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मप्र के जिलों में एसपी (आईपीएस) ट्रांसफर लिस्ट होल्ड हो गई है। इसके साथ ही एडिशनल एसपी, सीएसपी (एसीपी) लिस्ट में भी कई नाम प्रभावित होने वाले अधिकारियों को पता चल गए हैं। इसके बाद लूपलाइन में जाने वाले अधिकारियों ने नाम रुकवाने के लिए जमकर लॉबिंग शुरू कर दी है। इसे देखते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने लिस्ट को फिलहाल होल्ड कर दिया है। इस पर नए सिरे से फिर विचार हो रहा है। अब लिस्ट आएगी तो एकदम आएगी, जिससे किसी को भी दबाव, प्रभाव डालने के लिए मौका नहीं मिले।
मलाईदार जिलों के लिए जुट गए एसपी
कई मलाईदार जिले इस लिस्ट में हैं, जहां एसपी बदलना है। इसे लेकर कई आईपीएस ने लॉबिंग शुरू कर दी है। इसमें मालवा क्षेत्र में भी कई बदलाव होना है। इंदौर के भी अधिकांश डीसीपी प्रभावित हो रहे हैं और इन्हें बदला जाना है। यह सभी भी जिले की कमान चाहते हैं। इसके लिए सभी अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। रेगुलर आईपीएस की सीधी तकरार प्रमोटी आईपीएस से हो रही है।
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एएसपी, डीएसपी की लिस्ट पर सबसे ज्यादा फोन
प्रारंभिक तौर पर करीब 70 एडिशनल एसपी, डीएसपी (एसीपी) की ट्रांसफर लिस्ट थी। लेकिन इसके जारी होने में देरी होते ही एक-एक कर नाम प्रभावितों के पास आने लगे, फिर शुरू हुई लॉबिंग। सबसे ज्यादा लॉबिंग तो पीथमपुर सीएसपी के लिए हो रही है, जहां से विवेक गुप्ता बंटी गुर्जर एनकाउंटर में उलझ चुके हैं और मोबाइल बंद कर गायब हो गए हैं ताकि सीबीआई से बच सके। इसके बाद वहां नई पोस्टिंग की सुगबुगाहट आते ही लॉबिंग शुरू हो गई। इसी तरह महू के एक अधिकारी जो इंदौर में टीआई रहे वह लूपलाइन में जा रहे थे, उन्होंने भी दबाव शुरू कर दिया। हालत यह हो गई कि यह दिल्ली तक से फोन करवा रहे हैं। इसके चलते रायता पूरा ढुल गया है और अब लिस्ट को लेकर एक बार फिर मंथन हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा फोन आने वाले जगह को लेकर अब और सतर्कता बरती जा रही है।
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इंदौर में ज्यादा से ज्यादा आईपीएस लाने की तैयारी
इंदौर में बीते समय में हुई घटनाओं से सीएम बेहद नाराज हैं। खासकर हाईकोर्ट तिराहे पर हुई पुलिस के साथ मारपीट वाली घटना और जिस तरह से खाकी की भद पिटी थी। अब इस मामले में कई अधिकारी निपटने जा रहे हैं। सीएम मन बना चुके हैं कि वह खुद गृहमंत्री भी हैं और जिले के प्रभारी मंत्री भी, ऐसे में कोताही सहन नहीं करेंगे और वह बड़े स्तर पर बदलाव पर मंथन कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सीएम यहां पर एसीपी, एडिशनल डीसीपी के तौर पर अधिक से अधिक आईपीएस लाने की तैयारी कर रहे हैं। वैसे भी नए आईपीएस पदस्थापना की बांट जोह रहे हैं। आने वाली लिस्ट में इंदौर में कई बड़े नाम प्रभावित होंगे और प्रमोटी की जगह पर रेगुलर आईपीएस को तरजीह दी जाएगी, जिससे बिना दबाव-प्रभाव के काम हो सके। कुल मिलाकर खाकी का मान रहना चाहिए और जो अधिकारी यह नहीं कर सकते उनकी इंदौर में जगह नहीं होगी। दो से तीन डीसीपी भी इंदौर से प्रभावित होने की खबर है और इन्हें जिलों की कमान मिलेगी।
एसपी के हाथ नहीं होगी डीएसपी की पोस्टिंग
उधर डीजीपी द्वारा तय की जा रही नीति कि एसपी के पास डीएसपी की पोस्टिंग की पॉवर हो उसे ब्रेक लग गया है। सीएस अनुराग जैन, एसीएस होम जेएन कंसोटिया ने इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। वह इस प्रस्ताव से खुश नहीं थे। सभी का मानना था कि टीआई की पोस्टिंग की तरह ही इसमें भी दबाव-प्रभाव शुरू हो जाएगा। ऐसे में शासन स्तर पर ही सीधे डीएसपी की पोस्टिंग होगी और इसमें एसपी का दखल नहीं होगा।
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