मध्य प्रदेश में मौसम का स्ट्रांग सिस्टम बना हुआ है। जिसके चलते भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। गुरुवार को भी कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। भोपाल में सुबह से रिमझिम बारिश होती रही। दोपहर से तेज बारिश शुरु हो गई। इधर मौसम विभाग में प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
गरज-चमक के साथ बारिश का हाईअलर्ट
मध्य प्रदेश मौसम विभाग के अनुसार भोपाल, नर्मदापुरम, रायसेन, विदिशा, श्योपुर, नीमच, मंदसौर, टीकमगढ़, छतरपुर खजुराहो, कटनी, मैहर, में तेज बारिश जारी रहने की संभावना है। वहीं मौसम विभाग ने रीवा, सीधी, शहडोल, और पन्ना में गरज चमक के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
28 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम होगा एक्टिव
मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक 28 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी हो सकती है। 29 और 30 जुलाई को उत्तरी हिस्से में तेज बारिश होने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिक की माने तो मानसून ट्रफ ऊपर चली गई है। यह मानसून ट्रफ के साथ मर्ज हो गया है। इन वजहों से प्रदेश में बारिश हो रही है। झारखंड पर बने चक्रवात के बांग्लादेश की तरफ चले जाने से मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में कुछ कमी आ सकती है।
पिछले 24 घंटे में कहां कितना हुई बारिश
प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान टीकमगढ़ में 88, सागर में 65.2, उमरिया में 49.6, खरगोन में 24.2, मंडला में 24, गुना में 23.2, जबलपुर में 20.6, दमोह में 15, खजुराहो में 12.4, खंडवा में 10, सीधी में 8.6, उज्जैन में 4.6, सतना में 4.1, रतलाम में 4, धार एवं सिवनी में 3.2, नर्मदापुरम में तीन, इंदौर में 2.7, रीवा में 2.4, भोपाल में 0.6 मिलीमीटर बारिश हुई।
प्रदेश में इन मौसम प्रणालियों के असर
पाकिस्तान के पास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इसके अतिरिक्त गुजरात से लेकर केरल तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। इन मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी आ रही है। इससे मानसून की सक्रियता बरकरार है।
क्या है मौसम प्रणाली ?
मौसम पूर्वानुमान भविष्य के समय और किसी दिए गए स्थान के लिए वायुमंडल की स्थिति की भविष्यवाणी करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग है। पृथ्वी की मौसम प्रणाली एक अव्यवस्थित प्रणाली है नतीजतन प्रणाली के एक हिस्से में छोटे बदलाव पूरे सिस्टम पर बड़े प्रभाव डाल सकते हैं।
क्या है द्रोणिका ?
आसमान पर बादलों के बीच जब ठंडी और गर्म हवाए आपस में मिलती है तो एक कम दबाव का क्षेत्र बनता है। उस सिस्टम से निकलने वाली पट्टी को द्रोणिका कहते है। इसमे अचानक ही मौसम में बदलाव हो जाता है और हवाओं के साथ तेज बारिश हो जाती है।
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