मामले में अंतरिम राहत नहीं दी है। तीनों नेताओं ने अपने खिलाफ दायर मानहानि का मामला खारिज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने दिया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद विवेक तन्खा सहित सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब तो मांग लिया लेकिन शिवराज, वीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह को चाही गई राहत नहीं दी है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीनों के खिलाफ बेलेबल वारंट की जरूरत नहीं है लेकिन तीनों नेता को अपने वकीलों के साथ ट्रायल कोर्ट में पेश होना होगा।
मानहानि का मामला खारिज करने की मांग
बता दें कि अपने खिलाफ मानहानि का मामला खारिज करने की शिवराज, वीडी और भूपेन्द्र सिंह की मांग जबलपुर हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दी थी जिसके बाद तीनों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली।
क्या था पूरा मामला
बता दें कि विवेक तन्खा ने बीते पंचायत और निकाय चुनावों में परिसीमन और आरक्षण में रोटेशन का पालन ना होने पर सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी लेकिन कोर्ट ने एक दूसरे मामले में सुनवाई करते हुए ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। हालांकि ओबीसी आरक्षण पर रोक से विवेक तन्खा का कोई ताल्लुक नहीं था लेकिन आरोप है कि तत्कालीन सीएम शिवराज, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने विवेक तन्खा को ओबीसी विरोधी होने के बयान दिए और ओबीसी आरक्षण पर रोक का ठीकरा उन पर फोड़ दिया। ऐसे में विवेक तन्खा ने तीनों नेताओं पर 10 करोड़ की मानहानि का दावा ठोक दिया था।
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