सिंहस्थ-2028 की तैयारीः क्षिप्रा नदी होगी प्रदूषण मुक्त

मध्यप्रदेश के उज्जैन में सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन के साथ-साथ सम्पूर्ण मालवा और निमाड़ के जिलों में भी विकास कार्य होंगे। इन जिलों में कार्यों को लेकर प्रस्तावों का समय-सीमा में क्रियान्वयन किया जाएगा...

Advertisment
author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
THESOOTR
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOAPL. सीएम डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ-2028 ( Simhastha 2028 ) की तैयारी के संबंध में मंत्रालय में अधिकारियों से चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन नगर की जरूरतों और विकास को ध्यान में रखते हुए सिंहस्थ पर केंद्रित कार्यों का क्रियान्वयन किया जाए। क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। 

सीएम की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समिति बनाई जाएगी

क्षिप्रा के संरक्षण और जन सुविधा का ध्यान रखते हुए नदी के घाटों को विकसित किया जाए। सिंहस्थ के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समिति बनाई जाएगी। इसी वर्ष के बजट में 3 वर्ष में पूर्ण होने वाले कार्यों को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंहस्थ में आवागमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण जावरा-उज्जैन, इंदौर-उज्जैन फोरलेन, उज्जैन रेलवे स्टेशन की क्षमता वृद्धि तथा उज्जैन के आस-पास फ्लेग स्टेशन विकसित करने जैसे बड़े कार्यों को तत्काल आरंभ करने के निर्देश दिए।

 नमामि क्षिप्रा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि क्षिप्रा को स्वच्छ रखने के लिए सभी विभाग और एजेंसी तीन स्तर पर कार्य करेगी। इंदौर-उज्जैन के बीच स्टॉपडेम मरम्मत और निर्माण, गंदे पानी के डायवर्जन की योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसके लिए आईआईटी से सुझाव और विकल्प भी प्राप्त किए जाएंगे। क्षिप्रा नदी के बेहतर स्वरूप के लिए "नमामि क्षिप्रा" कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा। क्षिप्रा नदी पर सम्पूर्ण शहरी क्षेत्र में नवीन घाटों का निर्माण किया जाएगा। इंदौर, सांवेर, देवास व उज्जैन नगरीय क्षेत्रों में वर्ष 2040 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए जल-मल योजनाएं और सीवेज ट्रीटमेंट प्लान वर्ष 2027 से पहले पूर्ण कर लिए जाएंगे। कान्ह नदी सहित क्षिप्रा नदी में मिलने वाले सभी नदी-नालों का दिसम्बर 2027 तक ट्रीटमेंट सुनिश्चित किया जाएगा।  

बेहतर प्रबंधन के लिए एक दल हरिद्वार कुंभ का अध्ययन भी करेगा

सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन के साथ-साथ सम्पूर्ण मालवा और निमाड़ के जिलों में भी विकास कार्य होंगे। इन जिलों में  कार्यों को लेकर प्रस्तावों का समय-सीमा में क्रियान्वयन किया जाएगा। सिंहस्थ के बेहतर प्रबंधन और समन्वय के लिए विभागीय अधिकारियों का दल प्रयागराज और हरिद्वार कुंभ का अध्ययन भी करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चर्चा में कहा कि उज्जैन में विकसित होने वाली स्पिरीचुअल सिटी के लिए महाकाल महालोक के पहले और दूसरे चरण, उज्जैन विकास प्राधिकरण तथा गृह निर्माण मंडल की योजनाओं को सम्मिलित करते हुए कार्ययोजना बनाई जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि स्पिरीचुअल सिटी में धार्मिक दृष्टि से उज्जैन के महत्व और पहचान, मालवा की संस्कृति, परम्परा, रहन-सहन आदि को पर्याप्त अभिव्यक्ति मिले।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव Ujjain क्षिप्रा नदी सिंहस्थ 2028 Simhastha 2028