मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा कदम उठाते हुए 60 अस्पतालों और नर्सिंग होम के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं और इन अस्पतालों को फौरन बंद करने का आदेश दिया गया है। नियमों के मुताबिक, हर तीन साल में अस्पतालों को अपने रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराना होता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पतालों में जाकर वहां की सुविधाएं, डॉक्टरों की मौजूदगी और दूसरे जरूरी चीजें चेक करती है।
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लाइसेंस रद्द होने की वजह…
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि ग्वालियर के ये 60 अस्पताल या तो रिन्यूअल के लिए आवेदन ही नहीं किए या फिर चेकिंग के दौरान इनमें बड़ी कमियां पाई गईं। इन कमियों में डॉक्टरों की कमी, जरूरी मशीनों का न होना और नियमों का पालन न करना शामिल था। 31 मार्च 2025 तक इन अस्पतालों ने अपनी गलतियां सुधारी नहीं, जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMHO) ने इनके लाइसेंस कैंसिल कर दिए। CMHO ने साफ कहा है कि ये अस्पताल तुरंत बंद करें, वरना कानूनी कार्रवाई होगी।
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जानिए कौन-कौन से अस्पताल हुए बंद
जिन अस्पतालों के लाइसेंस रद्द हुए, उनमें आदर्श अस्पताल, अंबिका मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, अनमोल अस्पताल, बालाजी हॉस्पिटल, चांदक अस्पताल, ग्वालियर सिटी हॉस्पिटल, लाइफलाइन हॉस्पिटल और सोफिया हॉस्पिटल जैसे कई नाम हैं। इनमें से कई अस्पताल अलग-अलग समाजसेवी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे थे।
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मरीजों की सुरक्षा के लिए उठाया कदम….
यह कार्रवाई मरीजों की सुरक्षा और बेहतर इलाज की सुविधा देने के लिए की गई है। अस्पताल चलाने वालों को चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने आदेश नहीं माना, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।एमपी स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि मरीजों के हित में ऐसी कार्रवाई आगे भी होती रहेगी।