MP में स्मार्ट मीटर के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे उपभोक्ता, इन 11 मांगों पर जमकर होगा हल्ला बोल

मध्यप्रदेश में स्मार्ट मीटर के विरोध में उपभोक्ता 6 अक्टूबर को सड़कों पर उतरेंगे। 11 प्रमुख मांगों के साथ उनका उद्देश्य सरकार से उचित बिजली बिल और बेहतर व्यवस्था की मांग करना है।

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Amresh Kushwaha
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BHOPAL.मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज, 06 अक्टूबर को स्मार्ट मीटर (Smart Meter) के विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन में राज्य के सभी जिलों से लाखों उपभोक्ताओं के शामिल होने संभावना है। यह विरोध दोपहर 12:30 बजे से शाहजहानी पार्क में होने वाला है। इसका नेतृत्व मध्यप्रदेश बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन (एमईसीए) करेगा। इसका उद्देश्य सरकार को बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं से अवगत कराना है। इसमें उपभोक्ता 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने, बिजली दरें घटाने समेत 11 प्रमुख मांगें सरकार से करेंगे।

भोपाल में स्मार्ट मीटर का विरोध

एमईसीए के प्रदेश संयोजक रचना अग्रवाल और लोकेश शर्मा ने बताया कि यह विरोध राजनीतिक स्वार्थ से नहीं, बल्कि आम उपभोक्ताओं के जीवन-मरण के मुद्दे से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में प्री-पेड स्मार्ट मीटर की नीतियों का विरोध बढ़ रहा है। यह न सिर्फ उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ रहा है, बल्कि उनके जीवन को भी प्रभावित कर रहा है।

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सरकार से 11 प्रमुख मांगें: उपभोक्ताओं का हल्ला बोल

प्रदर्शन के दौरान उपभोक्ता सरकार से 11 प्रमुख मांगें करेंगे, जिनमें प्रमुख रूप से यह शामिल हैं-

  1. बिजली सेवा के निजीकरण की नीति रद्द की जाए।

  2. बिजली संशोधन विधेयक 2022 को रद्द किया जाए।

  3. स्मार्ट मीटर लगाने की नीति को समाप्त किया जाए।

  4. बिजली बिलों की हार्ड कॉपी और पोस्टपेड व्यवस्था लागू की जाए।

  5. स्मार्ट मीटर हटाकर पुराने डिजिटल मीटर लगाए जाएं।

  6. उपभोक्ताओं पर दर्ज एफआईआर और केस निरस्त किए जाएं।

  7. बढ़े हुए बिजली बिलों को रद्द किया जाए।

  8. भविष्य में उचित और तार्किक बिजली बिल दिए जाएं।

  9. बिजली के दरों में कमी की जाए, ताकि गरीब उपभोक्ता भी बिल भर सकें।

  10. बिजली का बिल न भर पाने पर तीन महीने का समय दिया जाए, और कनेक्शन नहीं काटा जाए।

  11. सभी उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए।

बढ़ते बिल से बढ़ी ये समस्या

स्मार्ट मीटर से गरीबों की मुश्किलें बढ़ीं

संगठन के मुदित भटनागर ने बताया कि स्मार्ट मीटर के कारण भोपाल और अन्य जिलों में गरीब उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कई इलाकों में स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं के बिलों में भारी वृद्धि देखी गई है। भोपाल में कुछ उपभोक्ताओं का बिल 10 हजार से लेकर 20 हजार रुपए तक आ रहा है। यह स्थिति केवल भोपाल तक सीमित नहीं है, ग्वालियर, गुना, सीहोर और अन्य जिलों में भी ऐसा ही हो रहा है।

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गहने बेचने को मजबूर उपभोक्ता

ग्वालियर में एक उपभोक्ता को 5 हजार रुपए का बिल आ रहा है, जबकि उनके घर का आकार एक कमरे जैसा है। वहीं, गुना में एक किसान को 2 लाख से ज्यादा का बिल दिया गया है। इन बढ़े हुए बिलों के कारण लोग अपने गहने और बर्तन बेचकर अपनी बिजली के बिलों का भुगतान करने पर मजबूर हैं।

बिजली कनेक्शन तुरंत कट जाने का डर

स्मार्ट मीटर की प्रमुख समस्याओं में से एक यह है कि यदि बिल का भुगतान नहीं किया जाता है, तो बिजली कनेक्शन तुरंत काट दिया जाता है। इसके बाद कनेक्शन जोड़ने के लिए उपभोक्ताओं से 350 रुपए की अतिरिक्त फीस ली जाती है, जबकि सिक्योरिटी राशि पहले ही जमा होती है। इसके अलावा, मीटर में कोई खराबी आने पर उपभोक्ता को फिर से उस रकम का भुगतान करना पड़ता है।

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नहीं मिल रही बिल की हार्ड कॉपी

स्मार्ट मीटर के साथ एक और समस्या यह है कि बिजली का बिल अब हार्ड कॉपी में नहीं दिया जा रहा है। इससे अशिक्षित और तकनीकी रूप से अक्षम उपभोक्ताओं के लिए समस्याएं बढ़ गई हैं। इसके अलावा, हर उपभोक्ता के पास स्मार्टफोन नहीं होता और बिजली का बिल चुकाने के लिए मोबाइल खरीदना पड़ता है।

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जानें क्यों जरूरी है उपभोक्ताओं का यह विरोध

MP में स्मार्ट मीटर से जुड़ी समस्याओं को लेकर यह प्रदर्शन और आंदोलन उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए जरूरी हो गया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली क्षेत्र का पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर उनके टैक्स के पैसों से खड़ा हुआ है। यह उनका अधिकार है कि उन्हें उचित बिजली बिल मिले और उनकी परेशानियों का समाधान हो।

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