सोम डिस्टलरीज पर गिरेगी गाज, सीएम नाराज, आबकारी अपर आयुक्त अतुलकर, ALO मेहदेले सहित कई अफसर सस्पेंड

ज्ञात हो कि रायसेन स्थित सोम डिस्टलरीज में राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने छापा मार कार्रवाई की थी। इसमें फैक्ट्री में 60 बच्चे काम करते हुए मिले थे। हालत यह थी कि केमिकल की वजह से इन बच्चों के हाथ की त्वचा भी गल गई थी।

Advertisment
author-image
Marut raj
एडिट
New Update
som distilleries
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00
Som Distilleries  : सोम डिस्टलरीज में बच्चों को श्रमिक बनाए जाने के मामले में सरकार सख्त हो गई है। इस मामले में आबकारी और श्रम विभाग की ओर से फैक्ट्री पर कार्रवाई की जा रही है। इस केस में फैक्ट्री मालिक जगरीश अरोरा को 6 महीने तक की जेल भी हो सकती है। श्रम और आबकारी विभाग की लापरवाही को लेकर  mp CM Mohan Yadav ने नाराजगी जाहिर। इसके साथ ही बाल कल्याण समिति के सामने 24 घंटे में बाल श्रमिकों को लाने की बात भी बाल कल्याण आयोग ने कही है। 

सीएम इसलिए हुए नाराज 

ज्ञात हो कि रायसेन स्थित सोम डिस्टलरीज में राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने छापा मार कार्रवाई की थी। इसमें फैक्ट्री में 60 बच्चे काम करते हुए मिले थे। हालत यह थी कि केमिकल की वजह से इन बच्चों के हाथ की त्वचा भी गल गई थी। सीएम मोहन यादव इस बात से नाराज हैं कि दिल्ली से आकर बाल आयोग की टीम ने यह कार्रवाई थी, तब जाकर इतने बड़े मामले का खुलासा हुआ, जबकि फैक्ट्री में आबकारी विभाग का अधिकारी प्रोडक्शन की निगरानी के लिए तैनात रहता है। फैक्ट्री को लेकर आबकारी और श्रम विभाग के अफसर आंख बंद किए रहे। 

इनकी लापरवाही आई सामने

आबकारी विभाग: डिस्टलरीज में उत्पादन पर नजर रखने के लिए आबकारी विभाग की ओर से सहायक आबकारी आयुक्त को नियुक्त किया जाता है। Som Distilleries में केएच अतुलकर की ड्यूटी थी। समय रहते इन्होंने बाल श्रमिकों पर ध्यान नहीं दिया। इसे सिविल सेवा के तहर कदाचरण का माना गया और इन्हें तथा इनके 5 सहयोगियों को सस्पेंड कर दिया गया है। 

श्रम विभाग: Som Distilleries में बाल श्रमिकों से काम लिए जाने के लिए सीधे तौर पर श्रम विभाग जिम्मेदार है। इस विभाग की ओर से समय रहते कार्रवाई नहीं की गई। लापरवाही के लिए सहायक श्रम अधिकारी मेहदेले को भी सस्पेंड कर दिया गया है। 

बच्चों की आयु की जांच के बाद तय होगा फैक्ट्री संचालक पर केस : बताया जा रहा है कि Som Distilleries में काम कर रहे बच्चों का मेडिकल टेस्ट कराया जाएगा। यदि इस जांच में बच्चों की आयु तय नियमों से कम पाई जाती है तो फैक्ट्री संचालक के खिलाफ छह माह की जेल या 1 लाख रुपए के जुर्माने या दोनों की सजा सुनाई जा सकती है। 

कानूनगो एफआईआर की कॉपी लेने पहुंचे थाने

 सोम डिस्टलरीज पर बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के बाद बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो एफआईआर दर्ज कराने के लिए खुद उमरावगंज थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से एफआईआर की कॉपी मांगी। कॉपी न मिलने पर उन्होंने मौके पर मौजूद अफसरों से नाराजगी जाहिर की। इस बीच आरोप लग रहे हैं कि फैक्ट्री से मुक्त कराए गए बच्चों में से 39 बच्चों को गायब कर दिया गया है। 

अतुलकर ने ये दिया जवाब

 Som Distilleries में बाल श्रमिक का मामला सामने आने के बाद जिला आबकारी अधिकारी केएल अतुलकर को नोटिक जारी किया गया था।  इसके जवाब में उन्होंने बताया है कि ये बच्चे फैक्ट्री में काम करने वाले आसपास के गांव वालों के हैं। ये बच्चे अपने परिजन को खाना पहुंचाने आए थे। 

 

 

ये खबर भी पढ़ें... देखें वीडियो

15-15 घंटे कराते थे काम, स्कूल बस लगा रखी थी बच्चों को लाने के लिए

 

CM Mohan Yadav सोम डिस्टलरीज Som Distilleries