स्टार हेल्थ इंश्योरेंस का खेल: डेंगू, चिकनगुनिया के क्लेम ही फेल

स्टार हेल्थ इंश्योरेंस (Star Health Insurance) द्वारा इंदौर और मध्य प्रदेश के मरीजों के डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल फीवर क्लेम के अस्वीकरण से लोग परेशान हैं। कंपनी 'नो नीड हॉस्पिटलाइजेशन' का तर्क देकर 60-70% मामलों में क्लेम खारिज कर रही है।

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Sanjay gupta
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देश और मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों में से एक, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस (Star Health Insurance) को लेकर हालात गंभीर हो गए हैं। इंदौर और मध्य प्रदेश में पिछले एक महीने से कई मरीज डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल फीवर के इलाज के बाद अपने इंश्योरेंस क्लेम के खारिज होने से परेशान हैं। जानकारी के अनुसार, पिछले दो महीनों में डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल फीवर के सैकड़ों मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन इंदौर में लगभग 60-70% क्लेम्स को कंपनी ने अस्वीकार कर दिया है।

क्लेम रिजेक्ट करने के पीछे की वजह

इंदौर के विभिन्न अस्पतालों से जानकारी लेने के बाद पता चला है कि अगर हर दिन 100 मरीज डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल फीवर के इलाज के लिए आते हैं, तो इनमें से 70% क्लेम को उसी दिन शाम तक कंपनी अस्वीकार कर देती है। कंपनी का तर्क है कि नो नीड फॉर हॉस्पिटलाइजेशन यानी अस्पताल में भर्ती की कोई आवश्यकता नहीं थी। कंपनी के चेन्नई स्थित एक्सपर्ट्स ने मरीजों की रिपोर्ट्स के आधार पर यह निर्णय लिया है, जिसमें कहा गया कि मरीजों को केवल बुखार था और उनकी अन्य रिपोर्ट्स सामान्य थीं। ऐसे मामलों में कंपनी का मानना है कि दो-तीन दिनों में मरीज घर पर ही ठीक हो सकते थे, इसलिए इंश्योरेंस क्लेम का कोई आधार नहीं बनता।

हालांकि सफल क्लेम्स में कंपनी कर रही पूरा भुगतान

यह भी देखा गया है कि जिन मामलों में क्लेम मंजूर किया जाता है, उनमें कंपनी पूरी राशि का भुगतान कर रही है। हालांकि, ये मामले बहुत कम हैं, और इसलिए बड़ी संख्या में मरीज इस प्रक्रिया से निराश हैं।

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कंपनी की बाजार में पकड़ और क्लेम अस्वीकरण की वजह

बता दें कि स्टार हेल्थ इंश्योरेंस (Star Health Insurance) का मध्य प्रदेश और इंदौर के बाजार में लगभग 60% हिस्सेदारी है। कोविड से पहले इस कंपनी का बाजार में लगभग 80% हिस्सा था। 2021 और 2022 में कंपनी को क्रमशः 1085 करोड़ और 1040 करोड़ रुपए का घाटा हुआ, जिसके बाद क्लेम अस्वीकार करने की समस्या शुरू हो गई। 2023 में कंपनी ने 618 करोड़ का मुनाफा और 2024 में 845 करोड़ का फायदा दर्ज किया है। कंपनी खुद को आर्थिक रूप से स्थिर करने के प्रयास में छोटी-छोटी खामियों के आधार पर क्लेम खारिज कर रही है।

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सर्वर में दिक्कत आने के बाद मैन्युअली मांगे

कंपनी का सर्वर कुछ दिन से दिक्कत दे रहा है। बताया जा रहा है कि कंपनी के पॉलिसीधारकों का डेटा लीक हो गया है और इसे बाजार में बेचा जा रहा है। इसके बाद कंपनी ने एक मैसेज जारी किया। इसमें कहा गया कि हम सर्वर की समस्या फेस कर रहे हैं, हमारी तकनीकी टीम इसे देख रही है, जल्द ही हम सलाह देंगे। अस्पताल को कहा जाए कुछ समय इंतजार करें। इसके साथ ही एक और मैसेज भेजा गया जिसमें कहा गया कि कुछ दिन पोर्टल रिस्टार्ट होने में लगेगा। इमरजेंसी के लिए मेल कर दें, क्लेम टोल फ्री नंबर पर लीजिए, साथ ही सभी दस्तावेज यहां भेज दीजिए।

नहीं आ रही कोई परेशानी 

स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के रीजनल मैनेजर डॉ विवेक चौहान ने बताया कि उन्हें इस प्रकार की कोई शिकायतें नहीं मिल रही हैं। कुछ तकनीकी परेशानी के कारण दिक्कतें जरूर थीं, मगर उनको भी सॉल्व कर लिया गया है। हम मेल से भी लोगों के क्लेम पर एप्रूवल दे रहे हैं। इसके बाद भी किसी को दिक्कत आ रही है तो वे हमसे सीधे संपर्क कर सकते हैं। 

 

 

FAQ

स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने कितने प्रतिशत क्लेम्स खारिज किए हैं?
स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने इंदौर में लगभग 60-70% क्लेम्स को खारिज किया है, विशेष रूप से डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल फीवर के मामलों में।
क्लेम खारिज करने का कारण क्या है?
कंपनी का तर्क है कि मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं थी, इसलिए क्लेम का आधार नहीं बनता। वे इसे 'नो नीड फॉर हॉस्पिटलाइजेशन' के रूप में दर्शाते हैं।
क्या कंपनी सफल क्लेम्स का पूरा भुगतान कर रही है?
हां, जिन मामलों में क्लेम मंजूर किए गए हैं, उनमें कंपनी पूरी राशि का भुगतान कर रही है, लेकिन ऐसे मामले बहुत कम हैं।
कंपनी की बाजार में स्थिति क्या है?
स्टार हेल्थ इंश्योरेंस मध्य प्रदेश और इंदौर के बाजार में लगभग 60% हिस्सेदारी रखती है, जबकि कोविड से पहले इसका हिस्सा लगभग 80% था।
कंपनी के सर्वर में क्या समस्या आ रही है?
कंपनी के सर्वर में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं, जिससे पॉलिसीधारकों का डेटा लीक होने की रिपोर्ट है। कंपनी ने इस संबंध में जानकारी देने के लिए मैसेज जारी किया है और सुधार का आश्वासन दिया है।

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