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मध्य प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए बर्तन खरीदी में भारी भ्रष्टाचार सामने आया है। सरकारी अफसरों ने खुले बाजार में कम कीमत पर उपलब्ध बर्तनों को जैम पोर्टल (GEM Portal) से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदा। रीवा संभाग के कमिश्नर की प्रारंभिक जांच में यह घोटाला उजागर हुआ। इस मामले में सिंगरौली के जिला कार्यक्रम अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में उठाए सवाल
कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने इस घोटाले को लेकर सवाल किया। उन्होंने पूछा कि वर्ष 2024-25 के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में बर्तन खरीदने के लिए सरकार ने एक ही फर्म से मनमानी दरों पर सामान खरीदा, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
मंत्री निर्मला भूरिया ने दी सफाई
महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कांग्रेस विधायक के सवालों पर सफाई देते हुए कहा कि बर्तनों की आपूर्ति प्रक्रिया अभी चल रही है और पेमेंट अब तक नहीं किया गया है। हालांकि, जांच रिपोर्ट में साफ हो चुका है कि यह खरीद बाजार दर से कई गुना अधिक महंगी थी। ये सभी बर्तन जय मातादी कॉरपोरेशन, बैकुंठपुर (छत्तीसगढ़) से खरीदे गए हैं।
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जीतू पटवारी ने सरकार को घेरा
मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार को घेरा। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए स्टील का ग्लास 162 रुपए, थाली 610 रुपए और चम्मच 38 रुपए में खरीदी गई! BJP राज कर्ज, करप्शन, कमीशन में भी 'ऐतिहासिक' पहल कर रहा है। यदि सिर्फ महिला एवं बाल विकास विभाग में ही भ्रष्टाचार का इतना 'विकास' हो गया है, तो फिर परिवहन घोटाले जैसे 'महाकांड' से ज्यादा आश्चर्य नहीं होता।
आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए स्टील का ग्लास 162 रुपए, थाली 610 रुपए और चम्मच 38 रुपए में खरीदी गई! @BJP4MP राज कर्ज, करप्शन, कमीशन में भी "ऐतिहासिक" पहल कर रहा है!@DrMohanYadav51 जी,
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) March 22, 2025
यदि सिर्फ महिला/बाल विकास में ही भ्रष्टाचार का इतना "विकास" हो गया है तो फिर परिवहन घोटाले जैसे…
क्या था पूरा मामला
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में जनवरी महीने में आंगनबाड़ियों के लिए बर्तन खरीदी में भारी घोटाला सामने आया था। जिले की 1500 आंगनबाड़ियों के लिए 5 करोड़ रुपए के चम्मच, सर्विंग चम्मच और जग खरीदे गए थे, लेकिन वर्क ऑर्डर में इन बर्तनों की कीमत बहुत ज्यादा बताई गई थी। इस मामले की जांच रीवा संभाग आयुक्त की अध्यक्षता में की गई। जांच पूरी होने पर रीवा संभाग आयुक्त ने मामला उजागर किया।