सीएम इसलिए हुए नाराज
इनकी लापरवाही आई सामने
आबकारी विभाग: डिस्टलरीज में उत्पादन पर नजर रखने के लिए आबकारी विभाग की ओर से सहायक आबकारी आयुक्त को नियुक्त किया जाता है। Som Distilleries में केएच अतुलकर की ड्यूटी थी। समय रहते इन्होंने बाल श्रमिकों पर ध्यान नहीं दिया। इसे सिविल सेवा के तहर कदाचरण का माना गया और इन्हें तथा इनके 5 सहयोगियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
श्रम विभाग: Som Distilleries में बाल श्रमिकों से काम लिए जाने के लिए सीधे तौर पर श्रम विभाग जिम्मेदार है। इस विभाग की ओर से समय रहते कार्रवाई नहीं की गई। लापरवाही के लिए सहायक श्रम अधिकारी मेहदेले को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
बच्चों की आयु की जांच के बाद तय होगा फैक्ट्री संचालक पर केस : बताया जा रहा है कि Som Distilleries में काम कर रहे बच्चों का मेडिकल टेस्ट कराया जाएगा। यदि इस जांच में बच्चों की आयु तय नियमों से कम पाई जाती है तो फैक्ट्री संचालक के खिलाफ छह माह की जेल या 1 लाख रुपए के जुर्माने या दोनों की सजा सुनाई जा सकती है।
कानूनगो एफआईआर की कॉपी लेने पहुंचे थाने
सोम डिस्टलरीज पर बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के बाद बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो एफआईआर दर्ज कराने के लिए खुद उमरावगंज थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से एफआईआर की कॉपी मांगी। कॉपी न मिलने पर उन्होंने मौके पर मौजूद अफसरों से नाराजगी जाहिर की। इस बीच आरोप लग रहे हैं कि फैक्ट्री से मुक्त कराए गए बच्चों में से 39 बच्चों को गायब कर दिया गया है।
अतुलकर ने ये दिया जवाब
Som Distilleries में बाल श्रमिक का मामला सामने आने के बाद जिला आबकारी अधिकारी केएल अतुलकर को नोटिक जारी किया गया था। इसके जवाब में उन्होंने बताया है कि ये बच्चे फैक्ट्री में काम करने वाले आसपास के गांव वालों के हैं। ये बच्चे अपने परिजन को खाना पहुंचाने आए थे।
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