भोपाल. बेलगाम शराब कंपनी सोम सोम डिस्टलरी पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। बुधवार, 19 जून को सरकार ने फैक्ट्री का लाइसेंस सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए। मामला बच्चों से शराब की बोतलें पैक कराने का है। इस मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने सवाल खड़े किए थे। इसके बाद आबकारी विभाग ने कंपनी के कर्ता-धर्ताओं को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था। अब संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की गई है।
खास यह है कि जब सोम डिस्टलरी को लेकर मंत्रालय में आदेश लिखा जा रहा था, तब सोम के पूर्व मालिक जगदीश अरोरा वाणिज्यिक कर विभाग के पीएस अमित राठौर के केबिन के बाहर खड़े थे। अब इसके क्या मायने हैं, आप आसानी से समझ सकते हैं। क्या है कि दस्तावेजों में अब जगदीश अरोरा का कहीं नाम नहीं है, लेकिन उनका मंत्रालय में होना अलग की दिशा में इशारा करता है। वहीं, सीएम मोहन यादव ने सोम डिस्टलरी के लाइसेंस सस्पेंशन पर कहा है कि बच्चों के साथ ज्यादती बर्दाश्त नहीं की का सकती
अब मामला भी जान लीजिए
रायसेन जिले के सेहतगंज में शराब बनाने वाली कंपनी सोम डिस्टलरी के प्लांट पर 15 जून को 59 बच्चे काम करते मिले थे। गैर-सरकारी संस्था 'बचपन बचाओ' की शिकायत पर रायसेन के सेहतगंज स्थित प्लांट से बाल संरक्षण आयोग की टीम ने बच्चों को मुक्त कराया था। इस मामले में सीएम डॉ.मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
बच्चों से 15-15 घंटे काम लिया
सीएम के निर्देश के बाद उसी दिन रात में आबकारी आयुक्त ने रायसेन के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर, उप निरीक्षक प्रीति उइके, शेफाली शर्मा और मुकेश श्रीवास्तव को सस्पेंड कर दिया था। पुलिस ने भी फैक्ट्री संचालक पर केस दर्ज किया था। सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने श्रम विभाग के सभी नियमों को ताक पर रखकर बच्चों का शोषण किया। कंपनी बच्चों से 15-15 घंटे काम कराती थी।
कंपनी ने नहीं दिया संतोषजनक जवाब
बच्चों से काम कराने की जानकारी सामने आने के बाद आबकारी विभाग ने सोम डिस्टलरी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था, लेकिन कंपनी की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। लिहाजा, अब सरकार ने सोम डिस्टलरी को सील करने के आदेश जारी कर दिए हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में लिप्ट अधिकारियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी हुई है।