अरुण तिवारी, BHOPAL. पिछले सात सालों से प्रदेश के युवा सब इंस्पेक्टर की परीक्षा की राह तक रहे हैं, लेकिन अभी उनको और इंतजार करना होगा। सरकार सब इंस्पेक्टर की परीक्षा के पैटर्न में बदलाव करने जा रही है। अब ये परीक्षा पीएससी की तर्ज पर होगी। जब सरकार इस व्यवस्था को लागू कर देगी तब सब इंस्पेक्टर की परीक्षा आयोजित की जाएगी। आखिरी बार प्रदेश में 2016 और 2017 में एसआई की भर्ती की गई थी। अभी सरकार प्रभारी एसआई से काम चला रही है।
प्रदेश में करीब 1600 एसआई के पद खाली हैं
साल 2016 में 863 और साल 2017 में 611 पदों के लिए सब इंस्पेक्टरों की भर्ती निकाली गई थी। इसके बाद सात साल हो गए हैं, लेकिन एसआई के पदों पर भर्ती नहीं निकाली गई है। एसआई के पद प्रभारी व्यवस्था पर चल रहे हैं। एएसआई को प्रमोट कर एसआई का कार्यभार दिया गया है। प्रदेश में करीब 1600 एसआई के पद खाली हैं। इन पदों पर ही एएसआई को पदस्थ किया गया है। विधानसभा में भी यह मामला उठा। इस मामले को कांग्रेस विधायक नितेंद्र राठौर ने उठाया।
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एक पद पर दस उम्मीदवारों को चुना जाएगा
नितेंद्र के सवाल का जवाब गृह राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने दिया। सरकार इस सवाल पर ये नहीं बता पाई कि कब तक ये परीक्षा आयोजित की जाएगी। दरअसल सरकार एसआई की परीक्षा में बदलाव करने जा रही है। पहले ये परीक्षा 200 नंबर का सामान्य ज्ञान का पेपर और दस अंक इंटरव्यू के लिए दिए जाते थे। अब इस परीक्षा को पीएससी की तर्ज पर आयोजित किया जाएगा। पहले प्री एग्जाम होगा जिसमें एक पद पर दस उम्मीदवारों को चुना जाएगा। इसके बाद मेंस परीक्षा होगी। इसमें सफल होने वाले उम्मीदवारों का इंटरव्यू और फिजिकल टेस्ट होगा। इसके बाद ही एसआई के लिए सिलेक्शन होगा। सरकार इस बदलाव की नियम प्रक्रिया तैयार कर रही है। इसके लागू होने के बाद ही एसआई के एग्जाम होंगे।
मप्र पुलिस में 15 हजार पद खाली हैं
इंडियन जस्टिस रिपोर्ट के अनुसार 835 लोगों पर एक पुलिसकर्मी होना चाहिए, लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसी स्थति नहीं है। एमपी में 1051 लोगों पर एक पुलिसकर्मी है। इसका कारण है पुलिस में पड़े खाली पद। मध्यप्रदेश पुलिस में 15 हजार पद खाली हैं। विधानसभा चुनाव के पहले छह हजार आरक्षकों की भर्ती की गई थी। पुलिस बल में कमी के कारण ही प्रदेश में अपराधों में कमी नहीं आ पा रही है।